नए लेआउट के लिए अनिवार्य अनुमति देने की प्रक्रिया जारी: शिवकुमार

नए लेआउट के लिए अनिवार्य अनुमति देने की प्रक्रिया जारी: शिवकुमार

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो|  उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने गुरुवार को विधान परिषद को बताया कि बेंगलूरु शहर के स्थानीय नियोजन क्षेत्र के लिए संशोधित समग्र विकास मास्टर प्लान को २०१५ में मंजूरी दी गई थी और इसके तहत बस्तियों के निर्माण की अनुमति देने की प्रक्रिया चल रही है|

प्रश्नकाल के दौरान जेडीएस सदस्य टी.ए. सरवण के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि भले ही झील वर्तमान में राजस्व रिकॉर्ड में झील के रूप में सूचीबद्ध है, लेकिन मास्टर प्लान के नियमों के अनुसार झील के किनारे से ३० मीटर का बफर आरक्षित होना चाहिए| दशकों पहले बेंगलूरु में सिटी इम्प्रेस्ट ट्रस्ट बोर्ड कुछ निर्जीव झीलों का उपयोग आवासीय सम्पदा बनाने के लिए कर रहा था| बेजान झीलों पर बस्तियां बसाने को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है| उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी भी झील पर कोई बस्तियां नहीं बसाई जा रही हैं|

उन्होंने कहा कि यदि कोई ऐसा विशिष्ट मामला है, जहां ऐसे क्षेत्रों में बस्तियां बनाई गई हैं, जिन्हें निर्जीव झीलों के रूप में पहचाना गया है और मंजूरी का इंतजार है, तो उनके ध्यान में लाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी| उन्होंने कहा कि मृत झीलों की पहचान करने और उन्हें विकास कार्यों के लिए उपयोग करने की अनुमति देने के लिए वन मंत्री और उनकी सदस्यता वाली एक समिति बनाई गई है| समिति बस्तियों के निर्माण सहित सभी मुद्दों की समीक्षा करेगी और निर्णय लेगी| इससे पहले बोलते हुए टी.ए.शरवण ने कहा कि सुभाष नगर और एचएसआर लेआउट सहित बेजान झीलों के प्रांगण में बनाए गए लेआउट को मंजूरी दे दी गई है| इसी प्रकार, उन्होंने अनुरोध किया कि अन्य क्षेत्रों में किये जाने वाले विकास कार्यों को भी मंजूरी दी जाए|

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