तहव्वुर को कैसे घसीट लाया भारत

मोदी के बयान ने हिलाया पाकिस्तान, ट्रंप भी दहाड़े

तहव्वुर को कैसे घसीट लाया भारत

मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा कोर्ट में पेश:बंद कमरे में सुनवाई जारी

आज अमेरिका से भारत लाया गया, पहली तस्वीर भी सामने आई

मुम्बई, 10 अप्रैल (एजेंसी)। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत घसीट लाया है। तहव्वुर राणा को स्पेशल विमान से भारत लाया गया है। 64 साल का तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। भारत लाए जाने के बाद तहव्वुर राणा को एनआईए की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। तहव्वुर राणा वो जिंदा सबूत है जिसका इस्तेमाल अब भारत हर मंच पर करेगा। तहव्वुर राणा की तुड़ाई होगी तो वो पाकिस्तान के कई राज भी खोलेगा। ऐसे में तहव्वुर राणा के भारत आते ही पाकिस्तान ने ऐसी गलती कर दी है, जिसका नतीजा पाकिस्तान के साथ एक और देश भुगतेगा। तहव्वुर राणा का नाम लेकर पाकिस्तान ने अपने साथ एक और देश को फंसा दिया है। दिल्ली और मुंबई की जेल में तहव्वुर के लिए हाई सिक्योरिटी की व्यवस्था की गई है। उसके लिए फांसी की मांग की जा रही है। तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने को मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। 

तहव्वुर राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रह चुका है। इसने अपने बचपन के दोस्त की मदद से मुंबई में हुए आतंकी हमले को अंजाम दिया था। तहव्वुर राणा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक स्कूल प्रिंसपल के घर पैदा हुआ। तहव्वुर राणा ने मिलिट्री स्कूल में पढ़ाई की तो हथियारों की तालीम उसे वहीं मिल गई। उसके बाद उसने सेना में डॉक्टर की नौकरी की। 1997 में तहव्वुर राणा अपने साथ कनाडा चला गया और चार साल बाद उसे कनाडा की नागरिकता भी मिल गई। इसके बाद तहव्वुर राणा ने अमेरिका में भी अपना काम फैलाया। इसने अमेरिका में एक इमीग्रेशन सेंटर और कसाईखाना खोला। लेकिन ये सब दिखावा था औऱ तहव्वुर राणा का असली काम तो कुछ और ही था। अमेरिका में बिजनेस के नाम पर तहव्वुर राणा क्या कर रहा था ये तो 2009 में पता चला यानी 2008 के मुंबई हमलों के बाद। अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों ने डेनमार्क के एक अखबार पर हमले की प्लानिंग के आरोप में तहव्वुर राणा और उसके दोस्त डेविड हेडली को गिरफ्तार कर लिया। जब पूछताछ हुई तो इसी दौरान पता चला कि मुंबई में हुए आतंकी हमले को डेविड हेडली और तहव्वुर राणा ने करवाया था। 

तहव्वुर राणा के मुंह खोलने से पहले ही पाकिस्तान ने उसे कनाडा का नागरिक बता दिया है। पाकिस्तान ने कहा है कि तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों से अपना पासपोर्ट रिन्यू नहीं करवाया है। इसलिए उससे हमारा कोई लेना देना नहीं है। वो तो कनाडा का नागरिक है। यानी अब तहव्वुर राणा जो कुछ बोलेगा उसका जवाब कनाडा को देना होगा। 

वायरल हो रहा पीएम मोदी का बयान 

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सातवें पाताल में होंगे, उनको भी मैं छोड़ने वाला नही हूँ...2019 में प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने स्पष्ट किया था कि अगर कोई भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा या किसी भी निर्दोष नागरिक पर हमला करेगा, तो भारत उसे पाताल से भी खोजकर न्याय के दरवाजे तक लाएगा। तहव्वुर राणा अब भारत की धरती पर लाया जा चुका है और एनआईए की अदालत में उसके जुर्मों का हिसाब हो रहा है। ऐसे में पीएम मोदी का ये पुराना बयान खूब वायरल हो रहा है। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्ररति ट्रंप का भी एक बयान इन दिनों चर्चा में है। जब पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा था कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने भारत में न्याय का सामना करने के लिए 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं (तहव्वुर राणा) में से एक के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. वह न्याय का सामना करने के लिए भारत वापस जा रहा है।

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बंद कमरे में सुनवाई जारी

2008 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को कड़ी सुरक्षा के बीच पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। जज को राणा की मेडिकल कंडीशन के बारे में जानकारी दी गई। NIA ने कोर्ट से 20 दिन की रिमांड मांगी है। स्पेशल NIA जज चंद्रजीत सिंह बंद कमरे में मामले की सुनवाई कर रहे हैं।

तहव्वुर राणा को आज अमेरिका से भारत लाया गया। गुरुवार शाम करीब 6:30 बजे राणा को लेकर अमेरिकी गल्फस्ट्रीम G550 विमान दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। जहां उसका मेडिकल चेकअप हुआ, इसके बाद उसे सीधे NIA हेडक्वार्टर ले जाया गया।

भारत पहुंचने के बाद राणा की पहली तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के अधिकारी उसे पकड़े नजर आ रहे हैं। राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा।

हालांकि राणा को कब और किस वार्ड में रखा जाएगा, इसका अंतिम फैसला कोर्ट के आदेश के बाद ही होगा। जांच एजेंसी NIA और खुफिया एजेंसी RAW की एक जॉइंट टीम बुधवार को राणा को लेकर अमेरिका से रवाना हुई थी।
तहव्वुर राणा को अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। उस पर मुंबई के 26/11 और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड रिचर्ड हेडली की गवाही के आधार पर तहव्वुर राणा को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

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