लोकसभा में आज पेश होगा वक्फ संशोधन विधेयक

 अब कानून बनने की दहलीज पर वक्फ संशोधन विधेयक

 लोकसभा में आज पेश होगा वक्फ संशोधन विधेयक

भाजपा ने अपने सभी सांसदों को जारी किया व्हिप

नई दिल्ली01 अप्रैल (एजेंसियां)। केंद्र सरकार वक्फ संशोधन विधेयक बुधवार को लोकसभा में पेश करेगी। कार्य मंत्रणा समिति ने इसके लिए 8 घंटे का समय तय किया है। विधेयक को कल प्रश्न काल के तुरंत बाद पेश किया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक के बाद बताया कि सरकार 2 अप्रैल को वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश करेगी। इस पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आश्वासन दिया है कि सदन की सहमति होने पर इस समय को आगे बढ़ाया जा सकता है।

विधेयक का विरोध कर रहे विपक्ष पर निशाना साधते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि उनके बहाना बनाकर सदन से वाकआउट करने पर भी चर्चा जारी रहेगी। विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति में व्यापक विचार-विमर्श के बाद लाया गया है। सरकार चाहती है कि सभी चर्चा में भाग लें। लोग चाहते हैं कि राजनीतिक दल विधेयक पर अपना मत रखें। बहस ऐतिहासिक होने वाली है। स्पष्ट है कि संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में मोदी सरकार वक्फ संशोधन बिल लाने की पूरी तैयारी कर चुकी है। यह बिल कल 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश किया जाएगा। आज मंगलवार को संसद की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में वक्प बिल को संसद में पेश करने को लेकर हरी झंडी मिल गई है।

वक्फ बिल के पेश होने के चलते हीसत्ताधारी एनडीए गठबंधन का नेतृत्व कर रही भाजपा ने अपने सभी सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। सांसदों से सदन में पूरे वक्त मौजूद रहने को कहा गया है। इसके अलावा भाजपा ने अपने सहयोगी दलों से भी उनके सभी सांसदों को संसद में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी करने का अनुरोध किया है।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि कल प्रश्न कल के तुरंत बाद लोकसभा में वक्फ बिल को विचार एवं पारित किए जाने के लिए संसद में रखा जाएगा। उन्होंने बताया है कि इस बिल के लिए 8 घंटे की चर्चा तय की गई है। दूसरी ओर विपक्ष की मांग है कि इस बिल को लेकर कम से कम 12 घंटे की चर्चा हो लेकिन इसको लेकर संसदीय कार्यमंत्री का कहना है कि 4 अप्रैल को संसद का सत्र खत्म हो जाएगा और इसके पहले इस बिल को राज्यसभा में भी ले जाकर पारित करना है।

Read More ताजिया का साइज छोटा करें, हाइटेंशन लाइन से बचें

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने कहा के वक्फ बिल का मुद्दा लोकसभा के लिए जितना अहम है, उतनी ही अहमियत उसकी राज्यसभा के लिए भी है। उन्होंने कहा कि अगर दो दिन तक लोकसभा में चर्चा होगी तो राज्यसभा के लिए समय नहीं बचेगा। रिजिजू ने कहा कि हम एक अच्छा बिल लेकर आए हैं। यह संसद के रिकॉर्ड में दर्ज होगा कि किसने इसका समर्थन किया और कौन इसके विरोध में लगा रहा। किरेन रिजिजू ने कहाहम हाथ जोड़कर विनती करते हैं कि बिल पर बोलने के लिए कुछ नहीं है तो बहाना मत बनाइएखुलकर बोलिए। उन्होंने कहा कि बिल पर चर्चा के लिए समय बढ़ाया जा सकता है लेकिन बिल को पारित इसी दिन करना होगा। मोदी सरकार के मंत्री ने कहा कि बहुत से मुस्लिम भी इस बिल के समर्थन में हैं। जेपीसी में इतनी चर्चा हो चुकी हैअब बस केवल भ्रम फैलाया जा रहा है।

Read More ब्रजेश पाठक का विद्या बालन से हुआ गंधर्व विवाह

वक्फ बिल को पास करने के लिए मोदी सरकार पूरी तरह सजग है और भाजपा ने सांसदों को यह सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सदन की कार्यवाही के दौरान वह किसी भी मुद्दे पर जरूर से ज्यादा उत्तेजित न होंजिसका फायदा उठाकर विपक्षी दलों को हंगामा करने का मौका मिले और संसद की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ जाए। लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किए जाने के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी समेत दूसरी सभी पार्टियों ने अपने अपने सांसदों को बुधवार को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है। भाजपा ने मंगलवार को ह्विप जारी कर पार्टी के सभी लोकसभा सदस्यों को बुधवार (2 अप्रैल) को सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा है। लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक डॉ. संजय जयसवाल ने परिपत्र में कहा है कि सदन में कुछ अति महत्वपूर्ण विधायी कार्य पारित करने के लिए बुधवार को लाए जाएंगे। भाजपा के सभी सदस्यों से निवेदन है कि वे बुधवार को पूरे समय सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहकर सरकार के पक्ष का समर्थन करें।

Read More सरकार ने दूध सहित आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ाकर लोगों को परेशानी में डाला: चन्नाबसप्पा

 

वक्फ विधेयक के दोनों सदनों से पारित होने में कोई बाधा नहीं

नई दिल्ली, 01 अप्रैल (एजेंसियां)। मोदी सरकार ने वक्फ संशोधन बिल बुधवार को लोकसभा में पेश करने की तैयारी पूरी कर ली है। 2 अप्रैल को यह बिल लोकसभा में पेश किया जाएगा। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को 8 अप्रैल 2024 को लोकसभा में पेश किया था। तब विपक्ष के भारी हंगामे के बाद इस बिल को जेपीसी को भेज दिया गया। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अगुवाई में जेपीसी ने इस बिल का ड्राफ्ट तैयार किया। इसके बाद बिल को कैबिनेट की भी मंजूरी मिल चुकी है। हालांकि संसद में इसे पास कराना सरकार के लिए काफी चुनौती भरा कदम होगा।

लोकसभा में सांसदों की मौजूदा संख्या 542 है। भाजपा के पास सबसे ज्यादा नंबर 240 का है। भाजपा के सहयोगी दलों को भी जोड़ लिया जाए तो एनडीए सांसदों की संख्या 294 होती है। लोकसभा में बिल को पास कराने के लिए बहुमत का आंकड़ा 272 चाहिए। ऐसे में अगर भाजपा को सहयोगी दलों का साथ मिलता है तो उसके लिए लोकसभा में इस बिल को पास कराने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। विपक्षी दलों की बात करें तो कांग्रेस के पास सबसे अधिक 99 सांसद हैं। इंडी गठबंधन के कुल सांसदों की संख्या 233 है। लोकसभा में कुछ सांसद ऐसे भी हैं जो एनडीए और इंडी दोनों ही गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं। इनमें आजाद समाज पार्टी के एडवोकेट चंद्रशेखर और शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल भी शामिल हैं।

राज्यसभा की स्थिति थोड़ी अलग है। ऊपरी सदन में मौजूदा समय में सदस्यों की संख्या 236 है। यहां भी भाजपा का नंबर सबसे अधिक है। भाजपा के पास कुल 98 सदस्य हैं। एनडीए के कुल सदस्यों की संख्या 115 है। अगर इसमें 6 मनोनीत सदस्यों को भी शामिल कर दें तो यह आंकड़ा 121 तक पहुंचता है। राज्यसभा में इस बिल को पास कराने के लिए 119 सदस्यों की जरूरत होगी। ऐसे में उसके पास बहुमत से 2 सदस्य अधिक हैं। विपक्षी दलों में कांग्रेस के पास 27 सदस्य हैं। वहीं इंडी गठबंधन के कुल सदस्यों की संख्या 85 है। इसमें वाईएसआर कांग्रेस के 9बीजेडी के 7 और एआईएडीमके के 4 सदस्य शामिल हैं। राज्यसभा में 3 ऐसे भी सदस्य हैं जो न ही इंडी गठबंधन के साथ हैं और न एनडीए का हिस्सा हैं।