नंदीगुड्डे वेश्यावृत्ति मामले में सभी १७ आरोपी बरी
मेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| अट्टावर के नंदीगुड्डे में एक फ्लैट में पीयू कॉलेज की लड़कियों से जुड़े सनसनीखेज २०२२ वेश्यावृत्ति मामले में सबूतों के अभाव में सभी १७ आरोपियों को बरी कर दिया गया है| मेंगलूरु में हलचल मचाने वाले इस मामले का खुलासा तत्कालीन पुलिस कमिश्नर शशिकुमार और डीसीपी हरिराम शंकर के नेतृत्व में पुलिस की छापेमारी के बाद हुआ था|
अधिकारियों ने उल्लाल के प्रमुख स्थानीय बिल्डरों और प्रभावशाली राजनेताओं के सहयोगियों सहित १७ से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था| मुख्य आरोपी कासरगोड के उप्पला की शमीना अपने पति अबूबक्कर सिद्दीकी और सहयोगियों अस्मा, ऐसाम्मा, रहमत और उमर कुन्ही के साथ कथित तौर पर हाई-टेक वेश्यावृत्ति रैकेट चला रही थी| जांच के अनुसार, आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि की युवतियों, विशेष रूप से कॉलेज की छात्राओं को शानदार जीवनशैली और बड़ी रकम का वादा करके बहकाया जाता था|
दो मुस्लिम लड़कियों को बचाया गया, जबकि तीन महिलाओं और एक ७५ वर्षीय व्यक्ति सहित १५ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया| केरल के धनी व्यक्ति कथित तौर पर उन ग्राहकों में शामिल थे, जिन्हें यह विश्वास दिलाया गया था कि वे निजी अपार्टमेंट में कम उम्र की लड़कियों से मिलेंगे| आरोपी ने कथित तौर पर कॉलेज की लड़कियों से दोस्ती की, उन्हें सैर पर ले गए और बाद में लाखों रुपये का लालच देकर उन्हें वेश्यावृत्ति में शामिल होने के लिए राजी किया| पुलिस द्वारा आरोप पत्र दाखिल करने और ८६ गवाहों को पेश करने के बावजूद, मामला अदालत में विफल हो गया क्योंकि प्रमुख गवाह पेश नहीं हुए| २८ मार्च को, मेंगलूरु जिला अतिरिक्त पॉक्सो अदालत ने अपर्याप्त सबूतों का हवाला देते हुए आरोपी के पक्ष में फैसला सुनाया| मुख्य आरोपी शमीना की मुकदमे के दौरान मौत हो गई थी| बचाव पक्ष का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता अरुण बंगेरा, विक्रम राज, प्रसाद बंगेरा और मोहम्मद असगर ने किया|