डीके शिवकुमार का बयान लोकतंत्र विरोधी, संविधान विरोधी: विजयेंद्र
मोदी, भाजपा संविधान बदलने की इजाजत नहीं देगी
कलबुर्गी/शुभ लाभ ब्यूरो| भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक बी.वाई. विजयेन्द्र ने कहा है कि डी.के. शिवकुमार का संविधान बदलने संबंधी बयान अलोकतांत्रिक व असंवैधानिक है| यहां मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा और नरेन्द्र मोदी संविधान को बदलने की इजाजत नहीं देंगे| उन्होंने कहा कि वह डी.के. शिवकुमार के बयान की निंदा करेंगे| कांग्रेस पार्टी ने मुसलमानों को वोट बैंक बना दिया है| इसने राज्य और देश के शोषित और प्रभावित समुदायों को वोट बैंक में बदलकर उनका दुरुपयोग किया है| यह बात बार-बार ज्ञात हो रही है| डी.के. शिवकुमार का बयान सिर्फ उनका निजी बयान नहीं है|
उन्होंने जो कहा वह राहुल गांधी और इस राज्य के मुख्यमंत्री की मानसिकता को दर्शाता है| भाजपा वह पार्टी है जो बाबासाहेब अंबेडकर को सम्मान देती है| उन्होंने कहा कि अंबेडकर और संविधान का सम्मान करने वाले महान व्यक्ति देश के गौरवशाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं| एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों और मुसलमानों को खुश करने के लिए संविधान बदलने का बयान असंभव है| विजयेंद्र ने चेतावनी दी कि हम निश्चित रूप से ऐसा नहीं होने देंगे|
प्रधानमंत्री मोदी अंबेडकर और संविधान को सर्वोच्च सम्मान देने में गर्व महसूस करते हैं| लोग चर्चा कर रहे हैं कि कौन पागल है| उन्होंने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस दिखा रही है कि सत्ता के लिए वह किस हद तक गिर सकती है| पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान सिद्धरामैया, डी.के. शिवकुमार और यहां तक कि राहुल गांधी ने भी झूठा प्रचार किया था कि भाजपा संविधान बदल देगी| उन्होंने ऐसा भाजपा को केन्द्र में सत्ता में आने से रोकने तथा मोदी को प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिए किया| हमने कहा था कि इस देश पर शासन करने वाली कांग्रेस को आजादी के बाद से संविधान में सबसे अधिक संशोधन करने का श्रेय दिया जाता है| अब एक बार फिर उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बयान से उनकी मानसिकाता उजागर हो गई है| कांग्रेस पार्टी की पोल खुल गई है|
डी.के. शिवकुमार ने कहा है कि वह अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए संविधान में भी बदलाव करेंगे| उनका मूड कैसा है? यह स्पष्ट है कि अंबेडकर के प्रति उनके मन में कितना सम्मान था| उन्होंने कहा कि धर्म आधारित आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए| अम्बेडकर ने यह स्पष्ट रूप से कहा है और संविधान में भी इसका उल्लेख है| इसके बावजूद, मुसलमानों को खुश करने के लिए संविधान बदलने संबंधी डी.के. शिवकुमार-सिद्धरामैया के बयान की लोकतंत्र विरोधी और असंवैधानिक बताकर निंदा की गई|