एआईएडीएमके और भाजपा में हुआ गठबंधन
तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी ने खेला बड़ा दांव
अमित शाह और पलानीस्वामी की साझा घोषणा
तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष बने नैनार नागेंद्रन
चेन्नई, 11 अप्रैल (एजेंसियां)। तमिलनाडु में भाजपा और एआईएडीएमके के बीच आगामी विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एआईएडीएमके नेता ईके पलानीस्वामी के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की। अमित शाह ने यह भी कहा, एनडीए पलानीस्वामी के नेतृत्व में राज्य में चुनाव लड़ेगा। चेन्नई में एआईएडीएमके नेता ईके पलानीस्वामी के साथ प्रेसवार्ता में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, आज एआईएडीएमके और भाजपा के नेताओं ने मिलकर तय किया है कि आने वाला तमिलनाडु विधानसभा चुनाव एआईएडीएके, भाजपा और सभी साथी दल मिलकर एनडीए के रूप में एक साथ लड़ेंगे। अमित शाह ने कहा, ये चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मोदी के नेतृत्व में और राज्य स्तर पर एआईएडीएमके नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़े जाएंगे। हम जनता के असली मुद्दों को लेकर मिल कर जनता के बीच ले जाएंगे और मैं मानता हूं कि तमिलनाडु की जनता असली मुद्दों को जानती है और डीएमके से जवाब भी चाहती है।
दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी ने तमिलनाडु इकाई के नए अध्यक्ष के रूप में नैनार नागेंद्रन को चुना है। यह फैसला न सिर्फ भाजपा की रणनीति में बदलाव का संकेत देता है, बल्कि 2026 के विधानसभा चुनावों में डीएमके-कांग्रेस गठबंधन को कड़ी टक्कर देने की तैयारी को भी दर्शाता है। नैनार नागेंद्रन के नामांकन में सबसे रेखांकित करने वाली बात यह रही कि मौजूदा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने खुद उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे पार्टी के बड़े नेताओं ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया।
डीएमके-कांग्रेस को हराने के लिए भाजपा और एआईएडीएमके गठबंधन की धुरी नागेंद्रन बन सकते हैं। वे थेवर समुदाय से हैं, जो दक्षिणी तमिलनाडु में प्रभावशाली है। भाजपा को उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में तमिलनाडु में सत्ता परिवर्तन अवश्य होगा। तमिलनाडु के तिरुनेलवेली विधानसभा सीट से भाजपा विधायक नयनार नागेंद्रन ने अकेले इस पद के लिए नामांकन दाखिल किया था। पार्टी ने कहा कि उनके नाम का प्रस्ताव वर्तमान अध्यक्ष के अन्नामलई, केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन, पूर्व केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन और भाजपा विधायक और महिला मोर्चा अध्यक्ष वनथी श्रीनिवासन ने रखा। उनके नाम की घोषणा के लिए खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चेन्नई पहुंचे और नागेंद्रन-अन्नामलाई के साथ नागेंद्रन को तमिलनाडु भाजपा का अध्यक्ष घोषित किया। इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने एआईएडीएमके के साथ गठबंधन का भी ऐलान कर दिया।
नैनार नागेंद्रन तमिलनाडु की तिरुनेलवेली विधानसभा सीट से भाजपा के मौजूदा विधायक हैं। दक्षिणी तमिलनाडु में उनकी मजबूत पकड़ और संगठनात्मक क्षमता उन्हें एक जाना-माना नाम बनाती है। नागेंद्रन पहले एआईएडीएमके के साथ थे और जयललिता सरकार में 2001 से 2006 तक मंत्री रहे। उन्होंने बिजली और उद्योग जैसे महत्वपूर्ण विभागों को संभाला और अपनी प्रशासनिक क्षमता का लोहा मनवाया। 2017 में वे भाजपा में शामिल हुए और जल्द ही पार्टी के भीतर अहम भूमिका में आ गए। अभी तक वे भाजपा की तमिलनाडु इकाई के उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रहे थे और अब उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया है।
नागेंद्रन का सबसे बड़ा ताकतवर पक्ष है उनका थेवर समुदाय से होना। तमिलनाडु में थेवर समुदाय का दक्षिणी जिलों में खासा प्रभाव है। यह समुदाय न सिर्फ सामाजिक रूप से मजबूत है, बल्कि सियासी तौर पर भी वोटों को प्रभावित करने की ताकत रखता है। भाजपा का मानना है कि नागेंद्रन के नेतृत्व में पार्टी दक्षिणी तमिलनाडु में अपनी पैठ बढ़ा सकती है, जहां उसका प्रभाव अभी सीमित है।
नैनार नागेंद्रन का चयन भाजपा की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। तमिलनाडु में भाजपा अभी चार विधायकों वाली पार्टी है, लेकिन उसका लक्ष्य 2026 में सत्ता पर कब्जा करना है। इसके लिए पार्टी को न सिर्फ संगठन को मजबूत करना है, बल्कि गठबंधन की जमीन भी तैयार करनी है। नागेंद्रन कई मायनों में इस रणनीति के लिए सही चेहरा हैं। नागेंद्रन का एआईएडीएमके के साथ पुराना नाता है। जयललिता और ओ पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व में उन्होंने मंत्री के रूप में काम किया और पार्टी की संस्कृति व संवेदनशीलता को अच्छी तरह समझते हैं। 2023 में एआईएडीएमके और भाजपा का गठबंधन टूटने की एक बड़ी वजह थी अन्नामलाई की आक्रामक शैली और उनके जयललिता व अन्नादुरई जैसे नेताओं पर तीखे बयान। अन्नामलाई के नेतृत्व में एआईएडीएमके के साथ गठबंधन में दिक्कतें आ रही थी, क्योंकि खुद अन्नामलाई ही इसमें सहज नहीं थे। अब अन्नामलाई संगठन के जरूरी मुद्दों को देख सकेंगे और पार्टी अध्यक्ष होने के नाते नागेंद्रन एआईएडीएमके के साथ भाजपा के गठबंधन को आगे बढ़ा सकेंगे।
तमिलनाडु की सियासत में जातीय समीकरण अहम भूमिका निभाते हैं। वर्तमान में भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई और एआईएडीएमके महासचिव ई पलानीस्वामी दोनों गौंडर समुदाय से हैं, जो पश्चिमी तमिलनाडु में प्रभावशाली है। लेकिन गौंडर नेताओं की मौजूदगी से गठबंधन में संतुलन बिगड़ने का खतरा था। नागेंद्रन थेवर समुदाय से हैं, जिसका प्रभाव दक्षिणी तमिलनाडु में है। भाजपा का मानना है कि थेवर समुदाय का नेतृत्व गठबंधन को मजबूत करेगा और दोनों पार्टियाँ अलग-अलग क्षेत्रों में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सकेंगी।
नागेंद्रन का मंत्री के रूप में अनुभव और भाजपा में उपाध्यक्ष के तौर पर उनकी सक्रियता उन्हें एक मजबूत नेता बनाती है। 2017 में भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने दक्षिणी तमिलनाडु में पार्टी के विस्तार में अहम भूमिका निभाई। तिरुनेलवेली जैसे क्षेत्रों में उनकी लोकप्रियता भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। अन्नामलाई ने अपनी आक्रामक शैली और एन मक्कल जैसे अभियानों से भाजपा को तमिलनाडु में नई पहचान दी। लेकिन उनकी शैली एआईएडीएमके के साथ तनाव का कारण बनी। नागेंद्रन की शांत और संतुलित छवि गठबंधन के लिए ज्यादा अनुकूल मानी जा रही है। साथ ही अन्नामलाई ने खुद उनके नाम का प्रस्ताव देकर यह संदेश दिया है कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है।