दूसरे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रस्ताव का विरोध स्वयं कांग्रेसियों की ओर से आ रहा

 दूसरे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रस्ताव का विरोध स्वयं कांग्रेसियों की ओर से आ रहा

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| राज्य सरकार द्वारा मौजूदा केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बोझ से बचने के लिए बेंगलूरु के आसपास एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के प्रस्ताव का उसकी अपनी ही पार्टी ने विरोध किया है| ३० से अधिक कांग्रेस विधायकों ने कनकपुरा या नेलमंगला में दूसरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थापित करने के सरकार के प्रस्ताव का विरोध किया|

विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री सिद्धरामैया को पत्र लिखकर मध्य कर्नाटक और कित्तूर कर्नाटक के प्रवेश द्वार तुमकुरु जिले के शिरा में दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थापित करने की मांग की है| दिल्ली के विशेष प्रतिनिधि एवं पूर्व मंत्री टी.बी. जयचंद्र, डी.जी. शांतनगौड़ा, बी.आर. पाटिल, नयना मोटम्मा, बी.एम. नागराज, एस. राजप्पा, लक्ष्मण सावदी, हंपनागौड़ा बदरली, आनंद के.एस. एच.डी. थम्मैया, विनय कुलकर्णी, सी.एस. नादगौड़ा, गणेश हुक्केरी, अशोक पट्टन, सुरेश गौड़ा और अन्य ने स्वतंत्र आधार पर एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि कनकपुरा या नेलमंगला के बजाय शिरा में हवाई अड्डा बनाना अधिक लाभदायक होगा| उनका तर्क है कि शिरा में हवाई अड्डा बनाने से मैदानी इलाकों और उत्तरी कर्नाटक को अधिक लाभ होगा| चेन्नई-मुंबई राजमार्ग शिरा से होकर गुजरता है|

एचएएल जैसा रक्षा संगठन है| वसंतनारसपुरा में सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र, जापान टाउनशिप, भी जल्द ही बनाया जा रहा है| यह एक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बन रहा है| येत्तिनाहोल, ऊपरी भद्रा नदी और हेमावती में सिंचाई की सुविधा है| इस मामले में तर्क यह है कि यदि शिरा में हवाई अड्डा बनाया जाता है तो बेंगलूरु में यातायात की भीड़भाड़ आधी हो जाएगी| इस संबंध में विशेषज्ञ समिति का निर्णय अंतिम होगा| विशेषज्ञों की एक समिति प्रस्तावित स्थानों का दौरा और निरीक्षण कर रही है| विशेषज्ञों की एक टीम ने कनकपुरा रोड पर दो स्थानों का निरीक्षण किया है| हवाई अड्डे के निर्माण के लिए आवश्यक वातावरण और सुविधाओं के आधार पर निर्णय लिया जाएगा| इसके बावजूद कनकपुरा और नेलमंगला सहित विभिन्न स्थानों पर हवाई अड्डों के निर्माण की मांग हो रही है| कुल मिलाकर, राज्य में दूसरा हवाई अड्डा बनाने का मुद्दा असमंजस की स्थिति पैदा कर सकता है, तथा राज्य के किस हिस्से में हवाई अड्डा बनाना सर्वोत्तम होगा, इस बारे में प्रशासनिक निर्णय लेना आसान काम नहीं है| यह देखना अभी बाकी है कि सरकार अंततः क्या निर्णय लेगी|

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की एक उच्चस्तरीय टीम ने मंगलवार को शहर में प्रस्तावित दूसरे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए राज्य सरकार द्वारा चिन्हित तीन स्थलों में से दो का निरीक्षण किया| ये स्थल कनकपुरा रोड पर स्थित हैं| बाद में, टीम के सदस्यों ने बुनियादी ढांचा विकास मंत्री एम.बी. पाटिल से मुलाकात की और विचारों का आदान-प्रदान किया| इस अवसर पर मंत्री ने टीम के सदस्यों को प्रस्तावित हवाई अड्डे की आवश्यकताओं, बेंगलूरु की नागरिक और औद्योगिक आवश्यकताओं आदि के बारे में भी बताया और एक प्रदर्शन भी दिया| उन्होंने टीम को स्थान पहचान का कार्य अत्यंत पारदर्शी तरीके से करने की सलाह दी| प्राधिकरण की टीम में महाप्रबंधक विक्रम सिंह, संयुक्त महाप्रबंधक के. श्रीनिवास राव, सहायक महाप्रबंधक मनुज भारद्वाज और मुख्यालय अधिकारी सचिदानंद, संतोषकुमार भारती और अमन छीपा शामिल थे|

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