स्मार्ट मीटर अपनाने की कोई बाध्यता नहीं है: केपीटीसीएल

स्मार्ट मीटर अपनाने की कोई बाध्यता नहीं है: केपीटीसीएल

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| केपीटीसीएल के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार पांडे ने कहा कि स्मार्ट मीटर प्रणाली केवल नए मीटर लगाने वालों के लिए लागू की जाएगी और इसे किसी पर थोपा नहीं जाएगा| राज्य में बिजली की मांग और आपूर्ति व्यवस्था की जानकारी देने के लिए बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर योजना केंद्र सरकार की है और राज्य सरकार ने इसमें कुछ खामियों के कारण इसे स्वीकार नहीं किया था| आर.डी.एस. के कुछ प्रावधानों के अनुसार हमने एस योजना के अंतर्गत नई मीटर प्रणाली लागू की है|

उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों में पुराने मीटर हटाकर नए स्मार्ट मीटर लगाने की व्यवस्था है| हमने कर्नाटक में इस प्रणाली को अस्वीकार कर दिया है| इसके बजाय, हमने ग्राहकों को सलाह दी है कि वे स्मार्ट मीटर तभी लगाएं जब नया घर बने और पुराने मीटरों की मरम्मत हो| उन्होंने कहा कि पुराने मीटर वैसे ही रहेंगे| नए स्मार्ट मीटर को लगाने के लिए ग्राहकों को ५,००० रुपये देने होंगे और फिर इसमें लगी तकनीक के कारण दस साल तक इसके रखरखाव के लिए ११६ रुपये प्रति माह देने होंगे| मीडिया द्वारा जब पूछा गया कि क्या इससे गरीबों पर बोझ नहीं पड़ेगा, और विपक्षी दलों पर भ्रष्टाचार का आरोप लग रहा है, तो उन्होंने कहा ऐसा कोई भ्रष्टाचार नहीं है, और गरीबों पर किसी भी तरह का बोझ नहीं पड़ेगा| ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव गौरव गुप्ता और बेस्कॉम के एमडी डॉ. एम. शिवशंकर ने बचाव करते हुए कहा कि टेंडर समेत सब कुछ पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है| राज्य में बिजली की मांग और आपूर्ति के बारे में पंकज कुमार पांडे ने कहा पिछले साल अच्छी बारिश हुई थी, इसलिए किसानों ने दो फसलें उगाईं, जिससे बिजली की मांग बढ़ गई| इसकी भरपाई के लिए हमने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब जैसे बाहरी राज्यों से बिजली खरीदने की व्यवस्था की है| जलविद्युत, ताप विद्युत और पवन ऊर्जा संयंत्रों को और मजबूत करने की व्यवस्था की गई है| जब हम अधिक बिजली उत्पन्न करते हैं, तो हम उनसे ली गई बिजली वापस कर देते हैं| हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि एलईडी बल्ब और नई तकनीक वाले पंखे उपभोक्ताओं तक पहुंचें|

उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में बिजली की कोई कमी नहीं है| वहीं, अभी १०वीं कक्षा की परीक्षाएं चल रही हैं| उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक सिंगल फेस बिजली देने की व्यवस्था की गई है| उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली आपूर्ति अच्छी है| उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए कदम उठाए गए हैं, ताकि किसानों और छात्रों को कोई असुविधा न हो| इस साल बिजली की मांग बढ़ी है और गर्मी भी जल्दी आ गई है| हमें आने वाले दिनों में स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए| इसीलिए समिति का गठन किया गया है| गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु बैटरी स्टोरेज पर काम कर रहे हैं| हम इस पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं|

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