सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र
कल्याण कर्नाटक क्षेत्र के संकटग्रस्त लाल मिर्च किसानों की मदद करने का आग्रह
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर राज्य में लाल मिर्च किसानों की सहायता के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के तहत मूल्य कमी भुगतान (पीडीपी) योजना को लागू करने का आग्रह किया है| अपने पत्र में, मुख्यमंत्री ने लाखों लाल मिर्च किसानों, विशेष रूप से कल्याण कर्नाटक क्षेत्र में, कीमतों में भारी गिरावट के कारण ‘अभूतपूर्व संकट’ का सामना करने पर दुख व्यक्त किया| सिद्धरामैया ने कहा कि भारत सरकार ने आंध्र प्रदेश में लाल मिर्च (गुंटूर किस्म) के लिए एमआईएस के तहत पीडीपी योजना को मंजूरी दी थी, जिसमें उत्पादन के २५ प्रतिशत तक कवरेज के साथ न्यूनतम हस्तक्षेप मूल्य (एमआईपी) ११,७८१ प्रति क्विंटल तय किया गया था|
उन्होंने १० मार्च को लिखे पत्र में कहा यह एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन कर्नाटक के लाल मिर्च किसानों के सामने आने वाली समस्या का समाधान नहीं किया गया है| उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कर्नाटक में गुंटूर किस्म की लाल मिर्च (वर्षा आधारित) की उत्पादन लागत कर्नाटक कृषि मूल्य आयोग द्वारा १२,६७५ प्रति क्विंटल आंकी गई है| उन्होंने कहा हालांकि, किसानों को अपनी उपज ८,३०० प्रति क्विंटल से भी कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है| इससे न केवल भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है, बल्कि उनके अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है| मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि देश के सबसे पिछड़े और सूखाग्रस्त क्षेत्रों में से एक कल्याण कर्नाटक क्षेत्र में हजारों छोटे और सीमांत किसान लाल मिर्च की खेती पर निर्भर हैं| उन्होंने कहा उनकी दुर्दशा की निरंतर उपेक्षा से आर्थिक संकट और गहरा होगा और कई किसान कर्ज के संकट में फंस जाएंगे| इसलिए यह जरूरी है कि केंद्र सरकार बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत मूल्य कमी भुगतान योजना को कर्नाटक तक बढ़ाए, ताकि आंध्र प्रदेश के साथ समानता सुनिश्चित हो सके| उन्होंने किसानों की बेहतर सेवा के लिए मौजूदा योजना में संशोधन की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें एमआईपी को बढ़ाकर १३,५०० प्रति क्विंटल करना शामिल है| उन्होंने कहा, कर्नाटक में बढ़ती इनपुट लागत और उत्पादन की काफी अधिक लागत को देखते हुए ११,७८१ प्रति क्विंटल का मौजूदा एमआईपी अपर्याप्त है| उन्होंने सार्थक राहत प्रदान करने के लिए कवरेज को कम से कम उत्पादन के ७५ प्रतिशत तक बढ़ाने की भी मांग की|
सिद्धरामैया ने केंद्र सरकार से पीडीपी का पूरा बोझ उठाने का भी आग्रह किया, जो मौजूदा योजना के अनुसार केंद्र और राज्य के बीच समान रूप से साझा किया जाता है| उन्होंने कहा, लाल मिर्च की कीमत काफी हद तक केंद्र सरकार की घरेलू और निर्यात नीतियों पर निर्भर करती है, जो सीधे बाजार की स्थिरता और किसानों की आय को प्रभावित करती है|