ऑक्सीजन प्लांटों को यूपी सरकार देगी सब्सिडी
योगी कैबिनेट का महत्वपूर्ण फैसला
लखनऊ में बनेगा विश्वस्तरीय कंवेंशन सेंटर
लखनऊ, 28 मार्च (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश ऑक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2021 के अंतर्गत प्रदेश की दो ऑक्सीजन इकाइयों को कुल 23.36 करोड़ की सब्सिडी दी गई है। कोविड महामारी के दौरान ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति में गंभीर संकट को देखते हुए इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन नीति 16 मई 2021 को पेश की गई थी। इसके अंतर्गत आईनॉक्स एयर प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड ने रायबरेली और एयर लिक्विड नार्थ ने मथुरा में मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया। नीति में मुख्य रूप से कैपिटल सब्सिडी और स्टाम्प ड्यूटी की प्रतिपूर्ति का प्रावधान था। दोनों कंपनियों ने नोडल एजेंसी पिकप में प्रोत्साहन राशि का दावा किया था। कंपनियों के दावे क्रमश: 9.16 करोड़ और 14.20 करोड़ रुपए की सब्सिडी का अनुमोदन मंत्रिपरिषद ने कर दिया।
राजधानी के वृंदावन योजना में विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस अंतरराष्ट्रीय एग्जिबिशन कम कन्वेंशन सेंटर बनाया जाएगा। कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए गुरुवार को इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। राजधानी की वृंदावन योजना के सेक्टर 15 में जल्द ही इसके लिए जमीन को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी। डीपीआर के मुताबिक 10 हजार लोगों के बैठने की क्षमता वाले इस कंवेंशन सेंटर का निर्माण करीब 32 एकड़ क्षेत्रफल में किया जाना है।
आवास एवं विकास परिषद की वृंदावन योजना में अंतरराष्ट्रीय कंवेंशन कम एग्जिबिशन सेंटर बनने से राजधानी में अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजनों को लेकर काफी सहूलियत हो जाएगी। लखनऊ में अभी तक 10 हजार की क्षमता वाला कोई कंवेंशन सेंटर नहीं है। ऐसे में इसका निर्माण होने के बाद बड़े सांस्कृतिक, राजनीतिक, राजकीय,
इसके पास ही ओपन थिएटर और होटल के लिए भी जमीन आरक्षित की जाएगी, ताकि बाहर से आने वालों को इसके आसपास ही ठहराने का इंतजाम किया जा सके। प्रोजेक्ट से जुड़े आवास विकास परिषद के अफसरों की मानें तो इस कंवेंशन सेंटर का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर होगा। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट से मंजूरी के बाद अब यहां म्यूजियम के अलावा पाथ वे, रैली ग्राउंड से सटा हुआ माउंट्स एंड ग्रीनरी वर्क, फ्लैग पोस्ट, रिटेनिंग वॉल, स्टैच्यू के पास लाइटनिंग और म्यूजियम ब्लॉक के लिए करीब 77 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
कैबिनेट बाय सर्कुलेशन में हायर अप्लायंसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 124 करोड़ रुपए की सब्सिडी की मंजूरी दे दी गई। कंपनी ने करीब 134 करोड़ रुपये सब्सिडी का दावा किया था। हायर अप्लायंसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड सिंगापुर की हायर सिंगापुर इन्वेस्टमेंट्स होल्डिंग्स पीटीई लिमिटेड की सब्सिडियरी कंपनी है। हायर ग्रुप 1984 में चीन में बना था। भारत में कंपनी का इनकारपोरेशन 24 फरवरी 2003 को हुआ। निवेशक ने ग्रेटर नोएडा में फ्रिज, एसी, वाशिंग मशीन आदि के उत्पादन के लिए तीन चरणों में 2804 करोड़ रुपए निवेश का प्रस्ताव दिया था। बाद में निवेशक ने 13 अगस्त 2021 को 1362.50 करोड़ का पुनरीक्षित प्रस्ताव दिया था। बाद में कैबिनेट के अनुमोदन के बाद यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति-2017 के तहत 11 जुलाई 2022 और यूपी इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन ने 13 जुलाई 2022 को लेटर आफ कम्फर्ट जारी किए। कंपनी ने लगभग 134 करोड़ रुपए सब्सिडी का दावा किया था।
दावे के सत्यापन के लिए सूचीबद्ध वैल्युअर से मूल्यांकन कराया गया। कंपनी ने 890 करोड़ रुपए के निवेश का दावा किया था। इसमें भवन, संयंत्र एवं मशीनरी शामिल थे। वैल्युअर ने 827 करोड़ रुपए के निवेश की रिपोर्ट दी। इस आधार पर 15 फीसदी प्रोत्साहन राशि के रूप में लगभग 124 करोड़ रुपये की संस्तुति की जबकि कंपनी ने 134 करोड़ की सब्सिडी का दावा किया था। कैबिनेट ने वैल्युअर की रिपोर्ट के आधार पर 124 करोड़ रुपए की सब्सिडी जारी करने को मंजूरी दे दी। इसमें से 93 करोड़ रुपये वर्ष 2024-25 और शेष धनराशि 25-26 में दी जाएगी।
स्टांप और पंजीयन विभाग से स्थानीय निकायों और विकास प्राधिकरणों को विकास के लिए मिलने वाली धनराशि उपयोगिता प्रमाणपत्र के अभाव में नहीं रुकेगी। शासन ने उपयोगिता प्रमाणपत्र की प्रक्रिया में बदलाव कर दिया है। स्टांप व पंजीयन विभाग को 7 फीसदी रजिस्ट्री शुल्क में से 2 फीसदी स्थानीय निकाय और विकास प्राधिकरणों में वितरित किया जाता है। ये धनराशि प्रत्येक तिमाही तब जारी होती थी, जब विभाग उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी करते थे। तीन महीने में ये धनराशि खर्च न हो पाने की वजह से उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं बनता था और स्टांप विभाग द्वारा अगली तिमाही की किस्त रोक ली जाती थी। इस प्रक्रिया में संशोधन किया गया है। अब अब पहली तिमाही का उपयोगिता प्रमाणपत्र तत्काल न कर तीसरी तिमाही और दूसरी तिमाही का चौथा तिमाही को जारी किया जाएगा। इससे विभागों को विकास कार्यों पर धनराशि खर्च करने का समय मिल जाएगा। इस प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूर कर लिया।
ग्रेटर नोएडा में स्मार्ट फोन निर्माण की इकाई बनाने के लिए ओप्पो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 120 करोड़ रुपये की सब्सिडी की मंजूरी दी गई है। ओप्पो ने 2000 करोड़ के अनुमानित निवेश ( इसमें जमीन की कीमत शामिल नहीं) प्रस्ताव पर यूपी इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति-2014 के अंतर्गत विशेष प्रोत्साहन की मांग की गई थी। 28 नवंबर 2016 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में निवेश पर प्रस्ताव किया गया था। 22 दिसंबर 2016 को ओप्पो को कैपिटल सब्सिडी, स्टाम्प ड्यूटी , केंद्रीय बिक्री कर प्रतिपूर्ति, विद्युत शुल्क और ईएसआई और भविष्यनिधि की मद में सब्सिडी देने का फैसला लिया गया था।
इसके क्रियान्वन के लिए यूपी इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन ने 2 जनवरी 2017 को लेटर आफ कम्फर्ट जारी किया था। जीएसटी आने के बाद वैट के बजाय नेट एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति का शासनादेश 2 जून 2022 को जारी किया गया। 22 फरवरी 2019 को ओप्पो ने फोन बनाने शुरू कर दिए। 12 फरवरी 2021 को दावे के सत्यापन के लिए निरीक्षण किया गया था। इसमें 1058 करोड़ के निवेश के सापेक्ष कुल निवेश 801 करोड़ रुपए पाया गया। जिस पर 120.23 करोड़ सब्सिडी की संस्तुति की गई। इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूर कर लिया।