जजों ने कहा, संविधान से ही मिलेगा समाधान
सुप्रीम कोर्ट के जजों ने मणिपुर के अशांत इलाकों का दौरा किया
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मणिपुर शांति बहाली के लिए केंद्र प्रतिबद्ध: मेघवाल
इंफाल, 23 मार्च (एजेंसियां)। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एन कोटिश्वर सिंह ने मणिपुर की स्थितियों पर बेहतर नियंत्रण की उम्मीद जताई है। उन्होंने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि अगर लोग संविधान का पालन करें, तो मुश्किल समय में भी समाधान मिल सकता है। उन्होंने कहा कि मणिपुर एक छोटा राज्य है और यहां चुनौतियां हैं, लेकिन संविधान हमें मुश्किल वक्त में दिशा दिखाता है।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को मणिपुर के चुराचांदपुर और विष्णुपुर जिलों का दौरा किया। वहां उन्होंने लोगों में आशा और सकारात्मकता देखी। न्यायाधीशों के प्रतिनिधिमंडल ने आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों से बातचीत की और चुराचांदपुर जिले के लामका में वर्चुअली एक कानूनी सेवा शिविर, चिकित्सा शिविर और कानूनी सहायता क्लिनिक का उद्घाटन भी किया। न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह ने कहा कि चुनौतियों का सामना हम संविधान का पालन करके कर सकते हैं। चुराचांदपुर की परंपराएं समृद्ध हैं और वहां का समुदाय जीवंत है। इसके साथ ही न्यायमूर्ति सिंह ने लोगों से आह्वान किया कि वे देश को मजबूत बनाने के लिए काम करें और इसे कमजोर करने के लिए कुछ न करें। उन्होंने वकीलों से भी कहा कि वे अपनी मेहनत और ईमानदारी से काम करें, क्योंकि मणिपुर जैसे दूर-दराज के राज्य में काम करते हुए भी उनकी मेहनत को पहचान मिलती है। मणिपुर उच्च न्यायालय की स्थापना की 12वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में सुप्रीम कोर्ट के कई न्यायाधीश शरीक हुए।
न्यायमूर्ति बीआर गवई के नेतृत्व में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर है। शनिवार को उन्होंने राहत शिविरों का दौरा किया और आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों से बातचीत की। न्यायमूर्ति बीआर गवई ने लोगों से मणिपुर में शांति वापस लाने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया और उम्मीद जताई कि पूर्वोत्तर राज्य में चल रहा कठिन दौर कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका की सहायता से जल्द ही खत्म हो जाएगा।
मणिपुर हाईकोर्ट के स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद, संसद के दोनों सदनों में इस मामले पर चर्चा की गई और शांति बहाल करने की जरूरत पर जोर दिया गया। मेघवाल ने कहा कि मणिपुर में शांति बहाल करने की प्रक्रिया में प्रगति हुई है और इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है। केंद्र सरकार मणिपुर राज्य में जल्द ही शांति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। मेघवाल ने कहा, मैं मणिपुर में चल रही शांति प्रक्रिया में तेजी के लिए प्रार्थना करता हूं ताकि राज्य प्रगति कर सके और विकसित भारत में योगदान दे सके। कार्यक्रम में मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, सुप्रीम कोर्ट और मणिपुर हाईकोर्ट के न्यायाधीश भी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि मणिपुर में इम्फाल घाटी के मेइतेई समुदाय और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी-जो समुदाय के बीच 2023 में जातीय संघर्ष भड़क उठा था। हिंसा का मुख्य कारण मणिपुर उच्च न्यायालय का वह आदेश था, जिसमें मैतेई समुदाय को आदिवासी श्रेणी में शामिल करने की बात कही गई थी। इससे मेइतेई समुदाय को आरक्षित वर्ग के फायदे जैसे सरकारी नौकरियों और योजनाओं का लाभ मिल सकता था, लेकिन कुकी-जो समुदाय इस फैसले से असहमत थे और उनका मानना था कि इससे उनके अधिकारों पर खतरा आ सकता है। मई 2023 में इस विवाद ने हिंसक संघर्ष का रूप ले लिया, जिसमें अब तक 250 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं।