रोहित वेमुला एक्ट के लिए अभियान ने सीएम को सुझाव देते हुए पत्र लिखा

रोहित वेमुला एक्ट के लिए अभियान ने सीएम को सुझाव देते हुए पत्र लिखा

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कर्नाटक सरकार द्वारा रोहित वेमुला एक्ट का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करने के मद्देनजर, स्वैच्छिक समूह रोहित वेमुला एक्ट के लिए अभियान ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया और उच्च शिक्षा मंत्री सुधाकर को पत्र लिखकर प्रस्तावित कानून को मजबूत बनाने के तरीके और उपाय सुझाए हैं| साथ ही इस कदम का स्वागत भी किया है|

पत्र में सुझाव दिया गया है कि सरकार २०१४ की पूर्व-विधायी परामर्श नीति के अनुपालन में मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया को खोले| इसमें बताया गया है कि यूपीए-२ सरकार ने कानून बनाने और नियमों के क्रियान्वयन के लिए इसी नीति का पालन किया था| अभियान का हिस्सा रहे वकील और कार्यकर्ता विनय श्रीनिवास ने कहा, इसी के अनुसार, इस मसौदे पर व्यापक परामर्श आयोजित किया जाना चाहिए|


पत्र में यह भी मांग की गई है कि पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यक छात्रों को भी सुरक्षा प्रदान करते हुए, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों के संबंध में प्रस्तावित कानून में विशेष प्रावधान किए जाने चाहिए| इसमें बताया गया है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के छात्रों को ऐतिहासिक रूप से अधिक भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है| पत्र में आगे मांग की गई है कि इस अधिनियम के लिए राज्य के छात्रों, छात्र संगठनों, शिक्षाविदों और दलित संगठनों की राय मांगी जानी चाहिए|

रोहित वेमुला अधिनियम के लिए दलित संगठनों, छात्र समूहों, बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों, वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों सहित अन्य लोगों को शामिल करते हुए अभियान पिछले एक साल से अधिनियम का मसौदा तैयार करने और उसे लागू करने की मांग कर रहा है| हाल ही में, विपक्ष के नेता राहुल गांधी के एक पत्र के बाद सिद्धरामैया ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार शैक्षणिक संस्थानों में जाति और पहचान आधारित भेदभाव को खत्म करने के लिए अधिनियम लागू करेगी|

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