संविधान का विरोध करना कांग्रेस के डीएनए में है: सी.टी. रवि

संविधान का विरोध करना कांग्रेस के डीएनए में है: सी.टी. रवि

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| पूर्व मंत्री और विधान परिषद सदस्य सी.टी. रवि ने बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर और देश के संविधान का विरोध करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की है| मल्लेश्वरम स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय जगन्नाथ भवन में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के डीएनए में ही संविधान विरोधी मानसिकता है|

डॉ. अम्बेडकर ने इसका विरोध किया था| नेहरू ने भी यही नियम लागू किया| संविधान में डॉ. अम्बेडकर द्वारा प्रस्तावित समान नागरिक संहिता आज तक लागू नहीं की गई है| उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि यदि भाजपा इसे लागू करने का प्रस्ताव रखती है तो वे इसका विरोध करेंगे| डी.के. शिवकुमार की टिप्पणी कांग्रेस के डीएनए का हिस्सा है|

उन्होंने कहा कि साक्षात्कार में उन्होंने संविधान बदलने की बात कही थी| उन्होंने चुनौती दी कि हम कांग्रेस को हटाकर संविधान बचाएंगे| धर्म के आधार पर ४ प्रतिशत आरक्षण संविधान के विरुद्ध है| यह स्पष्ट था कि उनका रुख क्या था, जब उनके मंत्रिमंडल ने उनके रुख को मंजूरी दी, जब उन्होंने इसका समर्थन किया क्योंकि कांग्रेस के पास बहुमत था| उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि उनका रुख संविधान में बदलाव के बाद भी धर्म आधारित आरक्षण देने का है|

राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे| फिर शबानो मामला आया| सुप्रीम कोर्ट ने शबानो को गुजारा भत्ता देने का फैसला सुनाया था| उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी ने संविधान में संशोधन करके संविधान की मंशा के विरुद्ध काम किया| अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाषण में यह नहीं कहा कि वे इस देश की संपत्ति गरीबों में बांट देंगे| इसके बजाय वे इस देश की संपत्ति मुसलमानों में बांट देंगे| अब, यह जानते हुए भी कि संविधान जाति-आधारित आरक्षण को मंजूरी नहीं देता है, मुख्यमंत्री सिद्धरामैया, जिन्हें संविधान के बारे में बहुत जानकारी है, वोट बैंक की राजनीति के लिए जाति-आधारित आरक्षण लाए हैं, जो संविधान के खिलाफ है| अगर अन्य पार्टियों ने भी वही कहा होता जो डी.के. शिवकुमार ने कहा, तो अब तक वे धरती-आसमान एक कर चुके होते|

Read More मेंगलूरु जेल के पास मोबाइल नेटवर्क बाधित

उपमुख्यमंत्री और केपीसीसी अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार का यह बयान कि यदि अदालत हमारे खिलाफ फैसला देती है, तो हम संविधान बदल देंगे, अभी भी यूट्यूब पर उपलब्ध है| उन्होंने कहा कि डी.के. शिवकुमार को खुद दिया गया बयान सुनना चाहिए, जैसे हथेली पर पड़े घाव को जानने के लिए आईने की जरूरत नहीं होती कि झूठ क्या है| उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि शिवकुमार को डीएमके के साथ अपनी मित्रता का उपयोग कर तमिलनाडु को मेकेदातु परियोजना के लिए राजी करना चाहिए था| सरकार को हनीट्रैप मामले में वरिष्ठ मंत्री राजन्ना द्वारा विधानसभा में दिए गए बयान के आधार पर जांच का आदेश देना चाहिए|

Read More सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक गरुड़ाचार का निधन

Tags: