मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया
महिलाओं को किसी भी तरह की तकलीफ के लिए खेद: गृह मंत्री
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| बेंगलूरु में हाल ही में हुई छेड़छाड़ की घटना पर अपनी टिप्पणी के लिए विवादों में घिरे कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने मंगलवार को कहा कि उनके बयान को ठीक से नहीं समझा गया और उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया|
उन्होंने यह भी कहा कि अगर इससे किसी को, खासकर महिलाओं को तकलीफ पहुंची है तो वे खेद व्यक्त करेंगे| परमेश्वर ने बार-बार कहा कि वे महिलाओं को सुरक्षा और संरक्षण प्रदान करने के महत्व में विश्वास करते हैं और गृह मंत्री के रूप में वे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस संबंध में उन्होंने कई कदम उठाए हैं| ३ अप्रैल को सुड्डागुंटेपल्या में पैदल चलने के दौरान एक महिला के साथ छेड़छाड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए परमेश्वर ने सोमवार को कहा था पुलिस लगातार चौबीसों घंटे काम कर रही है, बारिश और ठंड का सामना कर रही है| यही कारण है कि बेंगलूरु में शांति है| बेंगलूरु जैसे बड़े शहर में, इस तरह की घटनाएं यहां-वहां होती रहती हैं| इस बयान ने विवाद पैदा कर दिया था, जिसकी विपक्षी भाजपा ने कड़ी आलोचना की थी और राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने भी सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की थी|
एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया रहाटकर के निर्देश पर, आयोग ने हाल ही में बेंगलूरु में हुई छेड़छाड़ की घटना पर कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर द्वारा की गई असंवेदनशील टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई है| इस तरह के बयान महिलाओं के खिलाफ अपराधों को कमतर आंकते हैं| एनसीडब्ल्यू ने कर्नाटक के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गृह मंत्री से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है| मंगलवार को अपने बयान पर सफाई देते हुए परमेश्वर ने कहा सोमवार को मेरे बयान को आप (मीडिया) ने ठीक से नहीं समझा है, और दूसरे प्लेटफॉर्म ने भी इसे अलग तरह से समझा है| मैं हमेशा महिलाओं की सुरक्षा के पक्ष में हूं| गृह मंत्री के तौर पर मैंने निर्भया योजना जैसे कई कार्यक्रम लागू किए हैं| दूसरे राज्यों की तुलना में हमने निर्भया फंड पर ज्यादा खर्च किया है और केंद्र सरकार के साथ मिलकर इसे लागू किया है| मैं किसी दिन महिलाओं की सुरक्षा के लिए किए गए कामों को साझा करना चाहूंगा|
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा किसी बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करना और मेरे बारे में बोलना सही नहीं है| मेरा मानना है और मैंने महिलाओं - हमारी बहनों और माताओं की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं| अगर कोई मुद्दा (महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा) है, तो मैंने विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है| इसलिए मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश नहीं किया जाना चाहिए| उन्होंने कहा मैं यह बात भाजपा के उन लोगों के लिए नहीं कह रहा हूं, जो राजनीति कर रहे हैं| अगर मेरे बयान से किसी को दुख पहुंचा है - हमारी बहनों, माताओं को, तो मैं खेद व्यक्त करता हूं| लेकिन इसे अलग-अलग तरीके से पेश करके अलग-अलग मंचों पर ले जाने की जरूरत नहीं है| उन्होंने कहा कि पुलिस आयुक्तों द्वारा दैनिक ब्रीफिंग के दौरान या पूरे राज्य से ब्रीफिंग के दौरान, वह महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित ऐसे मामलों पर नजर रख रहे हैं|
-लापरवाही या उदासीनता का सवाल ही नहीं
गृह मंत्री ने कहा समीक्षा करते हुए, मैं नियमित रूप से पुलिस को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश देता हूं, चाहे वह उत्पीड़न के मामले हों, पॉक्सो के मामले हों| इसलिए मेरी ओर से किसी भी तरह की लापरवाही या उदासीनता का सवाल ही नहीं उठता| उन्होंने कहा मैं महिलाओं और उनकी सुरक्षा के पक्ष में सभी सख्त कदम उठाऊंगा| यह सिर्फ बयानबाजी के लिए नहीं है| पिछले कुछ वर्षों में राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ने के आरोपों पर पूछे गए सवाल पर परमेश्वर ने पूछा क्या मुझे उन मामलों की संख्या बतानी चाहिए, जब भाजपा सत्ता में थी? उन्होंने कहा मैंने पहले ही आंकड़े दे दिए हैं| यदि वे दावा करते हैं कि उनके कार्यकाल के दौरान कुछ भी नहीं हुआ, तो लोग इस पर हंसेंगे|