राष्ट्रभक्त मुसलमानों का संघ में स्वागत है
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा
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भारत माता की जय कहने वाले मुसलमान आएं
औरंगजेब का वंशज कहने वालों के लिए गेट बंद
वाराणसी, 07 अप्रैल (एजेंसियां)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक (प्रमुख) मोहन भागवत ने राष्ट्रभक्त मुसलमानों को संघ में शामिल होने का न्यौता दिया है। मोहन भागवत ने कहा, संघ में देशभक्त मुस्लिमों का स्वागत है, लेकिन खुद को औरंगजेब का वंशज मानने वालों के लिए नहीं। भगवा और भारत माता की जय को अंगीकार करने वाले मुसलमानों का संघ में स्वागत है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने स्पष्ट किया कि पूजा-पद्धति या धार्मिक रीति-रिवाजों को लेकर संघ कोई भेदभाव नहीं करता है। हर जाति-संप्रदाय के लोगों के लिए संघ के दरवाजे खुले हुए हैं। उन्होंने इस दौरान हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई सबका नाम लिया। मोहन भागवत ने मुगल आक्रांताओं के महिमा-गान पर करारा प्रहार करते हुए कहा, जो लोग खुद को औरंगजेब का वंशज मानते हैं, उनके लिए संघ में कोई जगह नहीं है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में पहले से ही राष्ट्रीय मुस्लिम मंच सक्रिय है। मुहम्मद अफजल इसके राष्ट्रीय संयोजक हैं, वहीं इंद्रेश कुमार मार्गदर्शक की भूमिका में हैं। मोहन भागवत ने स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत की संस्कृति एक है और भारत माता की जय और भगवा ध्वज उस संस्कृति के प्रतीक हैं। इसका सम्मान करना प्रत्येक देशवासी का धर्म और कर्तव्य है।
संघ प्रमुख ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन एवं पूजा-अर्चना की। उन्होंने स्वयंसेवकों के साथ संवाद भी किया और संघ में मुस्लिमों एवं जातियों को लेकर जवाब दिया। मोहन भागवत ने कहा कि हम संघ में किसी की जाति नहीं पूछते। संघ में अनुसूचित जाति-जनजातियों के प्रतिनिधित्व के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम किसी से पूछते नहीं हैं। इस दौरान उन्होंने तब का एक किस्सा भी सुनाया, जब वो नए-नए सरकार्यवाह चुने गए थे। उन्होंने बताया, सुरेश सोनी उस दौरान सह-सरकार्यवाह चुने गए। इस दौरान मीडिया ने चलाया कि भागवत गुट की विजय हुई है, ओबीसी को प्रतिनिधित्व देने के लिए सुरेश सोनी को रखा गया है। मैंने मीडिया में खबरें देखकर सुरेश सोनी से पूछा कि क्या वो ओबीसी समाज से आते हैं? इसपर वो मुस्कुराकर रह गए। मोहन भागवत ने कहा कि संघ में ऐसा वातावरण है कि आजतक उन्हें नहीं पता है कि सुरेश सोनी किस जाति से आते हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत मलदहिया के लाजपत नगर पार्क की शाखा पर पहुंचे। यहां उन्होंने शाखा के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और वहीं पर स्वयंसेवकों के सवालों के जवाब भी दिए। इस दौरान एक सवाल आया कि क्या आरएसएस की शाखा में कोई भी आ सकता है। इस पर संघ प्रमुख ने कहा कि आरएसएस की शाखा में मत, संप्रदाय, जाति, पंथ और भाषा के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने एक बात और स्पष्ट करते हुए कहा कि जो भी भारत माता की जय बोल सकता है, उसके शाखा आने पर कोई मनाही नहीं है। उन्होंने कहा कि संघ की शाखा में सभी का स्वागत है, बस उन लोगों को छोड़कर जो खुद को औरंगजेब का वंशज मानते हैं।
संघ के स्वयंसेवक का सवाल था कि क्या हम अपने मुस्लिम पड़ोसियों को भी शाखा में ला सकते हैं। इसी के जवाब में संघ प्रमुख ने कहा, संघ की शाखा के दरवाजे उन सभी के लिए खुले हैं, जो भारत माता की जय बोलते हैं और भगवा ध्वज का सम्मान करते हैं। आरएसएस की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर भेदभाव का कोई विचार नहीं है। उन्होंने कहा, उन लोगों को छोड़कर सभी यहां आ सकते हैं, जो खुद को औरंगजेब का वंशज मानते हैं। संघ की शाखा में पूजा पद्धति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। हमारी जाति, पंथ, संप्रदाय अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन संस्कृति तो एक ही है।
उन्होंने कहा, किसी भी पंथ, समुदाय के लोग संघ की शाखा में आ सकते हैं। मोहन भागवत ने इस दौरान अखंड भारत की अवधारणा पर भी बात की। कुछ लोगों को लगता है कि अखंड भारत का विचार व्यवहारिक नहीं है, लेकिन सच यह है कि ऐसा संभव है। आज सिंध प्रांत की हालत देखिए। भारत से जिन हिस्सों को अलग किया गया था, उनके साथ आज भेदभाव की स्थिति है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ में कभी भी किसी से भेदभाव नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी शाखाओं में हमेशा से सबकी एंट्री रही है।