झारखंड में 44 ईसाइयों ने अपनाया सनातन धर्म
रांची, 17 अप्रैल (एजेंसियां)। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में 44 ईसाइयों ने ईसाइयत को त्यागकर सनातन धर्म में घर वापसी कर ली। इन सभी को करीब 9 साल पहले बरगलाकर ईसाई में धर्मांतरित करा दिया गया था। चाईबासा के नोवामुंडी प्रखंड क्षेत्र के बड़ा पासेया के रहने वाले ये सभी लोग जनजातीय समाज से आते हैं। 2016 में ईसाई मिशनरियों ने इन्हें अच्छी शिक्षा, अच्छा जीवन और अच्छे रहन सहन का लालच देकर इन सभी का धर्मांतरण करवाया था। जब इन्हें इनकी गलती का अहसास हुआ तो ये सभी सनातन धर्म की ओर वापस लौटने की कोशिशें कर रहे थे। इस मामले में हो समाज युवा महासभा के महासचिव गब्बर सिंह हेंब्रम ने दावा किया कि प्रदेश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बाहर से आकर मिशनरी लोगों का धर्मांतरण करने का षणयंत्र रच रहे हैं।
हो समाज इससे निपटने के लिए लगातार लोगों में जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रहा है। कोशिश है कि लोग वापस अपने मूल में लौटें। इसी क्रम में 44 लोगों ने घर वापसी की है। हिंदू संगठनों का कहना है कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है। गौरतलब है कि दूसरे मतों में बरगलाकर ले जाए गए हिंदुओं को जब अपनी गलती और सनातन धर्म की महानता का अहसास होता है तो वे वापस अपने मूल में लौटते ही हैं। इसी क्रम में पिछले महीने मार्च 17 को भी झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में ही 68 ईसाई परिवारों के 200 लोगों ने जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज के सानिध्य में स्वधर्म में वापसी की थी। इन लोगों मतांतरण कराने वालों ने अपने झूठे माया जाल में फंसाकर इनका स्वधर्म त्याग करवा दिया था। लेकिन, इनसे इनका सनातन धर्म के प्रति लगाव खत्म नहीं हुआ।