राष्ट्रहित प्रथम: रूस से तेल खरीदते रहेंगे

तेल खरीद पर भारत ने नहीं माना अमेरिका दबाव

 राष्ट्रहित प्रथम: रूस से तेल खरीदते रहेंगे

नई दिल्ली, 21 मार्च (एजेंसियां)। भारत सरकार ने राष्ट्रहित को प्रथम प्राथमिकता पर रखते हुए अमेरिकी दबाव के आगे झुकने से इन्कार कर दिया है। भारत सरकार रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखेगी। अमेरिका ने 14 जनवरी को ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित 400 से अधिक रूसी संस्थाओं पर लगाए गए प्रतिबंधों के बारे में भारत सरकार को सूचित किया था। लेकिन भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि अंतरराष्ट्रीय तेल खरीद पर भारत सरकार राष्ट्रीय हितों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय करती है।

विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय तेल खरीद पर भारत का फैसला विभिन्न कारकों पर आधारित हैजिनमें देश का राष्ट्रीय हित सबसे ऊपर हैं। राज्यसभा में विदेश मंत्रालय से पूछा गया कि क्या यह सच है कि अमेरिका ने भारत को रूस से तेल नहीं लेने के लिए कहा है और इसके लिए समय सीमा तय की है। इसके जवाब में विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि अमेरिका ने 14 जनवरी को ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित 400 से अधिक रूसी संस्थाओं पर लगाए गए प्रतिबंधों के बारे में सूचित किया था। उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय की ओर से घोषित प्रतिबंध के दायरे में बड़ी तेल कंपनियों व उनकी सहायक कंपनियों को भी लाया गया है। इस दायरे में एलएनजी टर्मिनलोंबीमा कंपनियोंतेल व्यापारियोंतेल जहाजों और तेल क्षेत्र सेवाओं प्रदाताओं को भी रखा गया है। लेकिन इससे भारत सरकार के फैसलों पर कोई फर्क नहीं पड़ता। विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय तेल खरीद पर भारत सरकार राष्ट्रीय हितों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय करती है। भारतीय तेल व्यापारियोंतेल क्षेत्र सेवा प्रदाताओं व बीमा कंपनियों को प्रभावित करने वाले किसी भी प्रावधान के बारे में हितधारकों को संवेदनशील बनाने के लिए कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं।

भारत ने एक जुलाई, 2022 को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया और वह उन देशों की सूची में शामिल हो गया जो ऊर्जा कंपनियों के असाधारण लाभ पर कर लगाते हैं। पिछले दो सप्ताह में तेल की औसत कीमतों के आधार पर हर पखवाड़े कर दरों की समीक्षा की जाती थी। पिछले साल दिसंबर में 30 महीने बाद इस कर को खत्म कर दिया गया था। वैश्विक तेल कंपनियां भारत में निवेश की संभावना तलाश रही हैं। ब्राजील की पेट्रोब्रास अंडमान बेसिन की खोज के लिए ऑयल इंडिया के साथ बातचीत कर रही है।

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