संविधान बदलने संबंधी शिवकुमार के बयान से विवाद
-भाजपा नाराज
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के इस बयान से विवाद खड़ा हो गया है कि संविधान में संशोधन किया जाएगा और भाजपा ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई है| अनुबंधों में मुसलमानों के लिए ४ प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे पर बोलते हुए कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए कोटा प्रदान करने के लिए बदलाव किए जाएंगे| भाजपा के अमित मालवीय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने खुले तौर पर घोषणा की है कि कांग्रेस मुसलमानों को आरक्षण प्रदान करने के लिए संविधान में संशोधन करेगी|
संविधान के स्वयंभू रक्षक राहुल गांधी अब कहां हैं? कांग्रेस ने हमेशा राष्ट्रीय हित से अधिक स्वहित को प्राथमिकता दी है| उन्होंने देश को धार्मिक आधार पर बांटने में कोई संकोच नहीं किया| हालाँकि, मुसलमानों को पीछे रहने पर मजबूर होना पड़ा| इससे बड़ा कोई विश्वासघात नहीं है| उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी हिंदुओं के साथ उचित व्यवहार नहीं किया है और न ही कभी करेगी| भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने भी कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राज बाहर आ गया है| अकरम ने कांग्रेस पार्टी की इस बात को स्वीकार करने के लिए आलोचना की कि वह मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संविधान में बदलाव करना चाहती है| यह स्पष्ट है कि कांग्रेस संविधान विरोधी, आरक्षण विरोधी और अंबेडकर विरोधी है| डीके शिवकुमार ने स्वयं स्वीकार किया है कि ४ प्रतिशत आरक्षण देना असंवैधानिक है| उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने संविधान में बदलाव करने का वादा किया है| एक निजी चैनल पर चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि मुसलमानों को ठेकों में ४ प्रतिशत आरक्षण देने के मुद्दे पर बड़े पैमाने पर चर्चा हो रही है| बाइक और कार में पंक्चर लगाने के लिए मुसलमानों की आलोचना की जाती है| सरकार के तौर पर समाज के हर वर्ग का उत्थान करना हमारी जिम्मेदारी है| हमें उन्हें समाज में आगे आने और विकास में भाग लेने का अवसर देना चाहिए| इसलिए हम कुछ पूरक कार्य कर रहे हैं| हम जानते हैं कि कई लोग हमारे रुख को अदालत में ले जाएंगे| इससे पहले, न्यायाधीशों ने भी कहा था कि संविधान में संशोधन किया गया है| उन्होंने आगे कहा कि विपक्षी दल इस मुद्दे पर अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है| उन्होंने कहा कि अतीत में ऐसे फैसले हुए हैं जिनसे संविधान में बदलाव हुआ है और हमें ऐसे दिन का इंतजार करना चाहिए| आइए इंतजार करें और देखें कि अदालत क्या कहती है| उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले भी आएंगे जो संविधान को भी बदल देंगे|