भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाएंगे 26 लड़ाकू विमान
राफेल मरीन के लिए भारत-फ्रांस के बीच हुई मेगा डील
आईएनएस विक्रांत और विक्रमादित्य पर तैनात होंगे विमान
नई दिल्ली, 11 अप्रैल (एजेंसियां)। भारतीय वायुसेना के लिए फ्रांस से अत्याधुनिक राफेल विमानों के सौदे के बाद अब रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए भी राफेल मरीन खरीदने के लिए डील पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत 63,000 करोड़ रुपए में फ्रांस भारत को 26 राफेल मरीन फाइटर जेट्स देगा।
ताजा करार के तहत भारत सरकार को फ्रांस 22 सिंगल सीटर राफेल जेट देगा और 4 ट्विन सीटर जेट देगा। ट्विन सीटर जेट का इस्तेमाल ट्रेनिंग पर्पज के लिए किया जाएगा। कम समय में टेक-ऑफ करने में सक्षम ये फाइटर जेट्स भारतीय नौसेना की ताकत को कई गुना तक बढ़ा देंगे। फ्रांस से डिलीवरी मिलने के बाद इ्न्हें आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात किया जाएगा।
गौरतलब है कि 50.1 फीट लंबा राफेल मरीन बहुत ही हल्का एयरक्राफ्ट है, जो कि केवल 15,000 किलो का है। 3700 रेंज की मारक क्षमता वाला ये फाइटर जेट 2205 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार यानि 2 मैक से अधिक की गति के साथ उड़ान भरने में सक्षम है। अगर इसकी ईंधन क्षमता की बात करें तो 11,202 किलो ग्राम वजन का इसका फ्यूल टैंक है, जो कि इतने ही वजन के साथ 52,000 फीट की ऊंचाई तक आराम से उड़ सकता है।
इसमें लगाए गए हथियारों को देखा जाए तो इसमें तीन तरह की एयर टू एयर मिसाइल, सात एयर टू सरफेस मिसाइल और एक परमाणु मिसाइल लगाए जा सकते हैं। इसके अलावा इसमें एक 30 एमएम की क्षमता वाली ऑटोकैनन गन लगी हुई है। इसमें लगाया गया एईएसए रडार सिस्टम इसे डिटेक्शन और ट्रैकिंग अच्छी सुविधा देता है। साथ ही इसमें स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम भी लगा है, जो कि इसे स्टील्थ क्षमताएं देता है। इसकी खास बात ये है कि फ्यूल के लिए इसे जमीन पर आने की जरूरत नहीं है। ये एयर रिफ्यूलिंग में सक्षम है।
गौरतलब है कि दक्षिण एशिया में चीन के अलावा किसी और देश के पास उसका एयरक्राफ्ट कैरियर है। ऐसे में राफेल मरीन के भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद हिंद प्रशांत क्षेत्र में रक्षा के कार्यों में सेना को बड़ी मदद मिलेगी। इससे सेनाओं की ताकत बढ़ जाएगी।