कर्नाटक में 4% मुस्लिम आरक्षण को कैबिनेट की मंजूरी

कर्नाटक में 4% मुस्लिम आरक्षण को कैबिनेट की मंजूरी

भाजपा ने इसे कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति बताया और चेतावनी दी कि इसका देशव्यापी असर होगा। भाजपा ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस कई चुनाव हारने के बावजूद अपनी गलतियों से सबक नहीं ले रही है।

बेंगलुरु, 15 मार्च (एजेंसियां)। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने मुस्लिम आरक्षण के फैसले पर मुहर लगा दी है। कर्नाटक की कैबिनेट बैठक में आरक्षण वाले विधेयक को मंजूरी दी गई है। यह विधेयक जल्द ही विधानसभा में पेश किया जाएगा। इससे राज्य के भीतर मुस्लिमों को सरकारी ठेकों में आरक्षण मिलेगा।

कर्नाटक सरकार की शुक्रवार को हुई बैठक में 4 प्रतिशत आरक्षण देने का यह प्रस्ताव मंजूर किया गया है। मुस्लिमों को यह आरक्षण देने के लिए 1999 के एक कानून में बदलाव किया जाएगा। कयास है इसके लिए विधेयक वर्तमान में चल रहे कर्नाटक विधानसभा सत्र में ही पेश किया जाएगा।

अगर मुस्लिमों के लिए आरक्षण लागू होता है तो राज्य में ठेकों में आरक्षण बढ़कर 47 प्रतिशत हो जाएगा। कर्नाटक में अभी एससी-एसटी और ओबीसी को आरक्षण मिलता है। यह आरक्षण वर्गीकृत करके दिया जाता है। ठेकों में आरक्षण सिद्धारमैया ने ही लागू किया था। उन्होंने 2013-18 की सरकार के दौरान एससी-एसटी और वर्ष ओबीसी को आरक्षण देने का ऐलान किया था। कर्नाटक में सिद्धारमैया की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार कई बार मुस्लिमों को आरक्षण देने का प्रयास कर चुकी है लेकिन विरोध के चलते यह ठंडे बस्ते में चला जाता था। इस बार सरकार इसे विधानसभा तक लाने में सफल रही है।

कर्नाटक सरकार के इस फैसले को लेकर बवाल भी चालू हो गया है। भाजपा ने इस फैसले को देश के संविधान पर हमला बताया है। भाजपा युवा मोर्चा के मुखिया और सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहाकांग्रेस सरकार द्वारा सरकारी ठेकों में मुस्लिमों के लिए 4 प्रतिशत कोटा देने के लिए कैबिनेट की मंजूरी संविधान पर हमला है और धर्मांतरण को प्रोत्साहित करने का कार्य है। उन्होंने कहाधर्म के बजाय हमेशा से सामाजिक और आर्थिक पिछड़ापन को आगे रखा गया है। चुनावी लाभ के लिए यह नया हथकंडा आरक्षण के असल उद्देश्य को ही खत्म करने के बराबर है। सरकार वोटबैंक की राजनीति के लिए शक्ति और सार्वजनिक संसाधनों का दुरुपयोग कर रही है और हमारी अर्थव्यवस्था को राजनीति के लिए मैदान में बदल रही है।

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भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने इसे मुस्लिम लीग और जिन्ना की सोच बताया है। पूनावाला ने पूछा है कि क्या अब पुल और सड़कें गुणवत्ता नहीं धर्म देखकर बनाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इससे नुकसान सिर्फ एससी-एसटी और ओबीसी का ही होगा।

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बार बार हारने के बाद भी नहीं ले रहे सबकप्रसाद

नई दिल्ली, 15 मार्च (एजेंसियां)। भारतीय जनता पार्टी के सांसद रवि शंकर प्रसाद ने सरकारी परियोजनाओं में मुस्लिम ठेकेदारों का चार फीसदी आरक्षण देने के कर्नाटक सरकार के फैसले की आलोचना की। उन्होंने इसे कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति बताया और चेतावनी दी कि इसका देशव्यापी असर होगा। भाजपा ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस कई चुनाव हारने के बावजूद अपनी गलतियों से सबक नहीं ले रही है।

प्रसाद ने कहायह कर्नाटक का मामला हैलेकिन इसका राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव होगा। यह कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी की मानसिकता को दर्शाता है। कर्नाटक सरकार ने बजट में मुसलमानों के लिए सरकारी ठेकों में चार फीसदी आरक्षण की घोषणा सार्वजनिक रूप से की है। उन्होंने आगे कहाअब तक हम केवल नौकरियों में आरक्षण की बात करते थेलेकिन अब सरकारी ठेकों में भी आरक्षण दिया जा रहा है। उसमें भी चार फीसदी मुसलमानों के लिए आरक्षित किया गया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा धर्म के आधार पर आरक्षण के पूरी तरह खिलाफ है और इसका विरोध करती रहेगी। उन्होंने आगे कहाभाजपा इसके खिलाफ है और हम इसका विरोध करते रहेंगे। धर्म के आधार पर आरक्षण भारतीय संविधान के तहत मान्य नहीं है। सरकारी ठेकों में आरक्षण पूरी तरह असंवैधानिक है। इसे केवल सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर अनुमति दी जा सकती हैलेकिन किसी धार्मिक समुदाय को सीधे तौर पर देना मान्य नहीं है। कर्नाटक सरकार के इस फैसले के कारण नई सियासी बहस शुरू हो गई है। भाजपा ने इसे सांप्रदायिक पक्षपात करार दिया हैजबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार का कहना है कि यह कदम आर्थिक अवसरों में समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। प्रसाद ने कर्नाटक सरकार और कांग्रेस नेतृत्व पर तीखा हमला किया और मुस्लिम ठेकेदारों के लिए चार फीसदी आरक्षण के फैसले के लिए कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना की। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर राजनीतिक लाभ के लिए इस कदम को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए प्रसाद ने कहावे कई बार हारने के बाद भी सबक नहीं ले रहे हैं। कर्नाटक में यह आरक्षण राहुल गांधी के संरक्षण में बढ़ाया गया है। सिद्धारमैया इमें खुद इसकी घोषणा करने की न तो हिम्मत है और न ही राजनीतिक ताकत। उन्होंने आगे राहुल गांधी पर वोट बैंक की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहाराहुल गांधी सोचते हैं कि वह इस वोट बैंक की राजनीति से नेतृत्व कर सकते हैं। कांग्रेस जो तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति के नए मानक स्थापित कर रही हैवे देश के लिए हानिकारक हैं।