सिक्किम के सीमावर्ती गांव में पहली बार पहुंची बिजली
भारतीय सेना की त्रिशक्ति-कोर ने खोजा समाधान
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गंगटोक, 07 अप्रैल (एजेंसियां)। भारत-चीन और भूटान की सीमा पर डोक-ला पोस्ट के पास स्थित देश का पहला सीमावर्ती गांव डिचू एक ऐतिहासिक पहल का गवाह बना है। सिक्किम के इस गांव के लोगों को पहली बार बिजली की सुविधा मिली है। भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर की इस पहल से स्थानीय लोगों के जीवन को नई दिशा और ऊर्जा मिली है। इसके अलावा सेना ने स्थानीय लोगों की टिन की छतों को भी रंगने का कार्य किया है।
सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर ने इसी साल 4 जनवरी को डोक-ला चौकी का दौरा किया था। लौटते समय राज्यपाल ने सीमावर्ती गांव डिचू के स्थानीय लोगों से बातचीत की। इस दौरान उन्हें पता चला कि गांव में अभी तक बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं है। राज्यपाल ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर तत्काल ध्यान देते हुए भारतीय सेना की 17वीं माउंटेन डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल एमएस राठौर से इस चुनौती का समाधान ढूंढने का आग्रह किया। भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर ने राज्यपाल के अनुरोध को गंभीरता से लिया और त्वरित कार्रवाई की। सेना ने सीमावर्ती गांव डिचू में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए स्थानीय लोगों की बुनियादी जरूरतों पूरा किया।
सेना की इस पहल से डिचू के निवासी काफी उत्साहित हैं। ग्रामीणों ने राज्यपाल माथुर और भारतीय सेना के प्रति आभार व्यक्त किया है। अब यह गांव बिजली की रोशनी से जगमगा रहा है। यह पहल दूरस्थ एवं पिछड़े क्षेत्रों के सशक्तिकरण का भी एक उदाहरण है। राजभवन ने कहा कि यह कार्य राज्यपाल के कुशल मार्गदर्शन और भारतीय सेना के प्रयासों से संभव हो सका। राज्यपाल माथुर ने इस कार्य के लिए भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर के प्रति आभार व्यक्त किया है।