फर्जी सरकारी ईमेल आईडी बनाकर बैंक को १.३२ करोड़ रुपये का लगाया चूना, ३ गिरफ्तार

 फर्जी सरकारी ईमेल आईडी बनाकर बैंक को १.३२ करोड़ रुपये का लगाया चूना, ३ गिरफ्तार

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| पुलिस और कोर्ट के नाम पर फर्जी आदेश बनाकर धोखाधड़ी के सिलसिले में फ्रीज किए गए बैंक खातों से १.३२ करोड़ रुपये उड़ाने वाले तीन जालसाजों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है| आरोपियों की पहचान दिल्ली निवासी अभिमन्यु कुमार पांडे, नीरज सिंह और राजस्थान निवासी सागर लकुरा के रूप में हुई है| कुछ दिन पहले हलासुरु में आईसीआईसीआई बैंक शाखा प्रबंधक ने फर्जी दस्तावेज जमा कर ३० लाख रुपये की धोखाधड़ी करने की शिकायत दर्ज कराई थी| मामले की जांच करने वाले साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर हजारेश किलेदार के नेतृत्व में एक टीम ने बैंक खाते से मनी ट्रांसफर की जानकारी के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया|

राजस्थान के तन्नूर में फोटो स्टूडियो चलाने वाला सागर सट्टेबाजी का बहुत बड़ा आदी था| सागर का एक बेटिंग ऐप पर अकाउंट था| कुछ महीने पहले धोखाधड़ी के आरोप में बेटिंग ऐप अकाउंट को सीज कर दिया गया था| इसके बाद उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और सीज किए गए अकाउंट को रिलीज करवा लिया| बंद खातों से पैसे निकालने की प्रक्रिया जानने वाला सागर पुलिस के नाम पर खातों की जानकारी हासिल कर उन्हें छुड़ाने के लिए कोर्ट के नाम पर फर्जी आदेश तैयार कर पैसे ऐंठ लेता था| इसी तरह उसने कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश और गुजरात समेत देश के कई राज्यों में फर्जी आदेश भेजकर बैंकों को चूना लगाने की कोशिश की| कुछ जगहों पर सागर की साजिश कामयाब भी हुई| इसी तरह गुजरात में इलाहाबाद पुलिस ने उसे धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया| बाद में वह जमानत पर बाहर आया और अपनी गतिविधियां जारी रखीं| वह पहले भी हलासुर में आईसीआईसीआई बैंक को लूट चुका था| उसने बैंकों को राज्य सरकार के अधिकारी के नाम से ईमेल भेजे थे| इसके लिए उसने फर्जी मुहर और हस्ताक्षर बनाकर ई-गवर्नेंस (के-स्वान) (कर्नाटक स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क) को ईमेल में अनुरोध भेजा था|

उसने खुद को सरकारी अधिकारी बताते हुए एक ईमेल आईडी दी थी| इस ईमेल का इस्तेमाल कर उसने बैंक के नोडल अधिकारी से चिकपेट एसपी के नाम से बेटिंग ऐप अकाउंट की जानकारी हासिल की थी| इसके बाद उसने मैसूरु कोर्ट के नाम से एक फर्जी आदेश भेजा, जिसमें उस खाते से पैसे रिलीज करने की बात कही गई थी| उसने बैंक को यह विश्वास दिलाया था कि उसे पुलिस ने ही बुलाया है और आदेश में दिया गया मोबाइल नंबर वही है| इसके बाद उसने सागर द्वारा बताए गए खाते में २१.३८ करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए|

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