33 लाख करोड़ देकर नए उद्यमियों को शक्ति दी

 पीएम मुद्रा योजना के 10 साल पूरा होने पर प्रधानमंत्री ने कहा

 33 लाख करोड़ देकर नए उद्यमियों को शक्ति दी

किसी भी सरकार के लिए आंख खोलने वाली है मुद्रा योजना

मुद्रा योजना से महिलाओं को सशक्त बनाने में मिली मदद

नई दिल्ली, 08 अप्रैल (एजेंसियां)। पीएम मुद्रा योजना के 10 साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मुद्रा योजना के लाभार्थियों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने कहा, इस योजना को लागू हुए दस साल हो गए हैं। सामान्य तौर पर सरकार का स्वरूप क्या रहता है। वो फैसले लेते हैंप्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं और घोषणा करते हैं कि हम ये करेंगे और फिर कुछ लोगों को बुलाकर दीये जला देते हैं। लोग ताली बजाते हैं और अखबार में छप जाता है। उसके बाद कोई नहीं पूछता। लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार ऐसी है कि दस साल बाद किसी योजना के परिणामों का मूल्यांकन करती है। हम लाभार्थियों से उनके अनुभव के बारे में पूछ रहे हैं और अगर इसमें कोई बदलाव लाने की जरूरत हैकुछ सुधार की जरूरत हैतो हम उस दिशा में भी आगे बढ़ने वाले हैं।

पीएम मोदी ने कहादेश के लोगों को बिना किसी गारंटी के 33 लाख करोड़ रुपए दिए गए हैं। आप अखबार में पढ़ते हैं कि ये अमीरों की सरकार है। अगर आप सभी अमीरों का जोड़ भी दें तो भी उन्हें 33 लाख करोड़ रुपए नहीं मिले होंगे। 33 लाख करोड़ रुपए देश के सामान्य लोगों को दिए गए हैं। आज भारत के युवाउनके पास जो इंटरप्रेन्योर स्किल हैअगर उन्हें थोड़ी सी मदद मिल जाए तो बहुत बड़े परिणाम मिलते हैं। ये मुद्रा योजना किसी भी सरकार के लिए आंख खोलने वाली है। इसमें सबसे ज्यादा महिलाएं आगे आई हैं।

आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत 10 वर्षों में 32.61 लाख करोड़ रुपए मूल्‍य के 52 करोड़ से अधिक लोन दिए गए हैं। इस योजना से देशभर में उद्यमिता क्रांति को बढ़ावा मिला है। इससे व्यापार वृद्धि अब सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रह गई हैबल्कि यह छोटे शहरों और गांवों तक फैल रही हैजहां पहली बार उद्यमी अपने भाग्य की बागडोर संभाल रहे हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत 8 अप्रैल 2015 को की गई थी। तब से दस वर्षों के दौरान 32.61 लाख करोड़ रुपए के 52 करोड़ से ज्‍यादा लोन स्वीकृत किए गए हैं। यही वजह है कि लोग अब नौकरी चाहने वाले नहीं रह गए हैंबल्कि वे नौकरी देने वाले बन रहे हैं। इस योजना से छोटे शहरों और गांवों तक कारोबार बढ़ाने में मदद मिली है। इस योजना से पहली बार कारोबार करने वाले लोगों को प्रोत्साहन भी मिला है।

एसकेओसीएच की आउटकम्स ऑफ मोदीनॉमिक्स 2014-24 की रिपोर्ट के मुताबिक 2014 से हर साल औसतन कम से कम 5.14 करोड़ व्यक्ति वर्ष रोजगार सृजित हुए हैंजिसमें अकेले पीएमएमवाई ने 2014 से प्रति वर्ष औसतन 2.52 करोड़ स्थिर और टिकाऊ रोजगार जोड़े हैं। इस परिवर्तन का एक उदाहरण जम्मू-कश्मीर हैजिसे पीएम मुद्रा योजना के तहत अत्यधिक लाभ हुआ है और 20,72,922 मुद्रा लोन स्वीकृत किए गए हैं। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस योजना से महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिली और 70 फीसदी से अधिक लोन महिला उद्यमियों के द्वारा लिए गए हैंजिससे उनकी वित्तीय स्वतंत्रता बढ़ी है। इसके साथ ही लैंगिक समानता में योगदान मिला है। पीएम मुद्रा योजना के तहत पिछले नौ वर्षों में प्रति महिलाओं को दिए जाने वाले लोन राशि 13 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़कर 62,679 रुपए हो गई। वहींप्रति महिला वृद्धिशील जमा राशि 14 फीसदी की सीएजीआर से बढ़कर 95,269 रुपए हो गई।

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एसबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 10 वर्षों में पीएम मुद्रा योजना ने 52 करोड़ से अधिक लोन खाते खोलने में मदद की हैजो उद्यमशीलता गतिविधि में भारी उछाल को दर्शाता है। पीएम मुद्रा योजना के तहत किशोर लोन (50,000 से 5 लाख रुपए)जो बढ़ते व्यवसायों का समर्थन करते हैंवित्त वर्ष 2016 में 5.9 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 44.7 फीसदी हो गए हैंजो छोटे उद्योगों की वास्तविक प्रगति को दर्शाता है। तरुण श्रेणी (5 लाख से 10 लाख रुपए) भी तेजी से आगे बढ़ रही हैजो साबित करती है कि पीमए मुद्रा योजना केवल व्यवसाय शुरू करने के बारे में नहीं हैबल्कि उन्हें बढ़ाने में मदद करती है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) का उद्देश्य वित्तपोषित न होने वाले सूक्ष्म उद्यमों और छोटे व्यवसायों को वित्तपोषित करना है। इस योजना से देशभर के छोटे शहरों और गांवों तक कारोबार बढ़ाने में मदद मिली है। इससे पहली बार कारोबार करने वाले लोगों को प्रोत्साहन मिला है। उद्यमियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से गैर-कॉर्पोरेटगैर-कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपए तक के जमानत-मुक्त ऋण प्रदान करने के लिए अप्रैल, 2015 में यह योजना शुरु की गई थी। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लाभार्थियों को तीन श्रेणियों में शिशु (50,000 रुपए तक)किशोर (50,000 से लाख रुपए तक) और तरुण (लाख से 10 लाख रुपए तक) लोन मिलता है।

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पीएम मुद्रा योजना के लाभार्थियों से बात करने के दरम्यान कुछ ऐसे भी पल आए जब प्रधानमंत्री के मजाकिया अंदाज ने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। पीएम मोदी ने एक लाभार्थी से पूछा कि अभी आप हर महीने कितने का काम करते हैं। लाभार्थी के थोड़ा झिझकने पर प्रधानमंत्री मोदी ने मजाकिया अंदाज में कहा, डरो मत, इनकम टैक्स वाला नहीं आएगा। वित्त मंत्री मेरे बगल में बैठे हैं। मैं उनको बताता हूं। आपके यहां पर इनकम टैक्स वाला नहीं आएगा। इस बात पर पूरा हॉल ठहाकों से गूंज उठा।

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पीएम मोदी से एक लाभार्थी ने कहामैं आदित्य टेक लैब का संस्थापक हूंजिसमें मैं 3-डी प्रिंटिंगरिवर्स इंजीनियरिंग और रैपिड प्रोटोटाइपिंग करता हूं और थोड़ा बहुत रोबोटिक्स भी जानता हूं क्योंकि मैं मेकाट्रॉनिक का लास्ट ईयर का छात्र हूं। मैंने 2 लाख रुपए का मुद्रा लोन लिया और मैं सोमवार से शुक्रवार तक कॉलेज जाता हूं और फिर सप्ताहांत में मैं भावनगर में अपना काम करता हूं। तो अभी मैं 30,000 से 35,000 रुपए प्रति माह कमा रहा हूं। यूपी की एक महिला लाभार्थी ने पीएम मोदी से कहा, हम आपसे वादा करते हैं कि हम सब मिलकर भारत को विकसित भारत बनाएंगे। अब हमें सरकार से लाइसेंस लेने में कोई परेशानी नहीं होती। मैं बेकरी चलाती हूं। मेरा मासिक टर्नओवर 2.5 से 3 लाख रुपए है और हमारे पास 7 से 8 लोगों का स्टाफ है।

 

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने की पीएम मुद्रा योजना की सराहना

नई दिल्ली, 08 अप्रैल (एजेंसियां)। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पीएम मुद्रा योजना की सराहना करते हुए कहा है कि यह योजना महिला उद्यमिता पर विशेष ध्यान देने के साथ जमानत-मुक्त लोन प्रदान करती हैइसने महिलाओं के स्वामित्व वाले एमएसएमई की संख्या को बढ़ाने में मदद की हैजो अब 28 लाख से अधिक हो गए हैं। इस योजना से पूरे देश में लोगों की जिंदगी बदल गई है। इस योजना ने सिलाई इकाइयों और चाय की दुकानों से लेकर सैलूनमैकेनिक की दुकानों और मोबाइल मरम्मत व्यवसायों तककरोड़ों सूक्ष्म-उद्यमियों ने आत्मविश्वास के साथ कदम आगे बढ़ाया हैयह एक ऐसी प्रणाली के द्वारा सक्षम किया गया हैजो उनकी क्षमता में विश्वास करती है। पीएमएमवाई ने गैर-कॉर्पोरेटगैर-कृषि सूक्ष्म और लघु उद्यमों को संस्थागत ऋण प्रदान करके इन यात्राओं का समर्थन किया है जो भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

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