जोरदार धमाके से फटा एथेनॉल प्लांट का बॉयलर
बरेली, 08 अप्रैल (एजेंसियां)। आंवला-अलीगंज रोड किनारे स्थित एथेनॉल प्लांट में सोमवार की सुबह भीषण धमाके के साथ बॉयलर फट गया। प्लांट में आग भी लग गई, लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। फायर ब्रिगेड ने मशक्कत करके आग बुझाई। बॉयलर फटने से इतनी तेज धमाका हुआ कि आसपास का इलाका सहम गया।
बरेली के बिशारतगंज थाना क्षेत्र में आंवला-अलीगंज रोड पर जिंदल ग्रुप के नवनिर्मित एथनॉल प्लांट का बॉयलर सोमवार सुबह जोरदार धमाके के साथ फट गया। इससे आसपास का इलाका दहल गया। प्लांट में आग लग गई। बॉयलर की भारी भरकम कैप हवा में उड़कर करीब चार सौ मीटर दूर खेत में जाकर गिरी। खेतों में काम कर रहे किसान भाग खड़े हुए। एक किसान घायल हो गया। धमाका इतनी तेज था कि पास के गांव इस्माइलपुर में घरों की दीवार तक हिल गईं। लोग समझ नहीं पाए कि आखिर हुआ क्या। बाद में पता चला कि एथनॉल प्लांट में आग लगी है। घटना के दौरान प्रबंधन के लोग वहां से खिसक गए थे। फायर ब्रिगेड की सात गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। इस घटना में प्लांट में काम कर रहे दो मजदूर झुलसे हैं। इनका उपचार बरेली के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।
बॉयलर की कैप करीब चार सौ मीटर दूर गेहूं के खेत में जा गिरी। वहीं इसके टुकड़े इधर-उधर बिखर गए। हादसे के वक्त खेत पर काम कर रहे इस्माइलपुर निवासी किसान कुंभकरण भागते वक्त गिरकर घायल हो गए। बॉयलर के पास काम कर रहे अलीगंज के पांडी गांव निवासी मजदूर आदेश व चंद्रेश झुलस गए। प्लांट में धमाके की सूचना पर आंवला व बरेली से दमकल की सात गाड़ियां, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें पहुंच गईं। इफको व रेलवे स्टेशन रोड स्थित तेल डिपो की फायर यूनिट ने मौके पर पहुंचकर घंटों मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। घटना के बाद अधिकारियों ने मौके से करीब 100 मीटर दूर बने एथेनॉल भंडारण टैंकों को काफी देर तक पानी डालकर ठंडा कराया। डर था कि आग की गर्माहट से उन टैंकों में भाप बनकर धमाका न हो जाए।
पुलिस, प्रशासन व संबंधित विभागों के अधिकारियों की काफी देर बाद प्लांट के प्रबंधक अमन तिवारी से बात हुई। उन्होंने बताया कि प्लांट का अभी ट्रायल चल रहा है। हमारी टीम ब्लोइंग टेस्ट कर रही थी, तभी यह हादसा हो गया। कारणों की जांच की जा रही है। हालांकि, कुछ मजदूरों ने दबी जुबान बताया कि प्लांट में टेस्टिंग के दौरान कोई एक्सपर्ट मौजूद नहीं था। अगर एक्सपर्ट की मौजूदगी में टेस्टिंग की जाती तो शायद हादसा टल सकता था। एनओसी के बारे में पूछने पर अग्निशमन विभाग के अधिकारी का कहना है कि प्रबंधन से रिकॉर्ड मांगा गया है। जांच के बाद ही एनओसी व वजह के बारे में बता सकते हैं।
वहां मौजूद ठेकेदार ने बताया कि इस प्लांट में मक्के व चावल से एथनॉल तैयार किया जाता है। एथेनॉल अब पेट्रोल के साथ भी मिश्रित करके बेचा जाता है। इस प्लांट की क्षमता चार लाख लीटर की है। प्लांट कर्मियों ने बताया कि अनाज का मिश्रण स्टीम के माध्यम से रस के रूप में फरमेंटर टैंक में जाता है। तकनीक का उपयोग कर टैंक में एथनॉल बनता है। इसी टैंक में धमाका हो गया। किसान कुंभकरण ने बताया कि वह खेत में काम कर रहे थे, तभी अचानक तेज धमाका हुआ। धरती कांपी। उनकी नजर ऊपर गई तो विशालकाय चीज नीचे गिर रही थी। उससे बचने के लिए वह खेत से भाग खड़े हुए। भागते समय वह गिरकर घायल हो गए। बताया कि प्लांट के चारों ओर सैकड़ों बीघा जमीन पर गेंहू की फसल पकी खड़ी है। गनीमत रही कि बॉयलर की कैप खेतों में गिरने के बाद फसलों में आग नहीं लगी, वरना हादसा बड़ा हो सकता था।