हजार किलो का गौरव बम बनाया

 डीआरडीओ हैदराबाद की महत्वपूर्ण उपलब्धि

 हजार किलो का गौरव बम बनाया

हैदराबाद, 12 अप्रैल (एजेंसियां)। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की हैदराबाद इकाई द्वारा विकसित एक हजार किलोग्राम को ग्लाइड-बम गौरव का सुखोई विमान से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इसे जल्द ही भारतीय वायुसेना में शामिल करने का रास्ता साफ हो गया है। गौरव 1,000 किलोग्राम श्रेणी का ग्लाइड बम हैजिसे डीआरडीओ हैदराबाद ने स्वदेशी तौर पर डिजाइन और विकसित किया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गौरव के सफल विकास परीक्षणों के लिए डीआरडीओभारतीय वायुसेना और संबंधित उद्योग भागीदारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के ग्लाइड बम के विकास से सशस्त्र बलों की मारक क्षमता में काफी वृद्धि होगी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 8 अप्रैल से 10 अप्रैल तक किए गए परीक्षणों में करीब 100 किलोमीटर की दूरी तक सटीक निशाना लगाने में सफलता मिली। सुखोई-30 एमकेआई विमान से लंबी दूरी के ग्लाइड बम (एलआरजीबी) गौरव को दागा गया। परीक्षणों के दौरानबम से कई स्टेशनों से एकीकृत किया गया और जमीन से लेकर द्वीप तक लक्ष्य साधे गए। डीआरडीओ और भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने इन परीक्षणों में भाग लिया और इनकी समीक्षा की।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गौरव के सफल विकास परीक्षणों के लिए डीआरडीओभारतीय वायुसेना और संबंधित उद्योग भागीदारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के ग्लाइड बम के विकास से सशस्त्र बलों की मारक क्षमता में काफी वृद्धि होगी। इन सफल परीक्षणों से इस घातक हथियार को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। एलआरजीबी को डीआरडीओ के अनुसंधान केंद्र इमारत (हैदराबाद) ने स्वदेशी रूप से विकसित किया है।

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