कर्नाटक में अल्पसंख्यक आरक्षण को लेकर शिवकुमार और विजयेंद्र में तकरार

कर्नाटक में अल्पसंख्यक आरक्षण को लेकर शिवकुमार और विजयेंद्र में तकरार

बेंगलुरु 17 मार्च (एजेंसी)। कर्नाटक में नये राजनीतिक घटनाक्रम में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व और आरक्षण को लेकर आमने-सामने आ गये, जिससे कांग्रेस और भाजपा के बीच वैचारिक मतभेद गहरा गया है।
इस विवाद के केंद्र में राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा मुसलमानों को सरकारी ठेकों में चार फीसदी आरक्षण देने का कदम है। इस फैसले की विपक्षी भाजपा ने तीखी आलोचना की है। सोमवार को दोनों नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक के बाद यह टकराव और भी गरमा गया।
श्री येदियुरप्पा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कांग्रेस पर 'मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति' करने का आरोप लगाया और कहा कि यह नीति वास्तविक सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के बजाय केवल वोट बैंक को मजबूत करने के लिए बनाई गई है। उन्होंने कहा, “भाजपा कभी भी मुसलमानों के खिलाफ नहीं रही है और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , लेकिन कांग्रेस मुस्लिम समुदाय को अनुचित लाभ देकर वोट बैंक की राजनीति कर रही है।” कांग्रेस पार्टी के फैसले की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी अनुबंधों में चार फीसदी आरक्षण देने का संवैधानिक प्रावधान कहां है? उन्होंने जोर दिया कि कांग्रेस नेता अक्सर बाबासाहेब अंबेडकर और संविधान का हवाला देते हैं, लेकिन यह कदम स्पष्ट रूप से असंवैधानिक है। उन्होंने इसे चुनावी लाभ के उद्देश्य से किया गया विभाजनकारी कदम बताया और कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस सरकार की नीति का कड़ा विरोध करेगी।


दूसरी ओर श्री शिवकुमार ने कांग्रेस सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की नीति केवल मुसलमानों तक सीमित नहीं है, बल्कि ईसाई, सिख और बौद्ध सहित सभी अल्पसंख्यक समुदायों तक फैली हुई है। श्री शिवकुमार ने कवि कुवेम्पु के एक ऐसे राज्य के दृष्टिकोण का हवाला दिया, जो सभी समुदायों को गले लगाता है, और कहा कि कांग्रेस सरकार समान विकास की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने भाजपा पर अल्पसंख्यकों के उत्थान के उद्देश्य से चुनिंदा नीतियों का विरोध करने का आरोप लगाया, और विपक्ष की आलोचना को राजनीति से प्रेरित बताया।

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