अगर विधायक हंगामा करते रहे तो सख्त कदम उठाएंगे: यू टी खादर
-पूरी घटना राज्य पर एक कलंक
मेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष यू टी खादर ने कहा है कि अगर विधायक सदन में हंगामा करते रहे तो वे सख्त कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएंगे| उन्होंने मेंगलूरु में मीडियाकर्मियों से कहा विधायकों को निलंबित करना सजा नहीं माना जाना चाहिए| उन्हें खुद में सुधार लाना चाहिए और भविष्य में अपने आचरण में आदर्श प्रतिनिधि बनना चाहिए| अगर वे हंगामा करते रहे और ’कुर्सी’ का अपमान करते रहे तो मैं उनके खिलाफ सख्त कदम उठाऊंगा, जिसमें एक साल का निलंबन भी शामिल है|
उन्होंने कहा अगर विधानसभा अध्यक्ष या परिषद के अध्यक्ष ने विधानसभा में इसी तरह के हंगामे के लिए पहले भी सख्त कार्रवाई की होती तो यह घटना दोबारा नहीं होती| वित्त विधेयक को पारित न होने देकर हंगामा करने वालों ने सोचा होगा कि उन्हें एक दिन के लिए निलंबित कर दिया जाएगा क्योंकि यह बजट सत्र का आखिरी दिन है| मैंने संविधान के अनुसार फैसला लिया है| उन्होंने कहा ऐसी प्रवृत्तियों पर लगाम लगाने के लिए संदेश देने की जरूरत थी| हमें लोगों को यह बताना होगा कि हमें संवैधानिक पदों का सम्मान क्यों करना चाहिए| इसलिए यह फैसला लिया गया| संसदीय लोकतंत्र के प्रतीक ’कुर्सी’ का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता| पूरी घटना राज्य पर एक कलंक है| विधायक आसन के सामने आ गए और वित्त विधेयक पारित होने से रोकने की कोशिश की| लोगों को पता होना चाहिए कि राज्य में विधानसभा से ऊपर कोई नहीं है और इसका सम्मान करना सभी का कर्तव्य है|
अध्यक्ष सदन के मुखिया हैं और वे संवैधानिक पद पर हैं| विधायकों को निलंबित करने का फैसला मेरा था| मुख्यमंत्री ने इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया| दलबदल विरोधी कानून को मजबूत बताते हुए खादर ने कहा अगर मैं अध्यक्ष होता तो मैं अतीत में सरकार गिरने का कारण बनने वाले दल बदलने में शामिल विधायकों को बर्खास्त करने में संकोच नहीं करता| मंत्रियों द्वारा उठाए गए हनीट्रैप मामले पर पूछे गए सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा हुई थी और सीएम ने वादा किया था कि मंत्रियों द्वारा उच्च स्तरीय जांच की मांग की जाएगी| यह एक गंभीर मुद्दा है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए| हालांकि, भाजपा विधायकों द्वारा कार्यवाही को बाधित करने और वित्त विधेयक को पारित होने से रोकने की कोशिश गलत थी| अगर वित्त विधेयक पारित नहीं होता, तो सरकारी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलता और कोई विकास कार्य नहीं हो पाता|
इससे पहले यू टी खादर ने कहा था कि अगर निलंबित किए गए १८ भाजपा विधायक अपनी गलती स्वीकार करते हैं और अनुरोध प्रस्तुत करते हैं, तो उनके छह महीने के निलंबन की अवधि कम की जा सकती है| यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए स्पीकर ने कहा उन्होंने कागज फाड़े और कुर्सी का अनादर करते हुए मुझ पर फेंके| वे स्पीकर के पोडियम पर चढ़ गए और कार्यवाही में बाधा डाली| स्पीकर की कुर्सी के प्रति उनकी अनुशासनहीनता और अनादर के कारण, विधायकों को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है| यह कार्रवाई कर्नाटक विधानसभा की प्रक्रियाओं और आचरण दिशानिर्देशों के नियम ३४८ के अनुसार की गई है| निलंबन गुस्से या प्रतिशोध से नहीं लगाया गया था| अगर १८ विधायक अनुरोध प्रस्तुत करते हैं, तो मैं अगली कार्रवाई पर विचार करूंगा| इस फैसले में कोई बाहरी दबाव नहीं था| उन्होंने आगे कहा निर्वाचित प्रतिनिधियों को जनता चुनती है और उन्हें उसी के अनुसार व्यवहार करना चाहिए| यह दूसरी बार है जब भाजपा विधायकों ने इस तरह का व्यवहार किया है|