ब्यौरा भेजने में कोताही कर रहा जिला प्रशासन
सरकारी संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड के दावे का मामला
लखनऊ, 01 अप्रैल (एजेंसियां)। शासन ने जिलों से इन अवैध वक्फ संपत्तियों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। अब तक जिलों से ब्यौरे न मिल पाने से संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। स्थानीय जिला प्रशासन वक्फ के तौर पर दर्ज सरकारी संपत्तियों का विस्तृत ब्योरा मुख्यालय को नहीं भेज रहा है। पूरे प्रदेश में यही स्थिति है। इस पर शासन ने सख्त रुख अपनाया है। रिमाइंडर भेजने के बावजूद मामले में तेजी नहीं दिखाई जा रही है। इसलिए अब कार्रवाई की तैयारी है। प्रदेश में कुल 57792 सरकारी संपत्तियां हैं, जो वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में अवैध रूप से वक्फ संपत्तियों के रूप में दर्ज हैं। इनका कुल रकबा 11712 एकड़ है। नियमानुसार, इन संपत्तियों को वक्फ (दान) किया ही नहीं जा सकता था। ये संपत्तियां करीब-करीब सभी जिलों में हैं। हालांकि, वक्फ के नाम पर सबसे ज्यादा शाहजहांपुर, रामपुर, अयोध्या, जौ
शासन ने जिलों से इन अवैध वक्फ संपत्तियों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। मसलन, ये संपत्तियां संबंधित जिले में किस लोकेशन पर हैं। इनके उपयोग की प्रकृति क्या है। अवैध कब्जेदारों के नाम क्या हैं। साथ ही गलत ढंग से खतौनी में नाम दर्ज करवाने के पीछे किन सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों का हाथ रहा है, जिनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
शासन के उच्चपदस्थ अधिकारी ने कहा, सूचना मांगे दो माह से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन अब तक प्रतापगढ़ समेत सिर्फ दो जिलों ने ही सूचना भेजी है। पर, इन दोनों जिलों ने सभी सूचनाओं के जवाब में शून्य लिखकर भेज दिया है। यानी उनके यहां इस तरह की कोई संपत्ति ही नहीं है। लेकिन, शासन के पास पुख्ता जानकारी है कि इन दो जिलों से आई सूचना सही नहीं है। इसलिए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने पर भी विचार चल रहा है।