अप्रैल के पहले सप्ताह में हुई एक लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद

2425 रुपए प्रति क्विंटल की दर से हो रही गेहूं खरीद

अप्रैल के पहले सप्ताह में हुई एक लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद

लखनऊ08 अप्रैल (एजेंसियां)। यूपी में पहली बार अप्रैल के पहले सप्ताह में ही एक लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं खरीद हुई। इस वर्ष मोबाइल केंद्र के माध्यम से गांवों में जाकर किसानों से गेहूं खरीद सुनिश्चित की गई। अब तक 20409 किसानों से गेहूं खरीद हो चुकी है। वहीं कुल 3.56 लाख से अधिक किसानों ने गेहूं बिक्री के लिए पंजीकरण भी करा लिया है। गेहूं खरीद 15 जून तक चलेगी।

गेहूं की अच्छी ख़रीद होइसके लिए कटाई के पहले से ही गांव गांव जाकर किसानों से संपर्क साधा गया और उन्हें सरकारी क्रय केंद्र पर बिक्री के लिए प्रेरित किया गया। पंजीकरण एवं सत्यापन की व्यवस्था में व्यापक सुधार भी किया गया। खाद्य व रसद विभाग पहली बार मोबाइल क्रय केंद्रों के माध्यम से किसान के खेत तक पहुँचा। एक तरफ़ कटाई चल रही है तो वहीं गेहूं मौके पर तौला जा रहा है। योगी सरकार ने व्यवस्था की कि पंजीकृत किसान सत्यापन के बिना 100 क्विंटल तक गेहूं बेच सकता है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दे रखा है कि किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान कर दिए जाएं।  

गेहूं की बिक्री के लिए पहली मार्च से पंजीकरण प्रारंभ हो चुका है। अब तक प्रदेश के 3.56 लाख से अधिक किसानों ने पंजीकरण करा लिया है। गेहूं की बिक्री के लिए किसानों को खाद्य और रसद विभाग के पोर्टल या विभाग के मोबाइल ऐप पर पंजीकरण-नवीनीकरण कराना अनिवार्य है। विभाग ने किसानों से अनुरोध किया है कि गेहूं को ओसाकरमिट्टीकंकड़धूल आदि को साफ कर अच्छी तरह से सुखाकर ही क्रय केंद्र पर बिक्री के लिए लेकर आएं।

खाद्य व रसद विभाग के मुताबिक क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद प्रतिदिन सुबह 8 से रात्रि 8 बजे तक हो रही है। योगी सरकार ने निर्देश दिया है कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। किसी भी विषम परिस्थितियों के लिए खाद्य व रसद विभाग ने टोल फ्री नंबर 18001800150 जारी किया है। समस्या के समाधान के लिए किसान जिला खाद्य विपणन अधिकारी या तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक के विपणन अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

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केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए 2425 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। पिछले वर्ष यह मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल था। इस बार सरकार ने 150 रुपए प्रति क्विंटल में वृद्धि की है। खाद्य विभाग समेत आठ क्रय एजेंसियों के द्वारा कुल 5780 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। खाद्य व रसद विभाग ने गेहूं के मूल्य भुगतान सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्यम से सीधे किसानों के आधार लिंक खाते में 48 घंटे के अंदर करने की व्यवस्था बनाई है। 

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योगी सरकार ने अन्नदाता किसानों के हित के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। योगी सरकार में 2017-18 से 2024-25 के बीच 233.99 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई। इस दौरान 49,69,576 किसानों को 43424.44 करोड़ रुपए (साढ़े तीन गुना) भुगतान भी किया गया। वहीं 2012 से 2017 के बीच बिचौलियों का बोलबाला रहा। इस दौरान सरकार महज 94.38 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद सकी और किसानों को 12,808 करोड़ रुपए का ही भुगतान किया गया

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