अनुपमा शेनॉय ने पूर्व डीजीपी हत्याकांड में पीएफआई का हाथ होने का लगाया आरोप
-एनआईए जांच की मांग की
मेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| वकील, पूर्व डीएसपी और भारतीय जनशक्ति कांग्रेस की अध्यक्ष अनुपमा शेनॉय ने सेवानिवृत्त डीजीपी और आईजीपी ओम प्रकाश की हत्या के मामले में पीएफआई की संलिप्तता का आरोप लगाया है और एनआईए जांच की मांग की है|
उन्होंने कहा कि ओम प्रकाश की पत्नी पल्लवी ने एक व्हाट्सऐप संदेश में उल्लेख किया था कि उनके पीएफआई सदस्यों और अपराधियों के साथ संपर्क थे| उन्होंने यह पता लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया कि सिद्धरामैया की सरकार के दौरान पुलिस विभाग में पीएफआई कैडरों की भर्ती की गई थी या नहीं और यह भी जांच की जानी चाहिए कि विभाग में पीएफआई सदस्यों को शामिल करने के लिए कोई दबाव था या नहीं| मैंने पल्लवी और उनकी बेटी के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में कई चर्चाएँ देखी हैं और पुलिस मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के बयानों के अनुसार जाँच कर रही है|
पुलिस एक माँ पर भरोसा क्यों नहीं कर रही है जिसने स्पष्ट रूप से कहा है कि उसकी बेटी की इस मामले में कोई भूमिका नहीं थी? उन्होंने आरोप लगाया इस बात का कोई सबूत नहीं है, कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं है और कोई गवाह भी नहीं है कि ओम प्रकाश की पत्नी ने उनकी हत्या की है| मुझे लगता है कि पीएफआई के सदस्य उनकी पत्नी और बेटी को धमकाने में शामिल थे और उन्होंने ओम प्रकाश की हत्या की साजिश रची| इसके बाद उन्होंने उनकी पत्नी को कबूलनामा करने के लिए मजबूर किया और एक अन्य पुलिस अधिकारी की पत्नी को संदेश भेजा कि ’मैंने राक्षस को मार दिया है|
अनुपमा शेनॉय ने आगे कहा कि ओम प्रकाश के बेटे को कांग्रेस सरकार की धमकियों के आगे झुके बिना अपनी मां और बहन के साथ खड़े होने की जरूरत है| उन्होंने दोहराया कि एनआईए को मामले की पूरी तरह से जांच करनी चाहिए, खासकर पीएफआई की संलिप्तता के संबंध में| उन्होंने जोर देकर कहा मेरे पास पीएफआई की संलिप्तता के बारे में पर्याप्त सबूत हैं और मैं इसे १०० प्रतिशत साबित कर सकती हूं| उन्होंने एम के गणपति मामले से भी तुलना की और दावा किया कि इसी तरह की स्थिति तब हुई थी, जब शुरू में अल्पसंख्यकों की संलिप्तता का संदेह था, लेकिन बाद में इसका दोष पीड़ित की पत्नी पर डाल दिया गया और मामला बंद कर दिया गया|