आतंकी तहव्वुर से रोज 10 घंटे पूछताछ कर रही एनआईए
राणा ने केवल पेन, नोटपैड और कुरान मांगी; खाने में अब तक कोई फरमाइश नहीं
नई दिल्ली, 15 अप्रैल(एजेंसी)। 2008 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को चौथे दिन पूछताछ की। मुख्य जांच अधिकारी जया रॉय के नेतृत्व में एनआईए के अधिकारियों की एक टीम राणा से रोज 8 से 10 घंटे पूछताछ कर रही है। सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान राणा सहयोग भी कर रहा है।
पिछले 4 दिन में राणा ने केवल तीन चीजें मांगी हैं - एक कलम, कागज या नोटपैड और कुरान। ये तीनों उसे दिए गए हैं। हालांकि उसने अभी तक किसी खास तरह के खाने की मांग नहीं की है। इसलिए उसे स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के मुताबिक दूसरे आरोपियों को दिया जाने वाला खाना मिल रहा है।
राणा को सीजीओ कॉम्प्लेक्स में आतंकवाद विरोधी एजेंसी के हेडक्वॉर्टर के अंदर एक हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है। यहां चौबीसों घंटे सुरक्षाकर्मी उसकी निगरानी करते हैं।
तहव्वुर को 10 अप्रैल को भारत लाया गया
तहव्वुर को 10 अप्रैल को स्पेशल विमान से अमेरिका से भारत लाया गया था। इसके बाद उसे 18 दिन की NIA कस्टडी में भेजा गया है। कस्टडी के दौरान NIA रोजाना राणा से पूछताछ की एक डायरी तैयार कर रही है।
तहव्वुर राणा को लेकर 3 जरूरी बातें
राणा को एनआईए मुख्यालय, लोधी रोड में हाई-सिक्योरिटी ग्राउंड फ्लोर की 14x14 फीट की सेल में रखा गया है। वह सुसाइड वॉच पर है और उस पर 24 घंटे गार्ड्स और सीसीटीवी से निगरानी रखी जा रही है। उसे केवल सॉफ्ट टिप पेन ही दिया गया है, जिससे वह खुद को नुकसान न पहुंचा सके।
राणा ने 'दुबई मैन' का नाम लिया है, जिसे हमले की पूरी प्लानिंग पता थी। एजेंसी को शक है कि यह व्यक्ति पाकिस्तान और दुबई के बीच नेटवर्क संभालता था और हमलों की फाइनेंसिंग, लॉजिस्टिक सपोर्ट में अहम भूमिका निभा रहा था।
ये भी पता चला है कि राणा का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से भी करीबी संपर्क था और उसे पाकिस्तानी सेना की वर्दी से खास लगाव था। NIA ने पहले दिन शुक्रवार को राणा से 3 घंटे पूछताछ की। NIA की कोशिश है कि तहव्वुर के परिवार और दोस्तों के बारे में जानकारी जुटाई जा सके।
वॉयस सैंपल मिले तो साफ होगा हेडली से कॉल पर कनेक्ट था राणा
शनिवार की पूछताछ में एक 'कर्मचारी बी' का नाम आया है, इसने राणा के कहने पर हेडली के लिए ऑपरेशन और लॉजिस्टिक में मदद की थी। अब NIA राणा और 'कर्मचारी बी' को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करेगी।एजेंसी के मुताबिक 'कर्मचारी बी' को आतंकी साजिश की जानकारी नहीं थी। वह सिर्फ राणा के निर्देश पर हेडली के लिए रिसेप्शन, ट्रांसपोर्ट, ठहरने की जगह और ऑफिस की व्यवस्था करता था। डेविड हेडली मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था।
राणा के वॉयस सैंपल लिए जा सकते हैं। NIA पता लगाएगी कि क्या तहव्वुर नवंबर 2008 के हमलों के दौरान फोन पर निर्देश (इंस्ट्रक्शन) दे रहा था। वॉयस सैंपल लेने के लिए तहव्वुर की सहमति जरूरी होगी। मना करने पर NIA कोर्ट जा सकती है।
तहव्वुर ने प्रत्यर्पण रोकने के लिए 33 बीमारियों का हवाला दिया था
भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए राणा ने अमेरिकी विदेश विभाग को 21 जनवरी को लेटर लिखा था, जिसमें 33 बीमारियों और भारत में टॉर्चर का हवाला दिया गया था। उसके वकील ने लिखा था कि राणा को पार्किंसन्स, दिल की बीमारी, किडनी खराबी, अस्थमा, टीबी और ब्लैडर कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियां हैं।
साथ ही उसने दावा किया था कि राणा को भारत में मुस्लिम और पाकिस्तानी मूल का होने की वजह से प्रताड़ना झेलनी पड़ सकती है, लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग ने 11 फरवरी को जवाब देते हुए इन दावों को खारिज किया और कहा कि प्रत्यर्पण सभी अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार होगा।
तहव्वुर को दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा जाएगा
एनआईए की कस्टडी पूरी होने के बाद राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा। हालांकि उसे कब और किस वार्ड में रखा जाएगा, इसका जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।
जांच एजेंसी NIA और खुफिया एजेंसी RAW की एक जॉइंट टीम बुधवार को राणा को लेकर अमेरिका से रवाना हुई थी। गुरुवार शाम करीब 6:30 बजे राणा को लेकर अमेरिकी गल्फस्ट्रीम G550 विमान दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ था। जहां उसका मेडिकल चेकअप हुआ, इसके बाद उसे सीधे NIA हेडक्वार्टर ले जाया गया।
राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रहा, कनाडाई नागरिक
64 साल का तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम करता था। इसके बाद वह 1997 में कनाडा चला गया और वहां इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया।
कनाडा से वह अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली। अमेरिकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया था। वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है।