सरकार ऐतिहासिक आक्रमणकारियों जैसे मुहम्मद गौरी, मुहम्मद गजनी के हाथों में: कुमारस्वामी
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कर्नाटक सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि सरकार ऐतिहासिक आक्रमणकारियों जैसे मुहम्मद गौरी, मुहम्मद गजनी और मलिक काफूर के हाथों में है|
यहां आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुमारस्वामी ने कहा कि सरकार की अवैध गतिविधियों और भ्रष्टाचार के कारण राज्य विनाश के कगार पर है| हमारा राज्य विनाश के कगार पर है| इस सरकार की अवैधता, लूट और डकैती ने हमें इस मुकाम पर पहुंचा दिया है| मुहम्मद गजनी, मुहम्मद गौरी और मलिक काफूर राज्य पर शासन कर रहे हैं| वे विधान सौधा की तीसरी मंजिल पर बैठे हैं|
कुमारस्वामी ने कर्नाटक की राजनीति में सत्ता के बढ़ते दुरुपयोग की ओर भी इशारा किया| उन्होंने याद किया कि कैसे चार दशक पहले उन्होंने ४६ एकड़ जमीन खरीदी और ईमानदारी से उस पर खेती की| उन्होंने मौजूदा हालात पर निराशा जताते हुए दावा किया पिछले चार दशकों में ऐसी घृणित राजनीति और अधिकारियों का दुरुपयोग कभी नहीं हुआ| यह बयान कर्नाटक सरकार द्वारा १८ मार्च को घोषित किए जाने के बाद आया है कि कुमारस्वामी सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने में शामिल थे, जिसके कारण उनकी संपत्ति जब्त कर ली गई| उन्होंने आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया और सरकार से उनके नाम को बदनाम करना बंद करने की मांग की| उन्होंने कहा अगर अतिक्रमण है, तो कार्रवाई करें| लेकिन मेरा नाम बदनाम न करें| मैं झुकूंगा नहीं|
कुमारस्वामी ने आगे आरोप लगाया कि सरकार केतगनहल्ली में किसानों से बिक्री के कागजात एकत्र करने के लिए पुलिस का इस्तेमाल कर रही है, जिसका कथित उद्देश्य उन्हें फंसाना है| उन्होंने अपने खिलाफ की गई कार्रवाई की ईमानदारी पर सवाल उठाते हुए पूछा क्या राज्य के इतिहास में कभी ऐसा हुआ है? केंद्रीय मंत्री ने पिछड़े समुदायों के कल्याण के बारे में राज्य सरकार के दावों पर भी सवाल उठाए|
मुख्यमंत्री सिद्धरामैया द्वारा २०१६-१७ में शुरू की गई नीति का हवाला देते हुए कुमारस्वामी ने पारदर्शिता की मांग की| उन्होंने आग्रह किया सिद्धरामैया, आप ओबीसी, एससी और एसटी का उत्थान करने का दावा करते हैं - आंकड़े जारी करें| दिखाएं कि वास्तव में कितने परिवारों को लाभ हुआ है| एक श्वेत पत्र प्रकाशित करें| कुमारस्वामी ने सरकारी निविदाओं में अल्पसंख्यकों के लिए ४ प्रतिशत कोटा लागू करने के सरकार के हालिया फैसले की भी आलोचना की और इसे राजनीति से प्रेरित बताया| हाल ही में एक भाजपा कार्यकर्ता की आत्महत्या पर टिप्पणी करते हुए कुमारस्वामी ने सरकार की चुनिंदा कार्रवाई की आलोचना की| उन्होंने दावा किया अगर भाजपा या जेडी(एस) के कार्यकर्ता सरकार की आलोचना करते हुए कुछ भी पोस्ट करते हैं, तो उन्हें पुलिस स्टेशन बुलाया जाता है| यह वास्तविकता है|
उन्होंने सरकार पर विपक्षी पार्टी के सदस्यों को निशाना बनाने और कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा इसी तरह की कार्रवाई पर आंखें मूंद लेने का आरोप लगाया| उन्होंने बेंगलूरु की कचरा निपटान प्रणाली का मुद्दा भी उठाया और आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने शुरू में कचरा निपटान के लिए ६,००० रुपये प्रति टन की दर से ३० साल का अनुबंध करने की योजना बनाई थी| उन्होंने दावा किया कि चिंता जताने के बाद दर घटाकर ३,००० रुपये प्रति टन कर दी गई और टेंडर वापस ले लिया गया| उन्होंने कहा वे क्या करने की कोशिश कर रहे थे? मैंने विवरण मांगा था, लेकिन आज तक नहीं मिला|
कुमारस्वामी की टिप्पणी कर्नाटक में चल रहे जल विवाद, खासकर कावेरी नदी के मुद्दे पर थी| उन्होंने सरकार पर करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल बांध बनाने में करने और तमिलनाडु को पानी छोड़ने का आरोप लगाया| उन्होंने कहा हम कन्नड़ लोग दूसरे राज्यों के लिए पानी ढोने का काम कर रहे हैं| कावेरी मुद्दे पर हमारे साथ अन्याय हुआ है| उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक लोग एकजुट नहीं होंगे, राज्य को न्याय नहीं मिलेगा| उन्होंने दुख जताते हुए कहा पानी से जुड़े मामलों में भी कन्नड़ लोगों में एकता नहीं है| केंद्रीय मंत्री ने मेकेदातु परियोजना को लेकर राज्य के रवैये पर भी टिप्पणी की और इस मुद्दे पर सरकार के दोहरे रुख की आलोचना की| उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के बयानों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा शिवकुमार कह रहे हैं कि तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके के साथ हमारा रिश्ता राजनीति तक सीमित है| हमने मेकेदातु के संबंध में उनके साथ कोई राजनीतिक समझौता नहीं किया है| उन्होंने राज्य के भविष्य के लिए एकता के महत्व पर भी बात की, खासकर बेंगलूरु की बढ़ती आबादी के साथ|
-व्हीलचेयर पर उच्च सदन आते हैं
उन्होंने कहा, बेंगलूरु में बढ़ती आबादी के साथ, ऐसा समय आ सकता है जब भले ही हम केआरएस बांध से सारा पानी छोड़ दें, लेकिन यह राजधानी शहर की पेयजल जरूरतों के लिए पर्याप्त नहीं होगा| इसलिए हमने दूरदर्शिता के साथ मेकेदातु परियोजना शुरू की| कुमारस्वामी ने इस अवसर पर अपने पिता, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के कर्नाटक की सिंचाई परियोजनाओं में योगदान को भी उजागर किया, जिसमें कावेरी और कृष्णा नदी घाटियों से संबंधित परियोजनाएं भी शामिल हैं| उन्होंने राज्य के कल्याण के लिए अपने पिता के समर्पण को रेखांकित करते हुए कहा ९३ साल की उम्र में भी देवेगौड़ा हमारी सिंचाई परियोजनाओं के लिए लड़ने के लिए व्हीलचेयर पर उच्च सदन आते हैं| कोई भी इसे न भूलें|