वक्फ कानून का बहाना, मकसद अस्थिरता फैलाना
उधर ममता बनर्जी फैला रही हैं पश्चिम बंगाल में अराजकता
हिंदुओं की हत्या और लूट जारी, बीएसएफ पर भी हमला
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कोलकाता, 13 अप्रैल (एजेंसियां)। पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध के नाम पर इस्लामी भीड़ की हिंसा लगातार जारी है। इस्लामी भीड़ सुरक्षाबलों को भी निशाना बना रही है। पुलिस के बाद उसने अब कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर मुर्शिदाबाद पहुंची सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को निशाना बनाया है। बीएसएफ जवानों पर फायरिंग की गई है। हिंसा के बीच हिंदू मुर्शिदाबाद से पलायन को मजबूर हैं। बेकाबू हिंसा की स्थिति में बंगाल के संवेदनशील जिलों में आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट (अफस्पा) लागू किए जाने की मांग प्रबल हो रही है। राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित हिंसा के कारण राज्य की पुलिस पूरी तरह निष्क्रिय है। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों ने मोर्चा संभाला है लेकिन कानून एवं व्यवस्था के पालन में राज्य प्रशासन या पुलिस से कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा है।
मुर्शिदाबाद में शनिवार को बीएसएफ की टीम पर इस्लामी भीड़ ने हमला किया। यह हमला मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज इलाके में हुआ। यहां तैनात जवानों को निशाना बनाया गया। वक्फ के नाम पर प्रदर्शन कर रहे इस्लामी कट्टरपंथियों ने बीएसएफ जवानों पर पत्थर बरसाए और उनकी गाड़ियां तोड़ दीं। रविवार को धुलियान इलाके में भी बीएसएफ के ऊपर कट्टरपंथियों ने फायरिंग की। इस फायरिंग में दो बालक घायल हो गए। बीएसएफ के किसी सुरक्षाकर्मी के घायल होने की सूचना नहीं है। मुर्शिदाबाद में इस्लामी भीड़ की हिंसा रोकने में पश्चिम बंगाल पुलिस के नाकाम होने के बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने शनिवार को केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती के आदेश दिए थे। इसके बाद मुर्शिदाबाद में बीएसएफ तैनात की गई थी। हिंसा में पहले पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। बीएसएफ के पहुंचने के बाद इस्लामी भीड़ ने उन्हें भी निशाने पर लिया।
दक्षिण 24 परगना के बारुईपुर में तुलसी की माला पहने एक हिंदू व्यक्ति को मुस्लिम भीड़ ने बुरी तरह पीटा और अधमरा कर दिया। उसकी एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें वह अस्पताल में इलाज के दौरान अपनी पीड़ा बता रहा है। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने बताया है कि मुर्शिदाबाद के शमशेरपुर में इस्लामी भीड़ के हमलों से बचने के लिए सैकड़ों लोग भाग कर दूसरी जगह जा रहे हैं। अपना घर-बार छोड़ने वालों में अधिकांश महिलाएं हैं। बड़ी संख्या में बच्चे और पुरुष भी इलाका छोड़ रहे हैं। इससे पहले मुर्शिदाबाद में इस्लामी भीड़ ने एक हिंदू पिता-पुत्र की हत्या कर दी थी। वह लोग मूर्तिकार थे। इस्लामी भीड़ के हमले में 15 से अधिक पुलिसकर्मी भी घायल हैं। वहीं इस दौरान भी राज्य में लगातार वक्फ के खिलाफ प्रदर्शन की अनुमति ममता सरकार दिए जा रही है। मुर्शिदाबाद में इस्लामी कट्टरपंथियों की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें शमशेरगंज में पिता-पुत्र की हत्या भी शामिल है। पुलिस ने अब तक 138 लोगों को गिरफ्तार किया है।
उल्लेखनीय है कि मुर्शिदाबाद में हिंसा की दिल दहलाने वाली घटना घटी। इस्लामिक उन्मादियों ने मूर्तियां गढ़ने वाले माटी कलाकार हरगोविंद दास (पिता) और चंदन दास (बेटे) को धारदार हथियार से काट कर मार डाला। वे मूर्तिकार थे और देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाते थे। उनके घर में इस्लामी कट्टरपंथियों ने लूटपाट की और उसके बाद धारदात हथियारों से उनकी हत्या कर दी। तस्वीरों में दिख रहा है कि उनकी आंख पर भी हमला किया है, यानि जिन आंखों से देखकर वो देवी-देवताओं की मूर्तियां गढ़ा करते थे, नफरत की आग में इस्लामी कट्टरपंथियों ने उनकी आंखें भी फोड़ दीं। इस उन्मादी हिंसा ने मुर्शिदाबाद के हिंदुओं को गहरे जख्म दिए हैं। उनके घर, दुकानें और आजीविका सब तबाह हो गए।
मुर्शिदाबाद में बेकाबू हिंसा के कारण सैकड़ों हिंदू परिवार नदी पार कर मालदा में शरण ले रहे हैं। केंद्रीय बलों की मदद से नदी पार कर हिंदू परिवारों ने मालदा जिले में शरण ली है। वहां पीड़ित लोगों के लिए स्कूलों में अस्थायी ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था की है। मुर्शिदाबाद जिले के कई इलाकों जैसे सूती, धूलियन, जंगीपुर और समसेरगंज में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी है। यह क्षेत्र मुस्लिम-बहुल है और प्रदर्शन धीरे-धीरे सांप्रदायिक दंगे में बदल गया है। धूलियन के मंदिरपाड़ा इलाके से भागी एक महिला ने बताया, हमारे घर जला दिए गए। कुछ बाहरी और स्थानीय लोगों ने मिलकर महिलाओं और लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार किया, पुरुषों को पीटा गया। हमें कहा गया कि हम इलाके को छोड़ दें। हमारी जान को खतरा था, इसलिए हमने केंद्रीय बलों की मदद से घर छोड़ा। धूलियन से करीब 400 हिंदू नागरिक डर के मारे भागकर भागीरथी नदी पार कर मालदा जिले के बैष्णवनगर इलाके में पहुंचे हैं। उन्हें पर लालपुर हाई स्कूल में ठहराया गया है। कई स्वयंसेवी संगठन इनकी मदद कर रहे हैं। मालदा में एक स्वयंसेवी संगठन के सदस्य ने बताया कि अब तक 40 से 50 नावों में लोग धूलियन, सुईटी और जंगीपुर जैसे इलाकों से आए हैं। इन सभी को कालीचक तीन ब्लॉक के पल्लरपुर गांव में सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है। उन्होंने कहा, यहां वे पूरी तरह सुरक्षित हैं।
वक्फ कानून लागू होने से कट्टरपंथी जमातों का गुस्सा पूरे देश में फैलता जा रहा है। मध्य प्रदेश के गुना जिले में शनिवार को हनुमान जयंती के जुलूस पर जबरदस्त पथराव किया गया। जुलूस कर्नलगंज में मस्जिद के पास से गुजर रहा था, तभी जुलूस पर भारी पथराव किया गया। पथराव की पहले से तैयारी थी। दूसरी तरफ केरल के कोझिकोड में वक्फ बिल के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान इस्लामी कट्टरपंथियों ने हमास और मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे संगठनों के आतंकियों की तस्वीरें लहराई। यह मार्च करीमपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक गया, जिसे सॉलिडैरिटी यूथ मूवमेंट और स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन (एसआईओ) ने आयोजित किया था। ये दोनों संगठन जमात-ए-इस्लामी से जुड़े हैं। पुलिस ने अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की है। इस घटना ने केरल की सियासत में तनाव बढ़ा दिया है।
नेपाल के भारत से जुड़े हिस्सों में भी उन्मादी मुसलमान बवाल मचा रहे हैं। बिहार सीमा पर स्थित नेपाली जिला बीरगंज में मुसलमानों ने हनुमान जयंती पर निकाली गई शोभा यात्रा पर हमला बोल दिया। जबरदस्त पथराव किया और कई वाहनों में आग लगा दी। यहां भी मस्जिद से पथराव किया गया। असामाजिक तत्वों ने पुलिस बल पर भी पथराव किया। हालात को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों ने वहां पर कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। घटना में एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए।