राज्य के पुलिस थाने कांग्रेस कार्यालय की तरह काम कर रहे : विजयेन्द्र
-विधायकों के नाम दर्ज होने तक इंतजार करेंगे
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक बी.वाई. विजयेंद्र ने राज्य के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को चेतावनी दी है कि वे भाजपा कार्यकर्ता विनय सोमैया आत्महत्या मामले में एफआईआर में दो कांग्रेस विधायकों के नाम दर्ज होने तक इंतजार करेंगे| यहां शनिवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यदि उनका नाम एफआईआर में शामिल नहीं किया गया तो आगे जो भी होगा उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी| हम जिम्मेदार नहीं होंगे|
उन्होंने कहा कि उन्होंने एसपी से यह भी कहा था कि वह एक घंटे तक शांतिपूर्वक इंतजार करेंगे| उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से राजनीतिक दबाव में न आने को कहा और पूछा कि क्या निर्दोष भाजपा कार्यकर्ता इंसान नहीं है| उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों की विफलताओं का उल्लेख करने के बजाय तुगलक दरबार लगा रही है| विधायक क्या सोचते हैं? विजयेंद्र ने कहा कि हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती| राज्य के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री इसे हल्के में न लें, और पिछले दिनों परशुराम आत्महत्या मामले में क्या हुआ? सचिन के मामले में क्या चल रहा है? अधिकारी चंद्रशेखर के मामले में जो कुछ हुआ वह राज्य की जनता की आंखों के सामने है| यह उन अयोग्य लोगों की जिम्मेदारी है, जिन्होंने बेंगलूरु में दर्ज एफआईआर में विधायक का नाम दर्ज नहीं किया| उन्हें मजिस्ट्रेट अदालत से अनुमति लेनी होगी और विधायक का नाम जोड़ना होगा| यह अधिकारियों का कर्तव्य है| उन्होंने बताया कि उन्होंने एसपी को भी इस बारे में जानकारी दे दी है| गृह मंत्री को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए| उन्होंने बताया कि उन्होंने एसपी को यह भी बताया था कि बाद में जो कुछ भी हुआ उसके लिए वह जिम्मेदार नहीं हैं| इसका कारण पुलिस व्यवस्था है| उन्होंने पूछा कि वह पुलिस से किस तरह के न्याय की उम्मीद कर सकते हैं| पुलिस थाने के माध्यम से हमारे अधिकार छीने जा रहे हैं| उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता ऐसा नहीं होने देंगे| राज्य के पुलिस थाने कांग्रेस कार्यालय की तरह काम कर रहे हैं| उन्होंने कहा कि हर चीज की एक सीमा होती है| उन्होंने कहा कि विनय सोमैया ने दो कांग्रेस विधायकों और दो कांग्रेस कार्यकर्ताओं के नाम भी बताए हैं| इस सब के बीच, हमारे विपक्षी नेता शुक्रवार को बेंगलूरु में थे, लेकिन विधायक का नाम एफआईआर में नहीं था| उन्होंने इसे अक्षम्य अपराध बताते हुए इसकी आलोचना की| पोन्नन्ना राज्य के मुख्यमंत्री के कानूनी सलाहकार हैं| मंथर गौड़ा भी प्रभावशाली विधायक हैं| दोनों ही सत्तारूढ़ पार्टी से हैं| उन्होंने कहा कि उनके दबाव के कारण ही हमारे कार्यकर्ता ने आत्महत्या की|
-उन पर दबाव डाला गया
हम निश्चित रूप से इस बात से असहमत हैं कि पुलिस ने उनका नाम एफआईआर में छोड़ दिया है| मडिकेरी और राज्य में सोशल मीडिया एडमिन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही हैं| विनय सोमैया ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली| उनके व्हाट्सऐप मैसेज और डेथ नोट में आत्महत्या के क्या कारण बताए गए हैं? यह किस प्रकार की यातना है? क्या यह मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न है? स्थानीय विधायक पोन्नन्ना और मंथर गौड़ा ने सोशल मीडिया पर परेशान किया और उन पर दबाव डाला गया, जैसे कि पार्टी की विफलताओं को उजागर करना कोई अपराध हो| उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई कि विनय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी| उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश और जमानत के बावजूद पुलिस दरवाजे पर गई, यहां तक कि बेंगलूरु स्थित उनके घर पर भी गई| उन्होंने बताया कि इससे मानसिक रूप से परेशान विनय सोमैया ने आत्महत्या कर ली|