वक्फ विधेयक के खिलाफ करेंगे आंदोलन
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड का ऐलान
नई दिल्ली, 23 मार्च (एजेंसियां)। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रविवार को प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है। एआईएमपीएलबी के कार्यालय सचिव मोहम्मद वकार उद्दीन लतीफी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, 17 मार्च को दिल्ली में बड़े पैमाने पर और सफल विरोध प्रदर्शन के बाद, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है।
एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता और वक्फ विधेयक के खिलाफ कार्रवाई समिति के संयोजक एसक्यूआर इलियास ने बोर्ड की ओर से सभी मुस्लिम संगठनों, नागरिक समाज समूहों और दलित, आदिवासी, ओबीसी और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के नेताओं का आभार व्यक्त किया। एआईएमपीएलबी के बयान में कहा गया है कि एआईएमपीएलबी की 31 सदस्यीय कार्रवाई समिति ने विवादास्पद, भेदभावपूर्ण और नुकसानदायक विधेयक का विरोध करने के लिए सभी संवैधानिक, कानूनी और लोकतांत्रिक तरीकों को अपनाने का संकल्प लिया है। आंदोलन के पहले चरण के तहत 26 मार्च को पटना और 29 मार्च को विजयवाड़ा में राज्य विधानसभाओं के सामने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई है।
इसमें कहा गया है कि एआईएमपीएलबी के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ-साथ राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय धार्मिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि इन प्रदर्शनों में भाग लेंगे। नागरिक समाज के नेता, अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की प्रमुख हस्तियां और दलित, आदिवासी और ओबीसी वर्गों के प्रमुख लोगों ने भी अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। बयान में कहा गया है कि विभिन्न राजनीतिक दलों की तरफ से सांसदों को चालू संसद सत्र में भाग लेने के लिए व्हिप जारी करने के बावजूद, संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के विपक्षी सदस्यों को भी धरना-प्रदर्शन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।
बयान के अनुसार, पटना में, बिहार के मुख्यमंत्री समेत जेडी (यू), आरजेडी, कांग्रेस और लोक जनशक्ति पार्टी के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। इसी तरह, आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), वाईएसआर कांग्रेस, कांग्रेस और वामपंथी दलों को निमंत्रण भेजा गया है। इलियास ने कहा कि इन विरोध प्रदर्शनों का उद्देश्य भाजपा के गठबंधन सहयोगियों को एक स्पष्ट संदेश भेजना है। या तो विधेयक के लिए समर्थन वापस ले लें या फिर हमारा समर्थन खोने का जोखिम उठाएं। इस अभियान में धरना प्रदर्शन, मानव श्रृंखला और सोशल मीडिया अभियान, विशेष रूप से एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर हैशटैग अभियान शामिल होंगे। बयान में कहा गया है कि जिला स्तर पर सार्वजनिक सम्मेलन, सेमिनार, संगोष्ठी और धरने आयोजित किए जाएंगे और जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपे जाएंगे।