कटड़ा-श्रीनगर रूट पर अभी एक ही ट्रेन चलेगी

उद्घाटन करेंगे प्रधानमंत्री मोदी

कटड़ा-श्रीनगर रूट पर अभी एक ही ट्रेन चलेगी

जम्मू15 अप्रैल (ब्यूरो)। कश्मीर को रेल के रास्ते देशभर से जोड़ने की कवायद के बीच यह खबर निराश करने वाली हो सकती है कि शुरुआत में इस रूट पर एक ही ट्रेन चलेगीजिससे यात्री तीन घंटे से कुछ ज्यादा समय में यह दूरी तय कर सकेंगे। फिलहाल इसमें 6 से 7 घंटे लगते हैं। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 अप्रैल यानि शनिवार को करने वाले हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 19 अप्रैल को कटड़ा आगमन के मद्देनजर रियासीमाहौरकटड़ा और बनिहाल समेत प्रदेश के विभिन्न भागों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कटड़ा से बनिहाल तक रेलवे लाइन पर सुरक्षाबलों की गश्त बढ़ाने के साथ ही ड्रोन और सीसीटीवी से भी नजर रखी जा रही है। चिनाब पुल और उसके आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान भी चलाया जा रहा है। इस बीचपुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर किए जा रहे सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लिया।

इस रेल मार्ग पर फिलहाल सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक से होकर गुजरेगी। उत्तरी रेलवे जोन द्वारा संचालित और रखरखाव की जाने वाली यह ट्रेन एक ऐसे रूट को कवर करेगी जो बेहद खूबसूरत हैजिसमें सुरंगें और पुल हैं जो पहाड़ी इलाकों से होकर गुजरते हैं। 272 किलोमीटर इस रूट में 36 प्रमुख सुरंगें हैं जो करीब 119 किलोमीटर तक फैली हैं। इनमें कई महत्वपूर्ण सुरंगें भी हैं। जिनमें सुरंग टी-50 (12.77 किलोमीटर) भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग है जो सुंबर और खारी को जोड़ती हैजो नई सुरंग विधि का उपयोग करके कठोर चट्टानों को काटती है। इसमें आपात स्थिति के लिए एक समानांतर एस्केप टनल शामिल है और इसे खुदाई में तेजी लाने के लिए तीन एक्सेस पाइंट (एडिट) की मदद से बनाया गया था। जबकि सुरंग टी-80 (11.2 किमी) बनिहाल और काजीगुंड के बीच पीर पंजाल रेंज के नीचे बनाई गई यह सुरंग बर्फ से ढके पहाड़ी दर्रों को पार करते हुए कश्मीर से हर मौसम में संपर्क सुनिश्चित करती है। इसी तरह से सुरंग टी-34 (5.099 किमी) पाई-खड्ड और अंजी खड्ड के बीच चलने वाली यह दोहरी ट्यूब सुरंग भारत के पहले केबल-स्टेड रेलवे पुल अंजी खड़ पुल से जुड़ती है।

जानकारी के लिए सुरंग टी-33 (3.2 किमी) त्रिकुटा पहाड़ियों के नीचे निर्मित है। इसने कई भूवैज्ञानिक चुनौतियों का सामना किया और 2023 में उन्नत आई-सिस्टम सुरंग तकनीक का उपयोग करके सफलतापूर्वक पूरा किया गया। जबकि सुरंग टी-23 (3.15 किमी) और सुरंग टी-1 (3.209 किमी) को अस्थिर चट्टान की स्थिति और उच्च जल प्रवेश को नेविगेट करने के लिए उच्च-सटीक हस्तक्षेप की आवश्यकता थी। इसी तरह से सुरंग टी-25 (3 किमी) को भूमिगत जलधारा की खोज के कारण निर्माण में छह साल लग गएजिससे सुरंग इंजीनियरिंग की सीमाएं बढ़ गईं।

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पिछले दो महीनों मेंइस रेल खंड के विभिन्न खंडों पर ट्रायल रन किए गए हैंजिसमें चिनाब और अंजी खड्ड पुल जैसी प्रतिष्ठित संरचनाएं भी शामिल हैं। कश्मीर को रेल से जोड़ने की महत्वाकांक्षी परियोजना 1997 में शुरू हुई और इसने कई भूवैज्ञानिकस्थलाकृतिक और मौसम संबंधी चुनौतियों को पार कियाजिससे कई समय सीमाएं चूक गईं। इंजीनियरिंग की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक चिनाब ब्रिज का निर्माण थाजो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है जिसकी ऊंचाई 359 मीटर हैजो एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है। भूकंप-प्रवण क्षेत्र के कारण पुल की नींव एक बड़ी चुनौती थी। इंजीनियरों ने इसे 8 तीव्रता तक के भूकंपों को झेलने के लिए संरचनात्मक मजबूती देने के लिए राक बोल्टिंग विधि और 30,000 टन से अधिक स्टील का इस्तेमाल किया।

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जानकारी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 अप्रैल को पहले उधमपुर पहुंचेंगे और वहां से वह हेलीकाप्टर में सवार होकर उधमपुर-कटड़ा-बनिहाल रेलवे लाइन के विभिन्न हिस्सों का आसमान से अवलोकन करेंगे। वह चिनाब पुल पर भी कुछ समय बिताएंगे और उसके बाद कटड़ा रेलवे स्टेशन से वंदे भारत रेलगाड़ी को झंडी दिखाएंगे। इसके बाद वह कटड़ा में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। संबधित अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के मद्देनजर पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। सीमावर्ती इलाकों में विशेष चौकसी बरती जा रही है। श्रीनगर-जम्मू और जम्मू-कटड़ा-माहौर सड़क मार्ग पर भी सुरक्षाबलों की गश्त बढ़ा दी गई है।

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