‘अति सूक्षम चुंबकीय नैनोकण हीटर प्रणाली कैंसर के इलाज में हो सकती है सहायक ’
नयी दिल्ली, 07 अप्रैल (एजेंसी) । विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के विज्ञान और प्रौद्योगिकी उन्नत अध्ययन संस्थान (आईएएसएसटी) के वैज्ञानिकों ने नव-संश्लेषित नैनोक्रिस्टलाइन कोबाल्ट क्रोमाइट चुंबकीय नैनोकणों के साथ एक सक्षम चुंबकीय प्रणाली विकसित की है, जो कैंसर के इलाज के लिए चुंबकीय हाइपरथर्मिया (तापमान वृद्धिकारी) नामक प्रक्रिया के माध्यम से ट्यूमर कोशिकाओं के तापमान से गला कर कैंसर का इलाज कर सकती है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि सुपरपैरामैग्नेटिक नैनोकण नैनो-हीटर के रूप में कार्य करते हैं। इन्हें संभावित रूप से कैंसर के इलाज और वैकल्पिक कैंसर चिकित्सा के लिए चुंबकीय हाइपरथर्मिया अनुप्रयोगों में उपयोग किया जा सकता है। इस प्रणाली पर आधारित कैंसर चिकित्सा में रेडियो थेरेपी या कीमो थेरेपी की तुलना में दुष्प्रभाव कम होने की संभावना है।
इसके बारे में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार (आईएएसएसटी) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने प्रोफेसर देवाशीष चौधरी के नेतृत्व में एनआईटी नागालैंड के सहयोग से पारंपरिक रासायनिक सह-अवक्षेपण मार्ग का उपयोग करके अलग-अलग दुर्लभ-पृथ्वी जीडी डोपेंट सामग्री के साथ नैनोक्रिस्टलाइन कोबाल्ट क्रोमाइट चुंबकीय नैनोकणों को संश्लेषित किया।
इस प्रणाली में तरल रूप में इन चुंबकीय नैनोकणों की विषमता का उपयोग चुंबकीय क्षेत्र बारी-बारी से बदलाव के अंतर्गत गर्मी उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। इस विधि का उपयोग कैंसर कोशिका के तापमान को बढ़ा कर 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचाया जा सकता है, जो कैंसर प्रभवित शरीर के हिस्से में असक्षम कोशिकाओं को गला सकता है।
डॉ. मृत्युंजय प्रसाद घोष, नेशनल पोस्ट-डॉक्टरल फेलो (एन-पीडीएफ) और आईएएसएसटी गुवाहाटी के शोध विद्वान श्री राहुल सोनकर की टीम द्वारा किया गया यह शोध हाल ही में रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री, ब्रिटेन की सहकर्मी-समीक्षित पत्रिका नैनोस्केल एडवांस में प्रकाशित हुआ है।
कैंसर को मानवता के लिए सबसे ख़तरनाक बीमारियों में से एक माना जाता है। उपलब्ध कई उपचार विधियों में से, कैंसरग्रस्त कोशिकाओं के लिए सबसे प्रभावी उपचार विकिरण चिकित्सा, कीमोथेरेपी, लक्षित चिकित्सा और स्टेम सेल प्रत्यारोपण हैं। कैंसर के सभी उपचार विधियों ने कई दुष्प्रभाव प्रदर्शित किए हैं।
कीमोथेरेपी और रेडिएशन उपचार से मतली, थकावट, बालों का झड़ना और संक्रमण का जोखिम बढ़ सकता है। हालांकि लक्षित दवाओं ने प्रभावकारिता का प्रदर्शन किया है, लेकिन वे सभी प्रकार के कैंसर के लिए उपयुक्त नहीं हो सकते हैं और उन्हें निम्नलिखित विशिष्ट स्थितियों की आवश्यकता हो सकती है। अधिकांश कैंसर उपचार महंगे हैं और इसलिए कई लोगों के लिए सुलभ नहीं हो सकते हैं।
नैनोमैग्नेट ने एक लक्षित ताप उत्पादन प्रक्रिया (हाइपरथर्मिया) है जिसका उपयोग कैंसर कोशिकाओं के उपचार में तुलनात्मक रूप से कम दुष्प्रभावों के साथ किया जा सकता है और इसे बाहर से चुंबकीय क्षेत्र द्वारा नियंत्रित किया जाता है। नैनोमैग्नेट के भौतिक गुणों को समायोजित करना उन्हें हाइपरथर्मिया अनुप्रयोगों के लिए उपयोगी बनाने के लिए आवश्यक है। स्व-हीटिंग प्रभावकारिता पर नैनोमैग्नेट के विभिन्न भौतिक मापदंडों के प्रत्यक्ष प्रभाव के कारण, प्रभावी ताप उत्पादन दक्षता के साथ जैव-अनुकूल लेपित चुंबकीय नैनोकणों को बनाना और नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण है।