एमसीसी ने बारिश के पानी को सीवेज में बदलने पर भारी जुर्माना और जेल की चेतावनी दी
मेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| मेंगलूरु सिटी कॉरपोरेशन (एमसीसी) ने निवासियों, अपार्टमेंट मालिकों, व्यवसायों और उद्योगों को भूमिगत जल निकासी प्रणाली में वर्षा जल को मोड़ने के खिलाफ कड़ी चेतावनी जारी की है|
एमसीसी आयुक्त रविचंद्र नायक ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माने के साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी| कुछ क्षेत्रों में सीवेज नेटवर्क में वर्षा जल छोड़े जाने के मामले देखे गए हैं|
आयुक्त ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप जल निकासी प्रणाली में अत्यधिक पानी भर गया है, जिससे मैनहोल से सीवेज ओवरफ्लो हो रहा है, जिससे जनता को असुविधा हो रही है| भूमिगत जल निकासी प्रणाली में वर्षा जल को जोड़ना सख्त वर्जित है| इमारतों से सीवेज सिस्टम या मैनहोल में किसी भी अनधिकृत कनेक्शन को तुरंत हटाया जाना चाहिए|
उन्होंने चेतावनी दी कि एमसीसी के अधिकारी ऐसे उल्लंघनों की पहचान करने के लिए साइट का निरीक्षण करेंगे और अनुपालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी| यदि वर्षा जल को सीवेज सिस्टम में मोड़ने का दोषी पाया जाता है, तो संपत्ति मालिकों को प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम के तहत १ लाख रुपये का जुर्माना और छह साल तक की जेल हो सकती है| नायक ने चेतावनी देते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत उल्लंघन करने वालों पर एक लाख रुपये का जुर्माना और पांच साल की सजा हो सकती है| पहली बार उल्लंघन करने वालों पर ५,००० रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा| अगर नोटिस के बाद भी अनधिकृत कनेक्शन नहीं हटाया जाता है, तो प्रतिदिन १,००० रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा|
एमसीसी उल्लंघन करने वालों की पानी की आपूर्ति भी काट सकती है| अनधिकृत कनेक्शन को निगम मालिक के खर्च पर हटाएगा, जिस पर २५,००० रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगेगा| अनधिकृत ड्रेनेज कनेक्शन देखने वाले नागरिकों से ०८२४-२२२०३०६ पर कॉल करके या ९४४९००७७२२ पर व्हाट्सऐप के जरिए रिपोर्ट करने का आग्रह किया जाता है|
एमसीसी ने लोगों से स्वच्छ और सुरक्षित शहर बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की है| एमसीसी ने ऐसे मामलों पर भी ध्यान दिया है, जहां सीवेज का पानी स्टॉर्म-वाटर ड्रेन में बहाया जा रहा है| यह प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है| आयुक्त ने कहा कि अधिकारी इस तरह के उल्लंघनों का निरीक्षण करेंगे और तत्काल कार्रवाई करेंगे|