मैसूरु के होटलों में ५ प्रतिशत की बढ़ोतरी से कॉफी, चाय की कीमतों में बढ़ोतरी होगी

दूध की कीमतों में बढ़ोतरी

मैसूरु के होटलों में ५ प्रतिशत की बढ़ोतरी से कॉफी, चाय की कीमतों में बढ़ोतरी होगी

मैसूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| लोगों, खासकर मध्यम वर्ग और गरीब परिवारों की जेब पर बोझ डालने के अलावा, दूध की कीमतों में ४ रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी से कॉफी और चाय की कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना है, जिससे अगले महीने तक मैसूरु के होटलों में ५ प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाएगी| जबकि एमवाईएमयूएल (मैसूरु मिल्क यूनियन) के एमडी के एन सुरेश नायक ने कहा कि भले ही मवेशी पालन की लागत बढ़ गई है, लेकिन बढ़ी हुई पूरी राशि किसानों को दी जाएगी| मवेशीपालक एच एन नानजप्पा का मानना है कि अगर दूध संघ उन्हें पूरी राशि देने का वादा करता है, तो यह मवेशियों के चारे और मजदूरी की लागत में वृद्धि को देखते हुए मददगार होगा| सुरेश नायक ने बताया कि जिले में मवेशीपालक प्रतिदिन २,६०,००० लीटर दूध का उत्पादन करते हैं| वर्तमान में ४० रुपये प्रति लीटर दूध में से किसानों को ५ रुपये की सब्सिडी के अलावा ३२.१० रुपये मिल रहे हैं|


मैसूरु के पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा विभाग के उप निदेशक डॉ. नागराजू ने बताया कि मैसूरु जिले में ४,९२,५९८ गायें हैं| उन्होंने कहा अब लगातार नियमित टीकाकरण से मवेशियों में होने वाली बीमारियों पर नियंत्रण हो गया है| लेकिन किसान को खेती-बाड़ी के अलावा गाय की देखभाल के लिए प्रतिदिन १२ घंटे देने पड़ते हैं| इसलिए दूध उत्पादन की लागत और श्रम लागत को देखते हुए वैज्ञानिक गणना के बाद दूध की लागत में अन्य राज्यों की तरह और वृद्धि की जा सकती है| नंजनगुड तालुक के हदिनारू गांव के पशुपालक और सुत्तुर पशु मेले के समन्वयक एच एन नंजप्पा ने बताया पिछले एक साल में गायों के चारे की कीमत में करीब ३० फीसदी की बढ़ोतरी हुई है|

एक किसान को दो मवेशियों की देखभाल करने वाले एक समर्पित कर्मचारी पर करीब १५,००० रुपये खर्च करने पड़ते हैं, इसके अलावा उसे हर महीने चारे पर ५,००० रुपये से ज्यादा खर्च करने पड़ते हैं| अगर उसे प्रतिदिन प्रति गाय १० लीटर से ज्यादा दूध मिल रहा है, तो दो गायों के लिए उसे सब्सिडी सहित करीब २२,००० रुपये मिलेंगे| इसलिए किसानों को अच्छा मुनाफा नहीं मिल रहा है| इसलिए केएमएफ को किसानों को ४ रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी देनी चाहिए| उन्हें दूध उत्पादन बढ़ने पर दिए जाने वाले पैसे में बदलाव करना बंद कर देना चाहिए| डॉ. नागराजू ने कहा कि चारे की कीमत में बढ़ोतरी मक्का सहित इसके अवयवों की कीमत में बढ़ोतरी के कारण हुई है| उन्होंने कहा कि इससे किसानों को भी फायदा होगा| यह पूछे जाने पर कि क्या यह ग्राहकों के लिए बोझ नहीं होगा, सुरेश नायक ने कहा कि अकेले मैसूरु में लोग डोडला और जर्सी जैसी निजी कंपनियों से ५० से ६० रुपये प्रति लीटर टोंड दूध का भुगतान करके लगभग ६०,००० से ७०,००० लीटर दूध खरीद रहे हैं|

यह पूछे जाने पर कि क्या एमवाईएमयूएल लोगों पर कोई बोझ डाले बिना किसानों को दी जाने वाली राशि में वृद्धि नहीं कर सकता है, डॉ. नागराजू ने कहा जबकि वे पहले से ही ३७ रुपये प्रति लीटर दे रहे हैं, शेष राशि खरीद, डेयरी के संचालन और रखरखाव लागत के लिए आवश्यक है| मैसूरु होटल ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सी नारायणगौड़ा ने कहा मैसूरु में करीब ८०० होटल हैं, लेकिन उनमें से ९९ प्रतिशत नंदिनी दूध पर निर्भर हैं, क्योंकि यह अपने स्वाद और शुद्धता के लिए जाना जाता है| उन्होंने जून में दूध की कीमत में २ रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी| जून के बाद से कॉफी पाउडर की कीमत में तीन बार और चाय की पत्तियों की कीमत में एक बार बढ़ोतरी की गई है| अब जबकि दूध की कीमत में बढ़ोतरी के अलावा बिजली दरों में भी बढ़ोतरी हुई है, तो होटल व्यवसायियों के लिए कॉफी और चाय की कीमत में बढ़ोतरी होना लाजिमी है, खासकर किराए के भवनों में|

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-ज्यादा बढ़ोतरी नहीं कर सकते
चूंकि होटल व्यवसायी पहले से ही फुटपाथ पर खाने-पीने की चीजों के विक्रेताओं से परेशान हैं, इसलिए हम ज्यादा बढ़ोतरी नहीं कर सकते, क्योंकि इससे हमारे ग्राहक कम हो सकते हैं| इसलिए कॉफी चाय की कीमतों में ५ प्रतिशत की बढ़ोतरी न्यूनतम और अपरिहार्य है| गृहिणी प्रभा ने कहा दूध और दही बुनियादी आवश्यक वस्तुएं हैं| हालांकि गृह ज्योति योजना के कारण बिजली के दामों में बढ़ोतरी से मध्यम वर्ग और गरीब परिवारों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन दूध की कीमत में बढ़ोतरी निश्चित रूप से बोझ होगी क्योंकि हम बहुत कम बजट में जीवन यापन करते हैं| मुख्यमंत्री का दावा है कि पिछले कुछ वर्षों में दाल, तेल, रसोई गैस जैसी विभिन्न वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से पीड़ित लोगों की मदद के लिए उन्होंने गारंटी योजनाएं शुरू की हैं| अब हमें गृह लक्ष्मी योजना में मिलने वाले पैसे का कुछ हिस्सा दूध और दही के लिए निवेश करना पड़ सकता है|

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