पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में बीईएल कर्मचारी गिरफ्तार

पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में बीईएल कर्मचारी गिरफ्तार

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के एक कर्मचारी को पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में बेंगलूरु में गिरफ्तार किया गया है| सूत्रों ने गुरुवार को इसका खुलासा किया| केंद्रीय खुफिया एजेंसियों, सैन्य खुफिया एजेंसियों और राज्य अधिकारियों के संयुक्त अभियान में यह गिरफ्तारी की गई| आरोपी की पहचान दीप राज चंद्र के रूप में हुई है, जो बीईएल में उत्पाद विकास और नवाचार केंद्र प्रभाग में कार्यरत था और बेंगलूरु के मत्तिकेरे इलाके में रहता था| मूल रूप से गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश का रहने वाला चंद्रा बीईएल में अपनी भूमिका के कारण महत्वपूर्ण रक्षा संबंधी जानकारी तक पहुंच पाया|


अधिकारियों ने अभी और विवरण का खुलासा नहीं किया है और केंद्रीय एजेंसियों की ओर से आधिकारिक बयान का इंतजार है| रक्षा मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम बीईएल भारत के रक्षा बलों के लिए उन्नत इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है| यह गिरफ्तारी भारत में जासूसी से संबंधित घटनाओं की एक श्रृंखला के बाद हुई है| बुधवार को उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने कानपुर आयुध निर्माणी के एक जूनियर वर्क्स मैनेजर को एक संदिग्ध पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव के साथ कथित तौर पर गोपनीय जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया| संदिग्ध, रवींद्र कुमार को १४ मार्च को लखनऊ में एटीएस मुख्यालय में हिरासत में लिया गया था| पिछले महीने, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कर्नाटक के करवार में दो व्यक्तियों को करवार नौसेना बेस के बारे में पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया था|

संदिग्ध, वेताना टंडेल और अक्षय नाइक को महीनों की निगरानी के बाद ट्रैक किया गया था| जांचकर्ताओं का मानना है कि उन्हें हनी ट्रैप के जरिए निशाना बनाया गया था, जिसमें एक पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव ने कथित तौर पर सोशल मीडिया के जरिए उन्हें लुभाया था| सूत्रों के अनुसार, आरोपियों ने पैसे के बदले तस्वीरें और नौसेना की गतिविधियों का विवरण साझा किया| पिछले साल हैदराबाद में एक अन्य संदिग्ध दीपक की गिरफ्तारी के बाद उनकी संलिप्तता सामने आई| जांचकर्ताओं ने जासूसी गतिविधियों से जुड़े वित्तीय लेन-देन के सबूत खोजे| कारवार नौसेना बेस, जो विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत का घर है, भारतीय नौसेना के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है| पूर्वी गोलार्ध में सबसे बड़ा नौसैनिक अड्डा बनने के लिए इसका विस्तार किया जा रहा है| सुरक्षा एजेंसियाँ विदेशी खुफिया नेटवर्क की सहायता करने वाले संदिग्ध व्यक्तियों पर अपनी कार्रवाई तेज कर रही हैं, जो भारत के रक्षा क्षेत्र को लक्षित करके जासूसी के बढ़ते खतरे पर जोर दे रही हैं|

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