सिद्धार्थनगर में सराफा व्यवसायी का कत्ल
सिद्धार्थनगर, 07 अप्रैल (एजेंसियां)। सिद्धार्थनगर के सदर थाना इलाके के बरगदवा गांव के पास शनिवार देर रात एक सराफा व्यवसायी की हत्या करके शव बोरी में बांधकर आग के हवाले कर दिया गया। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने अधजला शव बरामद किया। व्यवसायी पड़ोस के बर्तन व्यापारी के घर हार देने गया था। व्यवसायी के भाई की तहरीर पर पुलिस ने पड़ोसी व्यापारी और एक अन्य पर हत्या का केस दर्ज किया है।
सदर थाना क्षेत्र के बरगदवा गांव के पास शनिवार देर रात चकरोड से गुजर रहे लोगों ने खेत में कुछ जलता देखा। करीब पहुंचे तो बोरी में लाश जलती देख पुलिस को जानकारी दी। सूचना पर पुलिस पहुंची तब तक शव का कुछ हिस्सा जल चुका था। पुलिस की जांच में पता चला कि मोहाना थाने में एक युवक की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई है। रविवार की सुबह मोहाना थाना क्षेत्र के भगवानुर गांव के टोला चैनपुर निवासी बलिराम वर्मा मोर्चरी पहुंचे तो उन्होंने शव की पहचान अपने भाई सुनील वर्मा (22) के रूप में की। बलिराम ने बताया कि उसके भाई ने रमवापुर चौराहे पर ज्वेलरी की दुकान खोली थी।
शनिवार को भी वह दुकान पर गया था और शाम को करीब छह बजे बात हुई तो उसने बताया कि वह पड़ोस के बर्तन व्यापारी गौहनिया निवासी हबीबुल्लाह के घर हार देने जा रहा है। शाम साढ़े छह बजे के बाद उसका मोबाइल स्विच ऑफ मिलने लगा। काफी प्रयास के बाद भी कुछ पता नहीं चलने पर रात में मोहाना थाने पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। सुबह लाश मिलने की जानकारी हुई। बलिराम ने आरोप लगाया कि गौहनिया निवासी हबीबुल्लाह और कृष्णा वर्मा ने उसके भाई की हत्या की है। आभूषण का बैग और नकदी गायब है। एसओ मोहाना अनूप कुमार मिश्र ने बताया कि हत्या का केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
सराफा व्यवसायी सुनील वर्मा की हत्या के बाद पेट्रोल डालकर शव जलाकर उसका नामोनिशान मिटाने की कोशिश की गई। रविवार को मोर्चरी पहुंचे लोगों का कहना था कि हत्या का यह तरीका वारदात के पीछे किसी बड़ी वजह की तरफ इशारा कर रहा है। लोगों ने सवाल उठाया कि मामला अगर सिर्फ जेवर लूटने का होता तो मारपीट कर जेवर लूट लिया जाता। हत्या के बाद शव जलाने की कोशिश बड़े सवाल खड़े कर रही है। सुनील छह भाई-बहनों में सबसे छोटा था। बड़े भाई बलिराम ने बताया कि सुनील की 25 अप्रैल को शादी होनी थी। परिवार के लोग शादी की तैयारियों में जुटे थे। अचानक सारी खुशियां मातम में तब्दील हो गईं।