केंद्र सरकार ने फिर बढ़ाई रसोई गैस की कीमत

महंगाई में आम नागरिक पर और बोझ बढ़ा

केंद्र सरकार ने फिर बढ़ाई रसोई गैस की कीमत

नई दिल्ली, 07 अप्रैल (एजेंसियां)। केंद्र सरकार ने एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में इजाफे का ऐलान किया है। इस वृद्धि के साथ सामान्य उपभोक्ताओं के लिए 14.2 किलोग्राम वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 803 रुपए से बढ़कर 853 रुपए हो जाएगी। 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर का नया भाव हैदराबाद में 905 रुपए, नई दिल्ली में 853 रुपए, कोलकाता में 879 रुपए, मुंबई में 852 रुपए, गुड़गांव में 861 रुपए, नोएडा में 851 रुपए, भुवनेश्वर में 879 रुपए और चंडीगढ़ में 862 रुपए होगा।

केंद्र के इस फैसले से आम जनता को महंगाई के  मोर्चे पर एक और झटका लगा है। एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतें बढ़ने से मध्यम वर्ग पर फिर बोझ बढ़ गया है। घरेलू गैस सिलेंडर और उज्जवला योजना के तहत मिलने वाले सिलेंडर पर 50 रुपए प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को वितरण कंपनियों की ओर से रसोई गैस या एलपीजी की कीमत में 50 रुपए प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी किए जाने का ऐलान किया। मंत्री ने कहा कि उज्ज्वला और सामान्य श्रेणी के ग्राहकों दोनों के लिए गैस की कीमत में इजाफा किया गया है। नई कीमतें आज आधी रात से लागू हो जाएंगी।

सामान्य उपभोक्ताओं के लिए 14.2 किलोग्राम वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 803 रुपए से बढ़कर 853 रुपए हो जाएगी और उज्ज्वला योजना के तहत उपभोक्ताओं के लिए 14.2 किलोग्राम वाले सिलेंडर की कीमत 503 रुपए से बढ़कर 553 रुपए हो जाएगी। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं रसायन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहाएलपीजी के प्रति सिलेंडर की कीमत में 50 रुपए की वृद्धि होगी। 500 से यह 550 (पीएमयूवाई लाभार्थियों के लिए) हो जाएगी और अन्य के लिए यह 803 रुपए से बढ़कर 853 रुपए हो जाएगी। यह एक ऐसा कदम है जिसकी हम आगे समीक्षा करेंगे। हम हर 2-3 सप्ताह में इसकी समीक्षा करते हैं। इसलिएआपने जो उत्पाद शुल्क में वृद्धि देखी हैउसका बोझ पेट्रोल और डीजल पर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा। उस उत्पाद शुल्क वृद्धि का उद्देश्य तेल विपणन कंपनियों को 43,000 करोड़ रुपए की भरपाई करना है। जो उन्हें गैस के कारण नुकसान के रूप में हुआ है।

पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में दो रुपए की बढ़ोतरी की जा रही है। लेकिन इसका बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला गया है। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत घटकर लगभग 60 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। देश की तेल विपणन कंपनियां 45 दिनों की अवधि के लिए स्टॉक रखती हैं। जनवरी में कच्चे तेल की कीमत 83 डॉलर थीजो बाद में घटकर 75 डॉलर हो गई। उम्मीद है कि तेल विपणन कंपनियां वैश्विक कीमत के हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करेंगी।

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