मस्जिद का सर्वे किसी भी हाल में नहीं होना है
सपा सांसद ने जामा मस्जिद के मौलाना से कहा था
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संभल, 06 अप्रैल (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर 2024 को सर्वे की कार्रवाई के विरोध में कट्टरपंथी मुस्लिमों की भीड़ ने सर्वे टीम पर हमला कर दिया था। साथ ही दंगे भी शुरू कर दिए थे। इस मामले में हो रही एसआईटी जांच में खुलासा हुआ है कि स्थानीय सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने जामा मस्जिद के सदर जफर अली को व्हाटसएप कॉल कर यह निर्देश दिया था कि पुरातत्व विभाग द्वारा जामा मस्जिद का सर्वे किसी भी कीमत पर न हो। इसके लिए भीड़ इकट्ठा करने और उसे उकसाने का सांसद ने निर्देश दिया था।
जामा मस्जिद के सदर जफर अली ने एसआईटी के सामने यह कुबूल किया कि सांसद जियाउर्रहमान ने उसे सुबह फोन किया और कहा कि वे बेंगलुरु में हैं। बर्क ने कहा था, सुबह किसी हाल में सर्वे नहीं होना चाहिए, वर्ना हमारी कौम हम पर थूकेगी। फायरिंग का आरोप भी पुलिस पर लगा दें। जफर ने कहा कि हिंसा से पहले और बाद में बर्क पल-पल की जानकारी ले रहे थे। इस मामले में गिरफ्तार जफर अली की जमानत याचिका को एडीजे कोर्ट ने शुक्रवार 4 अप्रैल को खारिज कर दी। बचाव पक्ष ने जफर अली को बेकसूर बताते हुए जमानत पर रिहा करने की मांग की थी। वहीं, शासकीय अधिवक्ता का कहना था कि जफर अली पर बेहद गंभीर आरोप हैं। इसलिए उन्हें रिहा न किया जाए।