सिम कार्डों में मिले चीनी चिपसेट, बदले जाएंगे
सुरक्षा पर संकट : सिम के जरिए चीन जा रही सूचनाएं
नई दिल्ली, 08 अप्रैल (एजेंसियां)। राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर मिली गंभीर सूचनाओं के मद्देनजर केंद्र सरकार पूरे देश में सीम कार्डों को बदलने की तैयारी कर रही है। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (एनसीएससी) और गृह मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से जांच की गई थी। इस जांच में मौजूदा सिम कार्डों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पाया गया। अब सरकार पुराने सिम कार्ड को बदलने की संभावनाएं तलाश रही है। देश की प्रमुख साइबर सुरक्षा एजेंसी द्वारा की गई जांच में सामने आया कि कुछ सिम कार्ड में प्रयुक्त चिपसेट्स चीन से आए थे और उनके डेटा अब भी चीनी सर्वर में जा रहे हैं।
एनसीएससी ने देश के प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटर्स जैसे रिलायंस जिओ, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के वरिष्ठ अधिकारियों और दूरसंचार मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस बैठक में सिम कार्ड आपूर्ति प्रक्रिया की खामियों और पुराने सिम कार्ड को बदलने के लिए एक रूपरेखा पर चर्चा की गई। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने हुआवेई और जेडटीई जैसे चीनी उपकरण निर्माताओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब राष्ट्रीय सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए सरकार ने नियम बनाया है कि देश में किसी भी प्रकार के टेलीकॉम उपकरण के आयात, बिक्री या उपयोग से पहले उनकी अनिवार्य टेस्टिंग और प्रमाणन किया जाएगा। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि जो भी टेलीकॉम उपकरण भारत में उपयोग किए जाएं, वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, प्रदर्शन और गुणवत्ता मानकों पर खरे उतरें।
आम तौर पर टेलीकॉम कंपनियां सर्टिफाइड वेंडर्स से सिम कार्ड्स मंगवाती हैं। ये वेंडर्स चिप्स को विश्वसनीय स्रोतों जैसे वियतनाम या ताइवान से मंगवाकर भारत में ही उनका असेंबली, पैकेजिंग और सीरियलाइजेशन करते हैं, लेकिन जांच में सामने आया कि कुछ वेंडर्स ने ट्रस्टेड सोर्स सर्टिफिकेशन का दुरुपयोग किया। पहले उन्होंने यह दर्शाया कि उनके द्वारा उपयोग किए गए चिप्स विश्वसनीय स्रोतों से आए हैं, लेकिन बाद में पता चला कि कुछ चिप्स वास्तव में चीन से मंगवाए गए थे।
मार्च 2021 में दूरसंचार विभाग ने यूनिफायड एक्सेस सर्विस लाइसेंस प्रक्रिया में संशोधन किया था, जिसमें कहा गया था कि टेलीकॉम कंपनियां किसी अविश्वसनीय वेंडर से उपकरण नहीं खरीद सकेंगी। एनसीएससी को यह जिम्मेदारी दी गई कि वह केवल विश्वसनीय आपूर्तिकर्ताओं को ही मंजूरी देगा, लेकिन जांच में पाया गया कि कुछ वेंडर्स ने इस प्रणाली का भी दुरुपयोग किया और उनके द्वारा आपूर्ति किए गए चिप्स में चीनी घटक शामिल थे। इसलिए प्रभावित सिम कार्ड 2021 से पहले और बाद के समय दोनों से जुड़े हो सकते हैं।