केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 2% बढ़ा

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 केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 2% बढ़ा

बिहार की कोसी मेची अंतरराज्यीय लिंक परियोजना मंजूर

नई दिल्ली, 28 मार्च (एजेंसियां)। केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते और महंगाई राहत (डीए-डीआर) में 2 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट के फैसले के बारे में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को जानकारी दी। केंद्र सरकार के इस निर्णय के साथ केंद्रीय कर्मचारियों का डीए और डीआर 53 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो जाएगा। इससे कर्मचारियों के वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन में वृद्धि होगी। पिछली बार डीए में वृद्धि जुलाई 2024 में हुई थीजब इसे 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 53 प्रतिशत किया गया था। डीए और डीआर दोनों में वृद्धि के कारण राजकोष पर संयुक्त प्रभाव प्रति वर्ष 6,614.04 करोड़ रुपए होगा। सरकार के इस फैसले से करीब 1.15 करोड़ केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अतिरिक्त डीए और डीआर से जुड़ा फैसला 01 जनवरी 2025 से लागू होगा और सरकार इस मद में अतिरिक्त 7,716 करोड़ रुपए खर्च करेगी। अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के 12 महीने के औसत में वृद्धि के आधार पर डीए की दर तय की जाती है। डीए वृद्धि मद में सरकार इस वृद्धि के बाद अतिरिक्त 3,622 रुपए खर्च करेगी। वहीं डीआर मद में 2,992 रुपए का अतिरिक्त खर्चा आएगा।

महंगाई भत्ता (डीए) सरकारी कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई से निपटने में मदद करने के लिए दिया जाने वाला भत्ता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बढ़ती महंगाई के कारण वेतन अपना मूल्य न खो दे। कर्मचारियों का मूल वेतन हर 10 साल में वेतन आयोग की ओर से निर्धारित किया जाता है। इसके अतिरिक्तमहंगाई के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए डीए में समय-समय पर बदलाव किया जाता है।

कैबिनेट ने बिहार की कोसी मेची अंतर-राज्यीय लिंक परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत शामिल करने को भी मंजूरी दे दी है। इस फैसले बिहार के सीमांचल इलाके के किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा। केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 6,282.32 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना को मार्च2029 तक पूरा करने के लिए बिहार को 3,652.56 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता को भी मंजूरी दे दी है। इस परियोजना में मौजूदा पूर्वी कोसी मुख्य नहर के पुनर्निर्माण के माध्यम से बिहार में महानंदा बेसिन तक सिंचाई के विस्तार के लिए कोसी के अधिशेष जल के एक हिस्से को मोड़ने की परिकल्पना की गई है।

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