अमित शाह ने श्रीनगर पहुंचकर लिया जायजा

 विधानसभा में सत्ताधारी दल का गैर संवैधानिक आचरण

अमित शाह ने श्रीनगर पहुंचकर लिया जायजा

वक्फ कानून के खिलाफ सत्ता प्रायोजित हंगामा

 गृह मंत्री ने सीमा सुरक्षा का भी निरीक्षण किया

श्रीनगर, 07 अप्रैल (एजेंसियां)। वक्फ कानून के खिलाफ जम्मू कश्मीर विधानसभा में सरकार प्रायोजित हंगामे के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर पहुंचकर स्थितियों का जायजा लिया। हालांकि आधिकारिक तौर पर बताया गया कि गृह मंत्री का कश्मीर दौरा सीमा की सुरक्षा तैयारियों का जायजा लेने को लेकर था। गृह मंत्री ने जम्मू कश्मीर के शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों से राजभवन में मुलाकात की और कठुआ जिले में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास स्थित बीएसएफ पोस्ट का दौरा भी किया। अमित शाह ने बीएसएफ के जवानों की सराहना की और कठिन हालात में देश की सीमाओं को बचाने के उनके प्रयासों को सराहा। गृहमंत्री ने कहा कि बीएसएफ के जवानों द्वारा सीमाओं की रक्षा में किए जा रहे योगदान की कोई तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने जवानों के साहस और समर्पण की प्रशंसा की और उनके योगदान का उच्चतम सम्मान दिया।

अमित शाह ने भारत-पाक सीमा पर अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया और कहा कि सरकार सीमा सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करेगी। विशेष रूप से भूमिगत सीमा पार सुरंगों को खोजने के लिए तकनीकी उपायों को लागू किया जाएगा। शाह ने कहा कि सीमा सुरक्षा बलों को इन नई तकनीकों से अधिक कुशलता से काम करने का मौका मिलेगा।

राजभवन में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन ग्यारह शहीदों के परिवारों से मुलाकात कीजो आतंकवादी हमलों में मारे गए थे। गृहमंत्री और उपराज्यपाल ने शहीदों के परिवारों से संवेदना व्यक्त की और सरकार की ओर से पूरी तरह से मदद करने का वादा किया। शहीदों के परिवारों ने इस दौरान अपनी मुश्किलों और संघर्षों को साझा कियाजो वे शहीदों की मौत के बाद झेल रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि देश कभी नहीं भूल सकता कि शहीदों का बलिदान हुआ है और उनके परिवारों को हर संभव सहायता दी जाएगी।

अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ संशोधन अधिनियम पर हुए सरकार प्रायोजित हंगामे के बारे में भी विस्तृत जानकारी ली। विधानसभा में किया गया हंगामा गैर संवैधानिक कृत्य माना गया है, क्योंकि यह कानून देश की संसद से पारित हुआ है। लिहाजा, राज्य की विधानसभा द्वारा इस पर विरोध जताना स्पष्ट तौर पर संविधान का उल्लंघन है। ऐसा ही उल्लंघन तमिलनाडु विधानसभा ने भी किया है। जम्मू कश्मीर की सत्ताधारी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर पर स्थगन प्रस्ताव को अनुमति देने के लिए दबाव डाला। विधानसभा अध्यक्ष ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया, क्योंकि ऐसा करना गैर संवैधानिक कार्यवाही में शामिल हो जाता। सत्ताधारी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों नजीर गुरेजी और तनवीर सादिक की अगुवाई में विधानसभा में जो असंवैधानिक माहौल बनाया गया, उसके खिलाफ आगे क्या कार्रवाई होगी, इसके बारे में अभी आधिकारिक तौर पर चुप्पी है। लेकिन अंदर ही अंदर इसे लेकर चर्चा गर्म है।

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