गंगा संरक्षण के लिए 548 करोड़ की परियोजनाओं को मिली मंजूरी

गंगा संरक्षण के लिए 548 करोड़ की परियोजनाओं को मिली मंजूरी

लखनऊ/नई दिल्ली11 अप्रैल (एजेंसियां)। गंगा के संरक्षण और पुनर्जीवन को एक नई गति देने की दिशा में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) की 61वीं कार्यकारी समिति की बैठकएनएमसीजी के महानिदेशक राजीव कुमार मित्तल की अध्यक्षता में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस बैठक में गंगा नदी के पुनर्जीवन को समर्पित कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई। ये परियोजनाएं न केवल गंगा की निर्मलता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक ठोस कदम हैंबल्कि सतत विकास को प्रोत्साहित करने और इस पावन नदी की समृद्ध पर्यावरणीय एवं सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने की दिशा में भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

कार्यकारी समिति की बैठक में रामगंगा नदी में प्रदूषण की रोकथाम के लिए मुरादाबाद जोन-3 और जोन-4 में इंटरसेप्शनडायवर्जनएसटीपी और अन्य संबद्ध कार्यों से जुड़ी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को मंजूरी दी गई। 409.93 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य रामगंगा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाना है। परियोजना के तहत जोन-3 में 15 एमएलडी और जोन-4 में 65 एमएलडी क्षमता वाले आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही 5 प्रमुख नालियों को इंटरसेप्ट कर डायवर्ट किया जाएगा। इस योजना में 50 केएलडी क्षमता का सेप्टेज को-ट्रीटमेंट सुविधा भी प्रस्तावित हैजो मलजल प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाएगी। यह परियोजना सिर्फ निर्माण तक सीमित नहीं हैबल्कि इसमें आगामी 15 वर्षों तक संचालन एवं रखरखाव भी शामिल हैजिससे इसके सतत और दीर्घकालिक प्रभाव को सुनिश्चित किया जा सके।

कार्यकारी समिति की बैठक में कानपुर शहरउत्तर प्रदेश के 14 अनटैप नालों के इंटरसेप्शन और डायवर्जन से जुड़ी एक अहम परियोजना को 138.11 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत पर मंजूरी दी गईजो शहर की जल निकासी और स्वच्छता प्रणाली को एक नई दिशा देगी। इस परियोजना के अंतर्गत नालों से सीधे नदी में गिरने वाले सीवेज को रोककरउसे प्रस्तावित सीवेज पंपिंग स्टेशनों और मैनहोल्स के माध्यम से शोधन केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा। इसमें एक वर्ष के संचालन और रखरखाव की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।

कार्यकारी समिति ने उपचारित जल के सुरक्षित पुन: उपयोग के लिए राज्य नीति और व्यवसाय मॉडल के विकास तथा एनएमसीजी के लिए एक पॉडकास्ट श्रृंखला के निर्माण को भी मंजूरी दी है। इसमें उपचारित जल के सुरक्षित पुन: उपयोग से जुड़ी नीतियों के विकासउत्तर प्रदेश के कानपुर के लिए एक व्यवसाय मॉडल तैयार करनाऔर नमामि गंगे: ट्रांसफॉर्मिंग इंडियाज़ लाइफलाइन शीर्षक से पॉडकास्ट श्रृंखला का निर्माण शामिल है। यह श्रृंखला एनएमसीजी की पहलों के प्रति जागरूकता बढ़ानेज्ञान का प्रसार करने और उपचारित जल के सुरक्षित पुन: उपयोग को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित होगी।

Read More  100 क्विंटल से ऊपर गेहूं विक्रय पर किसानों को सत्यापन से छूट

कार्यकारी समिति ने बोट्स ऑफ द गंगा बेसिन: रिवराइन एंड मेरीटाइम हेरिटेज शीर्षक वाली एक विशेष डॉक्यूमेंट्री फिल्म के निर्माण को मंजूरी दी है। यह फिल्म गंगा बेसिन में सदियों से फलती-फूलती लकड़ी की पारंपरिक नाव निर्माण कला को एक नए अंदाज़ में प्रस्तुत करेगी। डॉक्यूमेंट्री का फोकस गंगा बेसिन में विकसित नाव निर्माण की सांस्कृतिक गहराई और ऐतिहासिक विरासत पर होगा। यह केवल नावों की बनावट की कहानी नहीं होगीबल्कि उन कारीगरों की ज़िंदगियों का जीवंत चित्रण भी करेगीजिनके हाथों ने इस परंपरा को पीढ़ियों से संजो कर रखा है।

Read More संस्थान निजी पर सरकारी दर पर भर रहे बिजली बिल

इन पहलों के सफल क्रियान्वयन के पश्चात गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों की स्वच्छता और पुनर्जीवन के प्रयासों को एक नई दिशा और गति मिलेगी। ये परियोजनाएं न केवल प्रदूषण नियंत्रण और जल संरक्षण में सहायक होंगीबल्कि नदी तटीय विरासत के संरक्षण और सतत जल प्रबंधन प्रणाली के विकास में भी मील का पत्थर साबित होंगी। इन पहलों के माध्यम से नदियों से जुड़ी पारिस्थितिकीय चुनौतियों का समाधान करउन पर निर्भर जनसमुदायों के लिए एक स्वच्छस्वस्थ और टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित किया जा सकेगा।

Read More जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट पर अंतिम निर्णय अगले गुरुवार को: सिद्दारमैया

Tags: