वक्फ कानून पर हिंसा-24 परगना में पुलिस की गाड़ियां जलाईं
प्रदर्शनकारियों ने हाईवे जाम किया; मुर्शिदाबाद में हालात सुधरे
19 विस्थापित परिवार लौटे
नई दिल्ली, 15 अप्रैल, (एजेंसी)। वक्फ कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा होने के बाद अब दक्षिण 24 परगना में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई है। बसंती हाईवे पर बैरमपुर में पुलिस ने इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के कार्यकर्ताओं को लेकर जा रही एक गाड़ी को रोका, जिससे अशांति फैल गई।
दरअसल, भांगर, मिनाखा, संदेशखाली से ISF कार्यकर्ता और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान सुबह 10 बजे हाईवे जाम कर दिया था। रामलीला मैदान जा रहे कार्यकर्ताओं ने पुलिस को घेर लिया। इन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। हाईवे पर हालात काबू में आ गए, लेकिन उग्र भीड़ ने शोणपुर में पुलिस की 5 बाइक में तोड़फोड़ की और उनमें आग लगा दी। कैदियों को ले जाने वाली वैन को पलटा दिया और उसमें भी तोड़फोड़ की।
ये कार्यकर्ता इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दीकी के कहने पर कोलकाता के रामलीला मैदान में होने वाली जनसभा में शामिल होने जा रहे थे।
जनसभा के दौरान नौशाद ने ये आरोप लगाया कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों ही वोट बैंक की राजनीति के लिए पश्चिम बंगाल में धर्म से खेल रहे हैं। इन्हें आर्थिक विकास की कोई चिंता नहीं है।
सीएम ममता बोलीं- विरोध करें, लेकिन कानून अपने हाथ में न लें
मुख्यमंत्री ममता बोली कि धर्म के नाम पर यह अपवित्र खेल कौन खेल रहा है? धर्म का मतलब है आस्था, प्रेम और संस्कृति। धर्म एकता का प्रतीक है। झगड़े, दंगे और अशांति क्यों हैं? प्यार से सब कुछ जीता जा सकता है। किसी को अलग-थलग करके नहीं। हम एक बार जीते हैं और एक बार मरते हैं। तो फिर दंगा क्यों होता है? हर जाति और धर्म के लोगों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन कानून को अपने हाथ में न लें।
मुर्शिदाबाद में फोर्स की तैनाती के बाद हालात सुधरे, 19 परिवार लौटे
इधर, मुर्शिदाबाद में 10-12 अप्रैल बीच हुई हिंसा के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। सोमवार को ADG लॉ एंड ऑर्डर जावेद शमीम ने बताया- दुकानें खुलने लगी हैं। अब तक 19 विस्थापित परिवार अपने घर लौट चुके हैं। मालदा और मुर्शिदाबाद जिला प्रशासन मिलकर लोगों की सुरक्षित वापसी करवा रहा है। शमीम ने कहा- अब तक 210 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पिता-पुत्र की हत्या मामले में अलग केस दर्ज किया जाएगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, केंद्र सरकार ने हिंसाग्रस्त इलाकों में 1600 जवान तैनात किए हैं। हिंसाग्रस्त इलाकों में इंटरनेट बैन है। BNS की धारा 163 भी लागू है।
हिंसा को लेकर दायर याचिका पर 17 अप्रैल को सुनवाई करेगा कलकत्ता हाईकोर्ट
पश्चिम बंगाल में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें केंद्रीय बल की तैनाती और हिंसा की जांच NIA से कराने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल को हिंसाग्रस्त इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के आदेश दिए थे। जस्टिस सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था- हम उन रिपोर्ट्स पर आंखें मूंद नहीं सकते जो सामने आई हैं। इनमें राज्य के कुछ जिलों में बर्बरता दिखाई देती है। मुर्शिदाबाद के अलावा जहां भी हिंसा नजर आती है, वहां केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती की जाए। मामले की सुनवाई 17 अप्रैल को होगी।
भीड़ ने पिता-बेटे को पीट-पीटकर मार डाला
मुर्शिदाबाद जिले में 12 अप्रैल को फिर हिंसा भड़की थी। हिंसक भीड़ ने पीट-पीटकर पिता-बेटे की हत्या कर दी। इनकी पहचान हरगोविंद दास (पिता) और चंदन दास (बेटे) के रूप में हुई है। दोनों हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाते थे।
वहीं, 11 अप्रैल को हिंसा में घायल की 12 अप्रैल को अस्पताल में मौत हो गई थी। इस तरह मुर्शिदाबाद हिंसा में 3 लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसा में 15 पुलिसकर्मी भी घायल हैं। 150 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।