'ये देश कोई धर्मशाला नहीं, आने वालों पर रखेंगे नजर
लोकसभा में आव्रजन विधेयक पारित, गृहमंत्री की दो टूक
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घुसपैठियों पर सख्ती जरूरी
नई दिल्ली, 27 मार्च (एजेंसी)। लोकसभा ने ‘आप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक, 2025’ को पारित किया। बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि हमारे देश में कौन आता है और कितने समय के लिए आता है, देश की सुरक्षा के लिए यह जानने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि पांच हजार साल से प्रवासियों के बारे में भारत का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग रहा है, इसलिए किसी शरणार्थी नीति की हमें जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि आप्रवास और विदेशी विषयक विधेयक से भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का हमारा सपना पूरा होने वाला है।
शाह ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वालों को देश में घुसने नहीं दिया जाएगा। देश कोई धर्मशाला नहीं है। अगर कोई देश के विकास में अपना योगदान देने के लिए देश में आता है, तो उसका हमेशा स्वागत है। उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों में भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत एक चमकता हुआ केंद्र बन गया है। भारत मैन्यूफैक्चरिंग का हब बन गया है और दुनिया भर से लोगों का भारत आना स्वाभाविक है।
भाजपा नेता ने दावा किया कि निजी लाभ के लिए और देश को असुरक्षित बनाने के लिए भारत में शरण लेने वालों की संख्या भी बढ़ी है। रोहिंग्या हों या बांग्लादेशी, अगर वे भारत में अशांति फैलाने के लिए आते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत एक भू-सांस्कृतिक राष्ट्र है, भू-राजनीतिक राष्ट्र नहीं। फारसी लोग भारत आए और आज देश में सुरक्षित हैं। दुनिया का सबसे छोटा अल्पसंख्यक समुदाय भारत में ही सुरक्षित है। यहूदी इजरायल से भागकर भारत में ही रह गए। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में पड़ोसी देशों के छह उत्पीड़ित समुदायों के लोग CAA के जरिए देश में शरण ले रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि आव्रजन कोई अलग मुद्दा नहीं है। देश के कई मुद्दे इससे जुड़े हुए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से यह जानना बहुत जरूरी है कि देश की सीमा में कौन घुसता है। हम उन लोगों पर भी कड़ी नजर रखेंगे जो देश की सुरक्षा को खतरे में डालेंगे। वहीं, भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने लोकसभा में ‘आप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक, 2025’ पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि यह विधेयक समय की मांग है और इसकी सराहना की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य अतिथियों का सम्मान करने के साथ सीमाओं और राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस खारिज
राज्यसभा में कांग्रेस की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ लाए गए विशेषाधिकार हनन के नोटिस को सभापति जगदीप धनखड़ ने खारिज कर दिया। सभापति ने कहा कि गृह मंत्री ने कोई उल्लंघन नहीं किया है। उन्होंने अपने बयान को प्रमाणित करने के लिए 1948 की एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति का हवाला दिया था। इसमें कहा गया था कि एक कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के प्रबंधन का हिस्सा थे।
मंगलवार को आपदा प्रबंधन विधेयक 2024 पर बहस के जवाब के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि कांग्रेस के शासनकाल में पीएम राहत कोष बनाया गया था और इस सरकार के कार्यकाल के दौरान, पीएम केयर फंड शुरू किया गया। कांग्रेस के शासनकाल में इस फंड पर सिर्फ एक परिवार का नियंत्रण था।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी पर आरोप लगाने के लिए शाह के खिलाफ नोटिस पेश किया। यह विशेषाधिकार हनन का नोटिस राज्य सभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के नियम 188 के तहत दिया गया है। नोटिस में कहा गया कि चर्चा के दौरान भले ही गृह मंत्री ने सोनिया गांधी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने सोनिया गांधी का उल्लेख किया और प्रधानमंत्री राहत कोष (एनपीएमआरएफ) के कामकाज को लेकर आरोप लगाया। कांग्रेस ने गृह मंत्री पर सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का आरोप लगाया।
इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि अमित शाह ने आपदा प्रबंधन विधेयक 2024 पर बहस का जवाब देते हुए कुछ टिप्पणियां करने के बाद अपने बयान को प्रमाणित किया था। गृह मंत्री ने 24 जनवरी 1998 को भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा जारी एक प्रेस बयान का हवाला दिया। इसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पीएमएनआरएफ शुरू करने की घोषणा की थी, जिसे प्रधानमंत्री, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष और कुछ अन्य लोगों की एक समिति द्वारा प्रबंधित किया जाना था। मैंने इसे ध्यान से पढ़ा है। मुझे लगता है कि कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।