आज से दूध की संशोधित कीमतें होंगी लागू

आज से दूध की संशोधित कीमतें होंगी लागू

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| दूध संघों के अनुरोध पर राज्य सरकार द्वारा हाल ही में लिए गए निर्णय के अनुसार मंगलवार से राज्य भर में नंदिनी दूध और दही के विक्रय मूल्य में ४ रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हो जाएगी| इससे पहले ३ अगस्त २०२३, २ जून २०२४ और मार्च २०२५ को बढ़ोतरी की गई थी| अब इसमें फिर से ४ रुपये वृद्धि हो रही है| यद्यपि इससे किसानों को लाभ होगा, लेकिन उपभोक्ताओं को नुकसान होगा| नई संशोधित कीमतें मंगलवार से लागू होंगी और आम आदमी को दूध की कीमतों में वृद्धि का खामियाजा भुगतना पड़ेगा|

राज्य के लोग, जो पहले से ही आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से परेशान हैं, दूध की कीमतों में वृद्धि का असर महसूस करेंगे| बस, मेट्रो और बिजली के बाद, केएमएफ नंदिनी दूध की कीमत में वृद्धि एक बड़ा बोझ है| दुग्ध संघ और किसानों की ओर से दूध के दाम बढ़ाने की लगातार मांग के चलते दूध के दाम में ४ रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है| लोगों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इससे किसानों को लाभ तो होगा, लेकिन उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ेगा|

पिछले गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक में कर्नाटक दुग्ध महासंघ (केएमएफ) द्वारा दरों में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी| वृद्धि की पूरी राशि सीधे दूध उत्पादकों को दी जाएगी| वर्तमान में, केएमएफ किसानों को भंडारण के लिए प्रति लीटर दूध पर ३१.६८ रुपये की दर से भुगतान कर रहा है| संशोधन के बाद दूध का विक्रय मूल्य ३५.६८ रुपये हो जाएगा| २६ जून २०२४ को प्रति लीटर दूध पर ५० मिली लीटर अतिरिक्त देकर कीमत में २ प्रतिशत (४२ से ४४) की वृद्धि की गई थी| दूध उत्पादन की बढ़ती लागत के कारण किसान लंबे समय से सरकार पर दूध के विक्रय मूल्य में वृद्धि करने का दबाव बना रहे हैं|

दुग्ध संघों ने दूध उत्पादन और प्रसंस्करण की लागत को ध्यान में रखते हुए डेयरी उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए मूल्य में संशोधन का भी प्रस्ताव रखा था| मक्का, चावल की भूसी, कपास खली और पशु आहार उत्पादन में प्रयुक्त खनिजों की कीमतों में ३५ से ४० प्रतिशत की वृद्धि हुई है| डेयरी फार्मों की रखरखाव लागत भी अधिक है| दुग्ध संघ ने ५ प्रतिशत वृद्धि की मांग की थी| इस प्रकार, लाभ और हानि की गणना में मूल्य को संशोधित नहीं किया गया है| सरकार का तर्क है कि दूध उत्पादकों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार ने मूल्य वृद्धि पर सहमति व्यक्त की है|
एक ओर तो आरोप लग रहे हैं कि सरकार गारंटी के जरिए लाभार्थियों को फायदा पहुंचा रही है, वहीं दूसरी ओर वह मूल्य वृद्धि के जरिए लोगों पर बोझ डाल रही है| बस किराया, बिजली किराया, मेट्रो किराया और दूध के दाम बढ़ाकर जनता को चौंका देने वाले सरकार के इस फैसले से जनता में आक्रोश भी पैदा हो गया है|

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